मार्किट एसोसिएशन के सुझावों पर काम हो तो नोएडा का सेक्टर 18 बन सकता है दिल्ली का क्नाॅट प्लेस, टेन न्यूज लाइव में बोले पदाधिकारी

ABHISHEK SHARMA

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NOIDA (24/09/20) : कोरोना संक्रमण का असर हर वर्ग, हर क्षेत्र, हर कारोबार में देखने को मिला है। इस साल के अंत तक कोरोना वायरस अगर खत्म भी हो जाए तो भी कारोबारियों के हालात सुधरने में सालों लग जाएंगे। दरअसल कोरोना संक्रमण के भय की वजह से कुछ महीने तो यहां आने जाने की घोषित पाबंदी रही है, जबकि इसके बाद कई महीने तक लोग अघोषित तौर पर दूरी बनाकर रखेंगे।

सामने दिख रहे हालात से व्यवसाय से जुड़े कारोबारी चिंतित हैं। कारोबारी खुद मानते हैं कि इस वर्ष के बाद स्थिति अगर सामान्य होती है तो कोविड-19 के प्रभाव से बाहर आने में कम से कम एक वर्ष का समय लग सकता है।

इसी क्रम में टेन न्यूज़ नेटवर्क लगातार ऑनलाइन वेबीनार आयोजित कर रहा है, जिसमें हर वर्ग के लोगों की समस्या को उठाया जाता है और विशेषज्ञों के माध्यम से समस्या का हल जाना जाता है। वही टेन न्यूज पर ‘व्यापार की बात एस के जैन के साथ’ कार्यक्रम की शुरुआत हुई है, जिसमें नोएडा का दिल कही जाने वाली सेक्ट-18 मार्किट की समस्याओं पर चर्चा की गई।

इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर कर्नल चंद्र प्रकाश (वरिष्ठ उपाध्यक्ष, सेक्टर 18 मार्किट एसोसिएशन) उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम में कर्नल एस. एस भसीन (महासचिव, सेक्टर 18 मार्किट एसोसिएशन), जी एस पहवा (कोषाध्यक्ष, सेक्टर 18 मार्किट एसोसिएशन) अन्य पैनलिस्ट की भूमिका में रहे।

वही इस कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता व्यापारियों के मित्र एवं कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के संयोजक सुशील कुमार जैन रहे। सुशील कुमार जैन ने कार्यक्रम का संचालन अपने अनुभव के जरिए बेहद बखूबी से किया। उन्होंने होटल एवं रेस्टोरेंट कारोबारियों की वर्तमान स्थिति और भविष्य पर काफी सवाल किए, जिनका विशेषज्ञों ने उत्तर दिया।

कर्नल एस. एस भसीन ने अपनी बात रखते हुए कहा कि उन्होंने सन 1995 में अपना व्यापार सेक्टर 18 में शुरू किया था। नोएडा में थ्री स्टोरी बिल्डिंग बनाने वाले हम सबसे पहले थे। उस वक्त व्यापार का इतना अच्छा माहौल था कि हमारे स्टोर में मुरादाबाद से लोग आकर काम करते थे। सरिता विहार, फ्रेंड्स कॉलोनी, मयूर विहार से लोग आते थे। लगभग 1000 लोग रोजाना हमारे यहां विजिट करते थे।

जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे और बिल्डिंग बनती गई। 2006-7 तक बिजनेस अच्छे से चलता रहा लेकिन जैसे-जैसे सेक्टर 18 मार्केट का विकास होना शुरू हुआ वैसे वैसे व्यापारियों को इसकी मार झेलनी पड़ी। मार्केट में चल रहे काम की वजह से ग्राहकों ने आना बंद कर दिया।

इसी बीच यहां मॉल बनने शुरू हुए, जिससे लोगों ने मॉल की तरफ मूव करना शुरू कर दिया। 2 साल तक सेक्टर 18 में काम चलता रहा, इस दौरान मार्केट बुरी तरह पिट गई। उस वक्त नोएडा प्राधिकरण के सीईओ शरद साहब थे उन्होंने मार्केट के लोगों से सुझाव लिए और कई सुझावों पर काम भी हुआ लेकिन जैसे-जैसे प्राधिकरण में अधिकारी कर्मचारी बदलते रहे तो उनका सेक्टर 18 की तरफ ज्यादा फोकस नहीं रहा। जिसके चलते हमारा अच्छा प्लाजा होने के बावजूद ग्राहकों की आवाजाही कम हो गई और हमारा व्यापार नीचे जा रहा है। हमारी स्थिति पहले से बदतर हो गई है।

कर्नल जी एस पहवा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जब हम सेक्टर 18 मार्केट में आए थे, तो यहां बड़ी-बड़ी घास और जंगल हुआ करता था। शाम के समय में अट्टा गांव के लोग गाय भैंस को चराने जाते थे। उसके बाद हमने गैस सिलेंडर का काम शुरू किया जो औद्योगिक सेक्टरों में इस्तेमाल होती थी, इसलिए हम टिके रहे।

