New Delhi: छात्र संगठनों ने आज दिल्ली के जंतर मंतर पर नई शिक्षा नीति के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों ने आरोप लगाया कि पिछले साल 29 जुलाई को जो शिक्षा नीति लाई गई है, वो छात्र विरोधी है। इस नीति से शिक्षा सिर्फ महंगी होगी और विश्वविद्यालयों का निजीकरण बढ़ेगा।
अलग अलग विश्विद्यालय से आए छात्रों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति से शिक्षा महंगी होगी। जबकि शिक्षा सस्ती होनी चाहिए। इस कानून के आने के बाद शिक्षा महंगी हो जाने से गरीब छात्रों की पहुंच से बाहर हो जाएगी।
आंदोलन कर रहे छात्रों ने कहा की इस आंदोलन को कई छात्र संगठनों का साथ मिल चुका है। सरकार की इस निति के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया जाएगा, इसे लेकर सरकार को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।
इस विरोध प्रदर्शन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय, एएमयू, बीएचयू, डीयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, अंबेडकर यूनिवर्सिटी समेत कई विश्वविद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया।
आपको बतादें की नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए केन्द्र ने साल 2030 तक का लक्ष्य रखा है। चूंकि शिक्षा संविधान में समवर्ती सूची का विषय है, जिसमें राज्य और केन्द्र सरकार दोनों का अधिकार होता है, इसलिए राज्य सरकारें इसे पूरी तरह माने ये ज़रूरी नहीं है। सरकार ने जैसे हीं नई शिक्षा नीति लागू करने की घोषणा की थी तभी से पूरे देश में अलग अलग छात्र संगठनों का लगातार धरना प्रदर्शन जारी है।