दिल्ली :– देश की ऑटो इंडस्ट्री में सुस्ती का माहौल है।इस सुस्ती को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का एक बयान इन दिनों सुर्खियों में है । दरअसल, बीते मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान निर्मला सीतारमण ने ऑटो इंडस्ट्री की सुस्ती के लिए ओला और उबर जैसे टैक्सी एग्रीगेटर्स को जिम्मेदार ठहराया था।
वित्त मंत्री के इस बयान पर टेन न्यूज़ की टीम ने ओला और उबर टैक्सी चालकों से खास बातचीत की | उन्होंने कहा की देश के वित्त मंत्री ने ऐसा ब्यान दिया है , जिसका सभी जवाब दे रहे है | ओला और उबर ऑटो इंडस्ट्री में मंदी के ठोस कारण नहीं हैं।
साथ ही चालकों ने कहा की भारत में कार खरीदने को लेकर धारणा में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया है | लोग अपनी जरूरत और शौक पूरा करने के लिए कार खरीदते हैं | मौजूदा मंदी के पीछे ओला और उबर जैसी सेवाओं का होना कोई बड़ा कारण नहीं है। इस तरह के निष्कर्षों पर पहुंचने से पहले मंदी के कारणों का पता लगाना चाहिए।
लोग सप्ताह के दिनों में ऑफिस में जाने के लिए ओला और उबर जैसे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन फिर भी वे परिवार के साथ वीकेंड के लिए अपनी गाड़ी को ही प्राथमिकता देते हैं | अभी भी यह पैटर्न नहीं बदला है, ऑटो इंडस्ट्री में मंदी जैसे हालात के लिए लिक्विडिटी की कमी, टैक्स और इंश्योरेंस के रेट जिम्मेदार हैं।
बीते 6 साल में ओला-उबर की मौजूदगी के बाद भी ऑटो इंडस्ट्री ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है | ओला और उबर जैसी सेवायें पिछले 6-7 साल में सामने आई हैं| सिर्फ पिछले कुछ महीनों में ऐसा क्या हुआ कि मंदी गंभीर होती चली गई है |
वही दूसरी तरफ कुछ चालकों ने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री में मंदी होने का कारण ओला और उबर हो सकते है , लोग अपने वाहन को छोड़कर ओला और उबर इस्तेमाल कर रहे है , क्योंकि लोगों को सस्ता पड़ता है ।
वही लोगों का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सही ब्यान दिया है। जबसे ओला और उबर आई है , तभी से ज्यादातर लोगों ने वाहन खरीदना बन्द कर दिया है , क्योंकि सफर तय करने में पैसे कम लगते है । साथ ही दिमाग मे कोई टेंशन नही होती कि चालान कटेगा या कोई हादसा हो जाए।