नई दिल्ली :– फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर पद्मश्री मिल्खा का कल देर रात निधन हो गया। उन्होंने रात 11:24 बजे अंतिम सांस ली। मिल्खा सिंह कोरोना वायरस से तो उबर चुके थे, लेकिन पोस्ट कोविड साइडइफेक्ट्स से वह नहीं उबर सके।
पीजीआइ के प्रवक्ता प्रो. अशोक कुमार ने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की तमाम कोशिशें की वह शुरुआत में रिकवर भी कर रहे थे, लेकिन वीरवार रात को मिल्खा सिंह का आक्सीजन स्तर गिर गया और उन्हें बुखार भी आ गया था।
उन्हें सांस लेने में लगातार दिक्कत हो रही थी। मिल्खा सिंह के इलाज में लगी सीनियर डॉक्टरों की टीम के साथ उनकी बेटी मोना भी शामिल थीं। परिवार ने उन्हें वेंटिलेटर लगाने के लिए मनाकर दिया था।
परिवार का मानना था कि वह काफी कमजोर हो चुके हैं और इससे उनकी तकलीफ और बढ़ेगी। 13 जून को उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का कोरोना महामारी से निधन हो गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस महान हस्ति के निधन की खबर पर शोक जताया और परिवार को इस मुश्किल वक्त में हिम्मत बनाए रखने की बात कही।
मिल्खा सिंह का जन्म साल 1929 में पाकिस्तान के मुजफरगढ़ के गोविंदपुरा में हुआ था। बंटवारे के दौरान हिंसा में उन्होंने 14 में से आठ भाई बहनों और माता-पिता को खो दिया।
इसके बाद वे भारत आ गए और सेना में शामिल हुए और उनकी जिंदगी बदल गई। एक क्रॉस-कंट्री रेस ने उनके प्रभावशाली करियर की नींव रखी। इस दौड़ में 400 से अधिक सैनिक शामिल थे और इसमें उन्हें छठा स्थान हासिल हुआ। इसके बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए चुना गया।
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