नई दिल्ली :– दिल्ली एनसीआर में बढ़ती गर्मी से लोग काफी परेशान होते जा रहे है | वही दूसरी तरफ गर्मी से बचने के लिए ज्यादातर लोग एसी का सहारा ले रहे है | खासबात ये है की बढ़ते तापमान को लेकर लोग अपने कमरे में लगे एयर कंडीशनर का तापमान 18-19 डिग्री सेल्सियस रखते हैं | जिससे उन्हें राहत मिल सके , लेकिन उन्हें क्या पता की एयर कंडीशनर का तापमान 18-19 डिग्री सेल्सियस रखने से वो अपने स्वास्थ से खिलवाड़ कर रहे है | वही इस मामले में सरकार भी काफी चिंतित है |
आपको बता दे की दिल्ली में शुक्रवार को केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह इस मुद्दे पर देश की प्रमुख एयर कंडीशनर निर्माता कंपनियों के अधिकारियों से मिले और उन्हें इस बारे में उचित कदम उठाने को कहा गया | उनका कहना है की 18 से 21 डिग्री पर एसी लोग चलाते हैं , जिससे लोगों का स्वास्थ ख़राब होता है , साथ ही बिजली की खपत ज्यादा होती है |
वही इस मामले में केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने सभी एयर कंडीशनर निर्माता कंपनियों के अधिकारियों को निर्देश दिए है की एसी पर साफ-साफ इस बारे में उल्लेख करें कि 24 से 26 डिग्री तापमान ही सही होता है | सरकार का मानना है की एसी के तापमान में 1 डिग्री की वृद्धि करने से बिजली की खपत में 6 फ़ीसदी की बचत होती है, मंत्रालय ने इस बारे में ब्योरा ऑफ एनर्जी रिसर्च से एक अध्ययन करवाया है जिसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अधिकांश जगहों पर इसी में 18 से 21 डिग्री तापमान निर्धारित किया जाता है , यह ज्यादा बिजली खपत करने के साथ स्वास्थ्य के लिहाज से भी सही नहीं है क्योंकि सामान्य तौर पर मानव के शरीर का तापमान 36 से 37 डिग्री होता है |
वही दूसरे देश की बात करे तो जापान जैसे कुछ देश पहले से ही एसी कंपनियों के लिए डिफ़ॉल्ट सेटिंग में तापमान की सीमा 28 डिग्री तक कर चुके हैं | स्वास्थ और बिजली की बचत को लेकर मंत्रालय की तरफ से 4 से 6 महीने तक पूरे देश में अभियान चलाया जाएगा , जिससे लोग जागरूक हो सके |
साथ ही उन्होंने देश की प्रमुख एयर कंडीशनर निर्माता कंपनियों के अधिकारियों को आदेश भी दिए है की एसी की डिफ़ॉल्ट सेटिंग में 24 डिग्री तापमान निर्धारित करके ही बेचे , वैसे ग्राहक इसी का तापमान कम करना चाहेंगे तो उन्हें सेटिंग में जाकर बदलाव करना होगा |
वही दूसरी तरफ बिजली आपूर्ति को लेकर मंत्रालय का कहना है की अभी देश के 6 फ़ीसदी घरों में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल होता है , वर्ष 2030 तक सिर्फ एसी के जरिए 20000 मेगावाट बिजली की खपत हो सकती है, अगर ऐसी खरीदने वालों की संख्या बढ़ेगी तो बिजली की खपत भी बढ़ेगी , ऐसे में अगर एसी के तापमान को लेकर सतर्कता बरती जाए तो रोजाना चार करोड़ यूनिट बिजली की बचत की जा सकती है | जिससे लोगो को स्वास्थ का स्वास्थ भी ठीक रहेगा , साथ ही बिजली में इजाफा भी होगा |
वही इस मामले में एनपीसीएल के अधिकारी राजीव गोयल का कहना है की जिस तरिके से मंत्रालय की तरफ से जो कदम उठाए जा रहे है , वह बात बिलकुल सही है | साथ ही उन्होंने बताया की आने वाले समय में कोई भी व्यक्ति अपना मकान तापमान को देखकर बनाता है तो वह व्यक्ति 24 डिग्री सेल्सियस में अपने आपको अच्छा महसूस कर सकता है | जिससे बिजली की बचत के साथ अपना स्वास्थ का भी ख्याल रख सकता है |