देश के अंदर बहुत सी एनजीओ होंगे , जो सामाजिक कार्य करते है। उन सब एनजीओ से हटकर एक एनजीओ, जिसका नाम “शिखर” है । आपको बता दें कि साल 2001 में शिखर एनजीओ की शुरुआत दिल्ली में हुई थी । खासबात यह है कि इस एनजीओ ने बहुत से सामाजिक कार्य किए है , जिसको जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
जी हाँ इस संस्था ने दिल्ली के जामिया नगर में अनाथ और गरीब बच्चों को पढ़ाने का संकल्प लिया। जिसके बाद इस संस्था ने “शिखर गर्ल्स” स्कूल की शुरुआत की। वही इस स्कूल में आज तकरीबन 300 से ज्यादा लड़किया पढ़ती है। जब ये बच्चे 12वी पास कर लेते है तो ये संस्था कॉलेज में दाखिला दिलाने के लिए एंट्रेंस की तैयारियां भी कराती है। जिससे उन सभी बच्चों को अच्छे विश्वविद्यालय में आसानी से दाखिला मिल सके ।
वही इस पहल को लेकर टेन न्यूज़ की टीम ने शिखर एनजीओ के महासचिव नदीम खान से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि शिखर एनजीओ की शुरुआत 13 नवंबर 2001 में हुई । वही 2019 की बात करे तो इस संस्था ने बच्चों के लिए पुस्कालय , स्कूल , कंप्यूटर क्लास , वोकेशनल क्लास समेत सारी सुविधा उपलब्ध करा दी हैं। इन सभी सुविधाओं का लाभ अब तक करीब 14 लाख से अधिक बच्चे उठा चुके हैं और अब भी उठा रहे हैं।
साथ ही इस संस्था के माध्यम से जो बच्चों को शिक्षा मिली है ,उसको पाकर बहुत से बच्चे सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में बड़े पद पर काम कर रहे है। जिससे देखकर हमारी संस्था के सभी लोग खुश हो जाते है, क्योंकि हमारी एनजीओ का मकसद था कि बच्चों का भविष्य बने।
वही दूसरी तरफ शिखर एनजीओ के उपाध्यक्ष आदित्य घिल्डियाल का कहना है कि हमारी एनजीओ के लिए बहुत सी बड़ी कंपनियों ने सीएसआर के माध्यम से बहुत मदद की । जिसके चलते आज हम इस संस्था को ऊँचाई पर ले जा चुके है। साथ ही उन्होंने कहा कि शिखर एनजीओ का एक बड़ा मकसद था कि गरीब और अनाथ बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके ।
आज इस संस्था के बहुत बच्चें अच्छे पद पर तैनात है , जिसको देखकर अच्छा लगता है । वही उन्होंने बताया कि जब ये संस्था शुरू हुई थी तब बहुत कम बच्चे थे , लेकिन धीरे – धीरे इस संस्था से हज़ारों बच्चे जुड़ने लगे । अब तक 14 लाख बच्चे हमारी संस्था के द्वारा दी गई सुविधाओं को प्राप्त कर चुके है ।
लड़कियों के लिए शिखर गर्ल्स स्कूल खोला गया , जिसमे 9 से 12वी क्लास तक पढ़ाई होती है , उसके बाद उन बच्चों को कॉलेज में दाखिला दिलाने के लिए एग्जाम की तैयारियां भी करवाई जाती है, जिससे आसानी से कॉलेज में दाखिला हो सके । खासबात यह है कि हमारी संस्था द्वारा महिलाओं को सिलाई और बीयूटीक का काम सिखाया जाता है , जिससे वो सीखकर अपना जीवन यापन कर सके ।