पीएम मोदी तीन दिवसीय यूरोप यात्रा के बाद लौटे भारत, जानें कितना अहम है यह दौरा

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (5 मई 2022): भारत के प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी तीन दिनों के यूरोप यात्रा के बाद भारत की राजधानी दिल्ली लौट चुके हैं। आपको बता दें कि इस दौरे में पीएम मोदी जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस के शासनाध्यक्षों एवं समकक्षों से मुलाकात किया। कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। पीएम मोदी का यह दौरा वर्तमान परिपेक्ष्य में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है जहां एकतरफ पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है और वैश्विक अर्थव्यवस्था लचर हाल में है। वहीं दूसरी तरफ रूस- यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध को लेकर दुनिया दो गुटों में बट गई है।ऐसे में भारतीय प्रधानमंत्री के इस दौरे पर चीन, अमरीका एवं रूस सहित दुनिया के कई देशों की नजरें टिकी हुई है। आपको बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध मे, अमरीका एवं यूरोप के काफी दबाब के बाबजूद भारत ने अपनी तटस्थता की नीति को बरकरार रखा है।

जानें कितना अहम है पीएम मोदी का ब्रिटेन दौरा

पीएम मोदी अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान सबसे पहले ब्रिटेन पहुंचे जहां उन्होंने ब्रिटेन के शासनाध्यक्षों से मुलाकात किया। यह दौरा और भी अहम तब हो जाता है जब हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और यूरोपियन यूनियन के प्रमुख उर्सुला वॉन डर लेन का भारत दौरे पर आए थे। जिस दौरान बोरिस जॉनसन के जेसीबी पर खड़े होकर ली गई तस्वीर काफी वायरल हुई और सुर्खियां बटोरने में सफल रही।
वहीं कूटनीतिक एवं सामरिक दृष्टिकोण से भी यह दौरा काफी महत्वपूर्ण रहा क्योंकि इस दौरान इस साल के दिवाली तक दोनों देशों के बीच मुफ्त व्यपार पर सहमति बनी।

जानें भारत- डेनमार्क के दुपक्षीय संबन्धों पर दौरे का असर

पीएम मोदी के तीन दिवसीय यूरोपीय दौरे का दूसरा पड़ाव रहा डेनमार्क, डेनमार्क पहुंचने के बाद पीएम मोदी का ढ़ोल नगाड़ों से भव्य स्वागत किया गया।आपको बता दें कि दुनिया के कई देशों की नजर मोदी के यूरोपीय दौरे पर टिकी रही। यूरोप और अमरीका के लाख दबाबों के बाबजूद भी पीएम मोदी ने जिस प्रखरता के साथ अपनी बातों को रखा है उससे निश्चित रूप से यह बदलते भारत की शक्ति और महत्ता का संकेत है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि आनेवाले समय में वैश्विक पटल पर भारत का डंका बजेगा। इस दौरे पर रूस-यूक्रेन के बीच हो रहे तनाव के मामलों पर तटस्थता की नीति अपनाते हुए भारत ने सभी देशों से बातचीत की और शांति का पक्षधर रहा, इतना ही नहीं पीएम मोदी ने इस तनाव का अपने द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ने दिया।

भारत-फ्रांस का सामरिक संबंध है कितना महत्वपूर्ण

पीएम मोदी के तीन दिवसीय यूरोपीय दौरे का तीसरा एवं आखिरी पड़ाव था फ्रांस, जहां पीएम मोदी का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। आपको बता दें कि फ्रांस में इमेंनुएल मैक्रो ने चंद दिन पहले ही दोबारा जीत हासिल किया है।आपको बता दें कि भारतआ और फ्रांस के बीच ना केवल कूटनीतिक बल्कि सामरिक संबंध भी काफी महत्वपूर्ण एवं प्रगाढ़ है।रक्षा उपकरणों के दृष्टिकोण फ्रांस भारत का दूसरा सबसे बड़ा साझीदार देश है। भारत रूस के बाद सबसे अधिक रक्षा उपकरण फ्रांस से खरीदता है।

निश्चित तौर पर यह भारत की भूमिका का परिणाम है. भारत नहीं चाहता कि यूक्रेन में रूस की कार्रवाई से चीन के उल्लंघनों से दुनिया का ध्यान हटे. तभी तो यात्रा से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘यूरोप की मेरी यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है, जब इलाके में कई चुनौतियां और विकल्प हैं. इस बातचीत से मेरा मकसद है कि मैं यूरोपीय सहयोगियों, जो कि भारत की शांति और समृद्धि की खोज के अहम साथी हैं, के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करूं’।

इन तमाम दृष्टिकोणों से भारतीय पीएम का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण एवं कूटनीतिक दृष्टिकोण से लाभदायक माना जाता है।।

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