नई दिल्ली: राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं का एक समूह आज दिल्ली के जंतर मंतर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में पहुंचा, जहां वे कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को और तेज करने के लिए हफ्तों से डेरा डाले हुए हैं।
जंतर-मंतर धरना पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘आज सभी विपक्षी दल “काले कानून” के खिलाफ अपना समर्थन देने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। हम पेगासस पर चर्चा चाहते हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं होने दे रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने हर भारतीय के फोन को इंटरसेप्ट किया है।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, शिवसेना के संजय राउत और राजद नेता मनोज कुमार झा इस किसान संसद में पहुंचे। वहीं दूसरी तरफ टीएमसी, बसपा और आप पार्टी ने कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्ष के विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लिया।
जंतर-मंतर तक मार्च करने से पहले, 14 विपक्षी दलों के नेताओं ने शुक्रवार सुबह 10 बजे संसद भवन में बैठक की, जहां उन्होंने किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने का फैसला किया। नेताओं ने दोपहर 12.30 बजे संसद से एक बस में यात्रा की और जंतर-मंतर पर किसान संसद में शामिल हुए, जहां किसान चल रहे मानसून सत्र के विरोध में संसद का समानांतर सत्र आयोजित कर रहे हैं।
मार्च से पहले विपक्ष की बैठक में कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना, राजद, सपा, सीपीआईएम, आप, भाकपा, आईयूएमएल, आरएसपी, एनसी और एलजेडी सहित कई दलों के नेता शामिल हुए। बैठक के दौरान विपक्षी नेताओं ने संसद के दोनों सदनों में अपनी फ्लोर रणनीति पर भी चर्चा की।
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