समिट का आयोजन इंटरनेशनल चैंबर आॅफ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के सहयोग से मारवाह स्टूडियो में आयोजित किया

NOIDA ROHIT SHARMA

कष्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हमारे देष में इतनी खूबसूरती है देखने के लिए जिसके लिए एक जीवन भी कम पड़ सकता है लेकिन आज पर्यटन के लिए शांति और मूलभूत सुविधांए होना अनिवार्य हो गया है। आजकल बाॅलीवुड में दिल्ली का चांदनी चैक, कष्मीर की खूबसूरती, लेह लद्दाख, आगरा का ताजमहल, राजस्थान की मखमली रेत व किले जिस तरह से दिखाए जा रहे हैं जिसको देखकर अन्य देषों के फिल्म निर्देषक भी यहां शूटिंग के लिए आ रहे है और हमारे देष के पर्यटन उद्योग को इससे बढ़ावा मिल रहा है, यह कहना था ग्लोबल मीडिया व टूरिज्म समिट में 20 से अधिक देषों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए संदीप मारवाह का । 
इस समिट का आयोजन इंटरनेषनल चैंबर आॅफ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के सहयोग से मारवाह स्टूडियो में आयोजित किया गया जिसमें 20 से अधिक देष जिनमें नाजीरिया, तजाकिस्तान, कम्बोडिया, युगांडा, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, टोगो, घाना, कीनिया के 40 से अधिक  मीडिया प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस समिट का मुख्य उद्देष्य अलग अलग देषों की संस्कृति के बारे में अधिक से अधिक जानना। इस समिट में रिपब्लिक आॅफ कोरिया के राजदूत माननीय हयून चू, नोएडा टोल ब्रिज कंपनी के चेयरमैन आर॰के॰ भार्गव, पूर्व आईएएस शारदा प्रसाद, नाजीरिया व कैमरून के पूर्व हाई कमीष्नर महेष सचदेव उपस्थित हुए। 
हयून चू ने कहा जब मुझे यहां इस कार्यक्रम का निमंत्रण मिला तब मैने सोचा कि मैं वहां जाकर क्या करूंगा लेकिन यहां आना बहुत सार्थक हुआ क्योंकि मीडिया देषों को आपस में जोड़ता है। यहां आकर मुझे कई देषों के बारे में जानने का मौका मिला। आजकल के वक्त में मीडिया ही किसी देष के टूरिज्म को बढ़ाने में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। शारदा प्रसाद ने कहा हमारा देष कई तरह की संस्कृतियों का मिला जुला रूप है और आज ग्लोबलाईजेषन के चलते पूरा विष्व ही एक परिवार बनता जा रहा है, हमें अपने यहां आने वाले पर्यटकों को अपने परिवार की तरह ही मानना चाहिए तभी हमारे देष में पर्यटन को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा जितना अभी नहीं मिल पा रहा है। महेष सचदेव ने कहा हमारे देष का मीडिया विष्व में बहुत बड़ा है क्योंकि हमारे देष में बहुत तरह की भाषाएं बोली जाती है और हर भाषा में कई तरह के समाचार पत्र व चैनल प्रसारित किए जाते हैं। बाॅलीवुड की फिल्में कई देषों में डब कर के दिखाई जाती हैं जिससे हमारी संस्कृति का पूरे विष्व मंे प्रसार होता है। आर.के भार्गव ने कहा आप किसी देष की संस्कृति को किताबों से नहीं जान सकते उसके लिए आपको वहां घूमना होगा। 
DSC_0053
DSC_0176
Leave A Reply

Your email address will not be published.