केंद्र ने वैक्सीन से सम्बंधित संशोधित दिशानिर्देश किए जारी, जानें किस आधार पर होगा खुराक आवंटन
Ten News Network
नई दिल्ली :- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी वयस्कों के लिए मुफ्त टीका की घोषणा के एक दिन बाद केंद्र ने मंगलवार को देश के कोविड -19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए। ये दिशानिर्देश 21 जून से लागू होंगे।
नए नियमों के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रत्येक राज्य की आबादी, बीमारी के बोझ और टीकाकरण की प्रगति के आधार पर टीकाकरण की खुराक मुफ्त प्रदान की जाएगी। घरेलू वैक्सीन विनिर्माताओं को सीधे निजी अस्पतालों को वैक्सीन उपलब्ध कराने का विकल्प दिया जाएगा। निजी अस्पतालों को प्रति खुराक अधिकतम 150 रुपये तक चार्ज करने की अनुमति होगी।
जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, अलग-अलग उत्पादकों द्वारा देश में होने वाले कुल वैक्सीन के उत्पादन का 75 फ़ीसदी हिस्सा भारत सरकार खरीदेगी। बाकी 25 फीसद हिस्सा निजी अस्पतालों के लिए रखा गया है। इसके साथ ही लोक कल्याण की भावना को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से गैर हस्तांतरित इलेक्ट्रॉनिक वाउचर की व्यवस्था रखी गई है ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा प्राइवेट वैक्सिंग सेंटर पर वैक्सीन लगवाए और कोरोना वैक्सीन के इस अभियान में आर्थिक रूप से सहयोग करें।
भारत सरकार द्वारा खरीदी गयी 75 फ़ीसदी वैक्सीन राज्य सरकारों को निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। जिसके बाद राज्य सरकार अपने प्रदेश में वरीयता के हिसाब से वैक्सीन लगा सकती है। भारत सरकार की ओर से मिलने वाली फ्री वैक्सीन पर वरीयता क्रम इस प्रकार रखा गया है: सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मचारीयों को वैक्सीन लगाई जाएगी, फिर फ्रंटलाइन वॉरियर्स, उसके बाद 45 वर्ष की उम्र से ऊपर के नागरिकों की दूसरी डोज बाकी हो तो उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी और अंत में 18 वर्ष से ऊपर के तमाम नागरिको को वैक्सीन लगाई जाएगी।
राज्य सरकारों को पहले अपने यहां वैक्सीन की जरूरत बतानी होगी, जिसके बाद भारत सरकार उन्हें भेजी जाने वाली वैक्सीन की मात्रा बताएगी। वही वैक्सीन के नुकसान को रोकने के लिए, केंद्र सरकार नुकसान के आंकड़ों के आधार पर राज्यों को वैक्सीन की उपलब्धता को कम और ज्यादा कर सकती है।
आपको बता दें, भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के निर्देशन में साल 2020 में बनी कोविड टास्क फोर्स भारत में लगातार वैक्सीन ड्रग्स और कोरोना शोध एवं विकास कार्य कर रही है ताकि भारत को घरेलू स्तर पर यह तमाम चीजें उपलब्ध हो जाए। देशव्यापी होने वाले इस वैक्सीन प्रोग्राम में आय और आर्थिक स्थिति को दरकिनार करते हुए हर देशवासी को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है।