New Delhi: टोक्यो पैरालिम्पिक्स में सोमवार का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक रहा है। शूटर अवनि लेखरा के बाद जेवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल ने भारत को एक और गोल्ड मेडल दिलाया| यह भारत का आज कुल पांचवा पदक है। इतना हीं नहीं सुमित ने फाइनल में F64 कैटेगरी में वर्ल्ड रिकार्ड बनाया। उन्होंने 68.55 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
कठिनाइयों से भरा रहा बचपन:
सुमित का जन्म हरियाणा के सोनीपत में हुआ था। 6 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में सुमित को एक पैर गंवाना पड़ गया था, लेकिन सुमित ने इसके बावजूद कभी हार नहीं मानी और उसका परिणाम है ये गोल्ड मेडल। इस पैरालिम्पिक में जेवलिन थ्रो में भारत का ये कुल तीसरा पदक है। भारत ने अब तक इस पैरालिम्पिक में दो गोल्ड, 4 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज सहित कुल 7 पदक जीते हैं जो कि पैरालिम्पिक्स इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले रियो पैरालिम्पिक 2016 और 1984 पैरालिम्पिक में भारत ने 4-4 मेडल जीते थें।
अपना हीं वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा:
सुमित ने अपने हीं वर्ल्ड रिकार्ड को तोड़ा है। पहले प्रयास में सुमित ने 66.95 मीटर का थ्रो किया जो नया विश्व रिकॉर्ड था। इसके बाद दूसरे थ्रो में उन्होंने 68.08 मीटर थ्रो किया जो कि फिर से एक नया वर्ल्ड रिकार्ड था। पांचवे प्रयास में उन्होंने और सुधार करते हुए 68.55 मीटर का जेवलिन थ्रो किया जो एक नया कीर्तिमान बना।