राजस्थान की 33वीं स्टेट एम्पॉवर कमेटी की बैठक में पारित हुए 1.18 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव 

जयपुर राजस्थान में निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्थापित  स्टेट एम्पॉवर कमेटी ने 1.18 लाख करोड़ रुपए के 6 निवेश प्रस्तावों की अनुशंसा की है। सोमवार को आयोजित 33वीं स्टेट एम्पॉवर कमेटी की बैठक में चर्चा के बाद इन प्रस्तावों को राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स 2019 ) के अधीन विशेष पैकेज पर निर्णय के लिए अब मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले बोर्ड ऑफ़ इन्वेस्टमेंट को  भेजा जायेगा। इन प्रस्तावों के क्रियान्वन से प्रदेश में 30 हज़ार से अधिक रोजगार का सृजन होगा।

यह पहली बार होगा जब नवगठित बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट को निवेश प्रस्ताव भेजे जायेंगे, पहले एम्पॉवर्ड कमेटी द्वारा अनुमोदित प्रस्तावों को मंत्रिमंडल कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाता था। प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  की सरकार  ने इन प्रस्तावों पर शीघ्रता से निर्णय लेने के लिए गत वर्ष (2020) में  सिंगल विंडो अधिनियम में संशोधन कर बोर्ड ऑफ़ इन्वेस्टमेंट के गठन का प्रावधान किया।

प्रदेश सरकार ने गत दो वर्षो में रिप्स 2019, राजस्थान उद्योग निति 2019, एमएसएमई एक्ट 2019, के साथ राजस्थान सोर ऊर्जा निति 2019 और हाइब्रिड ऊर्जा निति लागु करने जैसे कई बड़े फैसले लिए हैं। इन प्रयासों के कारण कई बड़े निवेशक अब राजस्थान की तरफ देख रहे हैं। बोर्ड के गठन के बाद पहली बार आयोजित एम्पॉवर्ड कमेटी में निवेशकों ने प्रदेश सरकार  द्वारा निवेश को बढ़ाने के प्रयासों में विश्वास व्यक्त किया।

कमेटी द्वारा अनुमोदित प्रस्तावों में सोर और अक्षय ऊर्जा के तीन बड़े प्रस्ताव सम्मलित हैं।  इनमे 48,540  करोड़ रुपए के निवेश से स्थापित किया जाने वाला एक 10 GW का सोर ऊर्जा प्रोजेक्ट, 40 हज़ार करोड़ रुपए के प्रस्तावित निवेश वाला एक हाइब्रिड अक्षय ऊर्जा प्रोजेक्ट और 30,000 करोड़ की प्रस्तावित लगत वाला एक अक्षय ऊर्जा प्रोजेक्ट है जिसमे अतरिक्त उत्पादित ऊर्जा को संग्रहित करने की व्यवस्था है।  इस प्रोजेक्ट में अतरिक्त ऊर्जा को पानी के माध्यम से संग्रहित किया जायेगा जिसे रात्रि के समय जब सोर ऊर्जा उपब्लध नहीं होती इस्तेमाल किया जायेगा।
इन के साथ ही प्रदेश में पहली बार स्थापित होने वाली आईसी/ सेमीकंडक्टर पैकेजिंग इकाई को भी विशेष पैकेज की अनुशंसा की गयी है।   मोबाइल और कंप्यूटर सम्बन्घित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की  बढ़ती माँग  के चलते सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आपार  संभावनाए उतपन्न हुई हैं। प्रदेश में इसके उत्पादन इकाई स्थापित होने से न सिर्फ रोजगार बढ़ेगा बल्कि विदेशो से आयात पर निर्भरता भी घटेगी।

मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में निवेश एवं रोजगार सृजन को लेकर निरन्तर प्रयासरत है और यह सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।  उद्योग विभाग के सचिव श्री आशुतोष पेंडणेकर ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से कम्पनियाें द्वारा चाही गई रियायतों एवं सुविधाओं का प्रस्तुतिकरण दिया।

बैठक में अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक राज. अक्षय ऊर्जा निगम, श्री सुबोध अग्रवाल, खान एवं पैट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अजिताभ शर्मा, राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री आनन्द कुमार, वित्त विभाग के सचिव श्री टी. रविकान्त परिवहन विभाग के सचिव श्री दिनेश कुमार एवं उद्योग आयुक्त श्रीमती अर्चना सिंह ने भी वेबिनार के माध्यम से भाग लिया ।

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