अपने जीवन को लोकभलाई के राह पर चलने के लिए तैयार करना सब से बड़ी जिम्मेदारी एवं हिम्मत का कार्य: जी.के.

नई दिल्ली,(24 अगस्त, 2015): सिख पंथ के महान जरनैल बाबा बंदा सिह बहादर कौम में निडरता एवं सरबत के भले के प्रतीक के रूप मंे खालसा राज के योद्धा थे। इस आशय का प्रगटावा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रंबधक कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ने बाबा जी की तीसरी शहीदी शताब्दी को समर्पित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, एल ब्लाॅक कालका जी में विशेष गुरमति समागम के दौरान किया।
जी.के. ने कहा कि समाज में अच्छे व्यवहार के साथ शिक्षा के माध्यम से विचरण करते हुए अच्छा नागरिक बनने की दिशा में बढ़ा जा सकता है। उन्होंने इस संबंध में ईजरायल के यहूदी भाईचारे का शिक्षा की ताकत के कारण अमरीका की नीतियां बनाने में सामने आ रही बड़ी भूमिका का भी हवाला दिया। जी.के. ने कहा कि शहीदी शताब्दी को मनाना मुबारक है परन्तु इन समागमों से घर जाने के बाद अपने जीवन को लोक कल्याण के रास्ते पर चलाने के लिए तैयार करना सबसे बड़ी जिम्मेवारी तथा हिम्मत का काम है। नौजवानों को सिखी सिदक मन में बसा कर गुरमति के रास्ते पर चलते हुए दुनियावी शिक्षा प्राप्त करने का भी जी.के. ने आमंत्रण दिया।
 पूर्व विद्यायक तथा स्कूली शिक्षा परिषद के चेयरमैन हरमीत सिंह कालका तथा धर्मप्रचार कमेटी के परमजीत सिंह राणा ने संगतो को बाबा बंदा सिंह बहादर की शहीदी से प्रेरणा लेते हुए गुरमति की रास्ते पर चलने का आमंत्रण भी दिया।
इस मौके पर श्री दरबार साहिब जी के हजूरी रागी भाई बलबीर सिंह, भाई मनिन्दर सिंह श्रीनगर वालो ने कीर्तन और भाई अमरिन्दर सिंह तालब ने ढाडी प्रसंग द्वारा संगतों को निहाल किया।
गुरुबाणी और गुरू सिद्धांन्तों की निरादर हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगें: राणा
मामला-फिल्म सिंह ईज बलिंग के पोस्टर पर गुरुबाणी की पंक्तियों को इस्तेमाल करने का
नई दिल्ली,(24 अगस्त, 2015): हिन्दी फिल्म सिंह ईज बलिंग के पोस्टर पर गुरुबाणी के पंक्तियों का इस्तेमाल करने पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने ऐतराज जताया है। धर्मप्रचार कमेटी के चेयरमैन परमजीत सिंह राणा द्वारा इस संबंध में सैंट्रल बोर्ड आॅफ फिल्म स्र्टीफिकेशन के चेयरमैन पहलाज निहलानी को भेजे इस पत्र की काॅपी सैंसर बोर्ड के सलाहकार पैनेल में सिख सदस्य गुरप्रीत कौर चड्डा को भी भेजी है।
राणा ने मीडिया रिपोटरों द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार सारागढ़ी की लड़ाई में सिखों की बहादुरी को फिल्मी पड़दे पर सिखों का सकारात्मक पक्ष दिखाने के लिए निर्माता द्वारा की गई कोशिश की प्रशसां करते हुए निर्माता को इस संबंध में जाने अनजाने में सिख सिद्धांन्तों के साथ खिलवाड़ ना करने की भी अपील की।
राणा ने सुखमनी साहिब की अष्टपदी की कुछ पंक्तियों को खालसा पंथ के ककार कडे के ऊपर उकेरने के बाद उस कड़े के घेरे में कम कपडों में अपने जिस्म का प्रर्दशन कर रही लड़की की तस्वीर वाला पोस्टर फिल्म के प्रचार के लिए उपयोग करने पर सख्त ऐतराज जताया है।
राणा द्वारा गुरुबाणी के पंक्तियों को पोस्टर में कलाकारों द्वारा पैरों में रौदने के बारे मंे भी सैंसर बोर्ड के चेयरमैन को अवगत कराया है। इस ऐतराज पत्र में सैंसर बोर्ड को सख्त कार्यवाही करते हुए फिल्म के पोस्टर को 7 दिनों में बदलने की भी मांग की गई है। राणा ने इस संबंध में अपना प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सिख इतिहास के साथ संबंधित इतिहासिक तथ्यों के साथ कोई भी फिल्म निर्माता फिल्म बनाये हमें कोई आपति नहीं किन्तु गुरुबाणी तथा गुरू सिद्धांन्तों का निरादर किसी भी कीमत बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
आर.टी.आई. के जवाब में 1984 के सिख कत्लेआम के पीडि़त परिवारों को सहायता राशि दिल्ली सरकार द्वारा ना देने का हुआ खुलासा
नई दिल्ली, (24 अगस्त, 2015): केन्द्र सरकार द्वारा 1984 के सिख कत्लेआम के पीडि़त परिवारों को 16 दिसम्बर 2014 को एक पत्र  द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को 5 लाख रूपये की सहायता राशि देने के दिए गए आदेश पर दिल्ली सरकार की ढीली कार्यगुजारी सामने आई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सलाहकार जसविन्दर सिंह जौली द्वारा इस संबंध में 4 जुलाई 2015 को दिल्ली सरकार के अतिरिक्त जिला न्यायधीश , रिलीफ ब्रांच ,शामनाथ मार्ग से आर.टी.आई. द्वारा मांगी गई जानकारी में डी.सी. आॅफिस नन्दनगरी द्वारा भेजे गए जवाब में एक भी पैसा का भुगतान इस मद में ना होने का हैरानीजनक खुलासा सामने आया है।
इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए जौली ने दिल्ली सरकार की कथनी और करनी के भेद का इस आर.टी.आई. के जवाब से सार्वजनिक होने का भी दावा किया।  जौली ने कहा कि एक तरफ तो दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने प्रचार के लिए वार्षिक 526 करोड़ की बड़ी राशि बजट में रखते है पर दुसरी ओर पीडि़त परिवारों को स्थानीय एम.डी.एम आफिस में जमा करवाए गये दावों के ऐवज में भुगतान का दिल्ली सरकार का नकारात्मक रवैया हैरानीभरा है।
दिल्ली सरकार के पास इस मद में लगभग 120 करोड़ की रकम के दावे पहुंचने का अंदाजा बताते हुए जौली ने दिल्ली सरकार द्वारा पीडि़त परिवारांे को सहायता राशि बांटने के बाद केन्द्र सरकार द्वारा इस मद का भुगतान प्राप्त करने का भी दावा  किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री को जौली ने इस मद की रकम के तुरन्त भुगतान की मांग करते हुए सिखों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ ना करने की भी अपील की।

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