इसके बाद 1995 में दूसरा चरण आया, इसमें काफी व्यापारी सेक्टर 18 में आए। उसके बाद हमें सपने दिखाए गए कि आप लोगों को कनॉट प्लेस जैसी जगह पर काम करने का मौका मिल रहा है। उस वक्त अधिकारियों ने कहा था कि सेक्टर 18 नोएडा का कनॉट प्लेस बनेगा और यह बात सच भी हुई लेकिन धीरे-धीरे विकास के नाम पर प्राधिकरण हमें दबाता चला गया।

उन्होंने कहा कि जो काम 1 साल में पूरा हो सकता था, उसमें चार चार साल लगे। जिसके बाद यहां मॉल की योजना आई और व्यापारियों को पूरी तरह से दबा दिया। इसके बाद यहां ग्राहक आने कम हो गए और आज के वक्त में हमारी स्थिति ऐसी है, जैसी व्यापार शुरू करने के समय पर थी।

कर्नल एस एस भसीन ने बताया कि 1996 में हमने अपना व्यापार सेक्टर 18 मे शुरू किया। उस वक्त यह मार्केट इतनी अच्छी होती थी कि सिर्फ नोएडा के ही नहीं बल्कि दिल्ली के लोग हमारे यहां आते थे, इतने ग्राहक होते थे कि दुकानदार को संभालने में मुश्किल होती थी।

उसके बाद यहां विकास शुरू हुआ, जिसमें सेक्टर 18 मार्केट एसोसिएशन का बड़ा हाथ था। प्राधिकरण ने जो विकास की यहां योजना तैयार की थी उसमें काफी खामियां थी। हमारी मार्केट एसोसिएशन ने यहां मॉड्यूलर स्ट्रक्चर बनवाया। हर दुकान के आगे गैस पाइपलाइन, पानी और बिजली का कनेक्शन शुरू कराया।

उन्होंने कहा कि सेक्टर 18 मार्केट के विकास में हमारा काफी बड़ा योगदान रहा और उस वक्त प्राधिकरण के अधिकारियों ने हमारी मांगों पर अमल भी किया, जिसके मुताबिक मार्केट काफी अच्छी तरह से विकसित हुई। लेकिन इसके बाद प्राधिकरण का ध्यान पैसे कमाने में लग गया।

यहां बड़ी बड़ी बिल्डिंग, मॉल और कमर्शियल स्पेस आने शुरू हुए। उसके बाद छोटे व्यापारियों का काम ठप होता चला गया। अभी हम बीच में खड़े हैं और जैसा कि सब जानते हैं सेक्टर 18 में पार्किंग बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है अगर उस में कुछ सुधार लाया जाता है तो मार्केट अभी भी काफी अच्छी बन सकती है।

वही एस के जैन ने कहा कि मार्केट में अभी भी इतनी बड़ी समस्याएं नहीं है। अगर प्राधिकरण चाहे तो छोटे-मोटे सुधार कर मार्केट की व्यवस्था ठीक कर सकती है। एक समय में यहां ऐसा था कि 500 मीटर के क्षेत्र में सभी बड़े बड़े ब्रांड्स थे और उसके बाद यह ज्वेलरी हब बना। उसके बाद काफी ऐसे ब्रांड यहां पर काम कर रहे हैं जिनकी इंटरनेशनल वैल्यू है।

मैं यह नहीं कहता कि यहां बहुत ज्यादा दिक्कतें नही है, मार्केट अभी भी अच्छा काम कर रही है। लेकिन जितनी भी समस्याएं हमारे सामने आई हैं वह सारी समस्याएं शासन, प्रशासन और पुलिस की गलत नीतियों से पैदा हुई हैं।

मैं यह समझता हूं कि यहां पर जो भी अधिकारी नए आते हैं, वह हमेशा कुछ ना कुछ नया करना चाहता है जिससे व्यापारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां शासन, प्रशासन और प्राधिकरण के जो भी नए अधिकारी आते हैं, अगर वह एक बार मार्केट एसोसिएशन के साथ बैठकर समस्याओं पर चर्चा कर लें, तो निश्चित ही इसकी स्थिति काफी बेहतर हो सकती है।

मार्केट के लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है, जिसके चलते समस्याएं और बढ़ती जा रही हैं। हमें इन सब चीजों को बहुत ध्यान से देखना होगा। जहां तक सेक्टर 18 मार्केट एसोसिएशन की बात है तो उसने 24 घंटे काम किया है। रात के किसी भी समय किसी व्यक्ति को समस्या है तो हम लोग वहां पहुंचे हैं। प्रशासन और प्राधिकरण में आवाज उठाने की बात हो तो भी हम सबसे आगे रहते हैं।

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