New Delhi: डॉ बाबासाहेब आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में 23 अक्तूबर 2021 को एक शानदार नेशनल लीडरशिप समिट ऑन पोज़िटिविटी का आयोजन किया।
सकारात्मकता पर राष्ट्रीय नेतृत्व शिखर सम्मेलन के अवसर पर श्री सुरेश प्रभु ( सांसद सदस्य पूर्व नागरिक उड्डयन , रेल्वे मंत्री) ने सम्बोधित किया और सकारात्मकता मूव्मेंट के प्रति डाॅ ज्ञानश्र्वेर मुले का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे पूर्वज का जब जन्म हुआ था तब सुख सुविधा के कोई साधन नहीं थे फिर भी हमारे पूर्वजो ने सकारात्मकता के सोच के साथ कार्य किया और जीवन में तरक्की की , जब सकारात्मकता सोच के साथ हमारे पूर्वज कर सकते हैं तो हम आज के जमाने में क्यो नहीं कर सकते हैं । मनुष्य की शक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि जन्म के बाद जब मनुष्य धरती पर आता है तो वह जीने के लिए कठोर परिश्रम करता है , साथ ही कहा कि मनुष्य कोई साधारण प्राणी नहीं है बल्कि शाक्तिओ से परिपूर्ण है और कहा कि अगर कोई भी कार्य को सकारात्मकता के साथ किया जाए तो वह जीवन में अवश्य सफल होगा। और अपने कार्यकाल के कुछ अनुभवों को भी साझा करते हुए बोले कि जब इलैक्ट्रिसिटी एक्ट लागू करने के बारे में लोगों को बताया तब लोगों को विश्वास नहीं हुआ कि कोई ऐसा एक्ट भी आ सकता है पर एक सकारात्मकता सोच के साथ प्रयास किया और यह प्रयास सफल भी हुआ।
कुछ उदाहरण भी दिए जैसे कि राम व रावण दोनों ही शक्तिशाली थे पर अन्त में श्रीराम विजयी हुए क्योंकि वह सकारात्मकता सोच के थे और रावण नकारात्मक सोच का । वहीं डॉक्टर के बारे में बात करते हुए बताया कि मरने वाले मरीज के लिए भी वह हर एक सम्भव प्रयास करते है और उससे बचाता है यह केवल उसकी सकारात्मक सोच को दर्शाता है ।
कहा कि उन्होंने अपने जीवन में काफी लोगों को सकारात्मकता के पर चलने के लिए प्रेरित किया और आज वह सभी कुशल व तरक्की के मार्ग पर है।
अन्त में सुरेश प्रभु सभी को सकारात्मकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
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