विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड के आदिवासियों ने दिल्ली में किया केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन

Rohit Sharma (Photo-Video) Lokesh Goswami Tennews New Delhi :

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विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में भारतीय आदिवासी संगठन ने दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया । आपको बता दे कि धरने से पहले भारतीय आदिवासी संगठन के लोगों ने विश्व आदिवासी दिवस मनाया । उसके बाद केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर महा धरना दिया , वही इस धरना प्रदर्शन में 500 से ज्यादा लोग शामिल हुए ।



प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आज भारत मे आदिवासी समाज एक गंभीर रोड पर खड़ा है। राजनीतिक , आर्थिक , शैक्षिक और सामाजिक रूप से सबसे गरीब और हाशिये के बीच मे है । आज वैश्वीकरण के दवाब में उनकी ज़मीने और संसाधन खतरे में है । आदिवासी आज इस गौरवशाली देश भारत का प्रथम नागरिक होते हुए भी , अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करने पर मजबूर है । साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आदिवासी समाज के लिए कुछ नही किया ।

वही प्रदर्शन करने आए लोगों ने कहा कि 13 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने एफआरए-2006 मामले में अपना फैसला दिया । इस फैसले में राज्य सरकारों को उन आदिवासियों को जंगल से हटाने का आदेश दिया।

साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक भयावह फैसला है जिसमें लाखों आदिवासियों को अपने घर से बेदखल कर देना, यह किसकी जिम्मेदारी थी ऐसा फैसला हुआ। एफआरए-2006 के 12 साल बीतने के बाद भी आज तक आदिवासियों के अधिकार को कानूनी मुहर नहीं लगाई गई, इसकी जिम्मेदारी खुद केंद्र सरकार की है ।

वही दूसरी तरफ उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वन कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया जा रहा है । वन विभाग को गोली मारने तथा लोगों के अधिकार को छीनने का अधिकार मिलेगा । अगर यह प्रस्ताव कानून बन जाता है तो आदिवासियों और जंगल वासियों के ऊपर वन विभाग की पूरी तानाशाही चलेगी। यह वन अधिकार कानून एवं लोगों के जीने के मूल अधिकार पर सीधा हमला है । ऐसे समय में आदिवासियों के पास और कोई रास्ता नहीं बचा है कि वह ऐसे संघर्ष के लिए सड़क पर उतर आए।

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