फिल्म रिव्यु : वीआईपी कल्चर पर चोट करती सामाजिक फिल्म है धनुष-काजोल अभिनीत वीआईपी 2

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Lokesh Goswami  :Delhi फ़िल्म वीआईपी 2 में धनुष और काजल ने दर्शाया है कि हमारे देश मे वीआईपी कल्चरल का कितना ज्यादा बोल बाला है । फ़िल्म वीआईपी 2 वीआईपी कल्चर पर चोट करती फिल्म है ।

इस फ़िल्म में रघुवरन एक साधारण नौजवान है जिसकी दुनिया वीआईपी साम्राज्य की तुलना में बहुत सरल है।वह अपनी मां,अपनी प्रेमिका, अपने छोटे भाई और पिता को काफी प्यार करता है।

रघुवरन का किरदार हजारों इंजिनियरियों की भीड़ में से एक था। वीआईपी. 2 की शुरूआत रघुवरन 2 के साथ शुरू होती है,। रघुवरन को दिल्ली में जब इंजीनियर ऑफ द ईयर का अवार्ड मिला था। उस पुरुस्कार को अनीषा (रितु वर्मा) उनकी ओर से प्राप्त करती हैं।
रघुवरन को ईयर ऑफ पुरुस्कार मिलने पर वसुंधरा कॉन्ट्रेक्शन की मालिकन काजोल रघुवरन को अपनी कम्पनी में नोकरी करने के लिए दबाब बनाती है। मगर रघुवरन मना कर देता है ।शालिनी अपने पति रघुवरन के शराब पीने से परेशान होती है ।और रघुवरन को डाँटती है । फ़िल्म वीआईपी 2 एक ऐसी कहानी है। जिसमे सिर्फ फर्क इतना है कि ‘अमूल बेबी’ यहां एक महिला है। रघुवरन 2 और वसुंधरा ने एक दूसरों के बीच व्यापारिक सौदे से मुकाबला किया है । रघुवरन ने कम्पनी खोलने के लिए अपने मकान को गिरवी रखकर VIP टू कंट्रक्शन कंपनी का निर्माण करने की सोची थी ।
रघुवरन ने VIP टू कंट्रक्शन कंपनी खोलने के लिए समस्त बैंको से लोन लेना चाहा तो बैंको ने मना कर दिया। कुछ दिन बाद रघुवरन को कम्पनी खोलने में मदद की रघुवरन जब कंपनी खोलने को तैयार होते हैं और रघुवरन से 50% शेयर मांगते हैं मगर रघुवरन के पास 50% शेयर जमा करने के लिए अपने मकान को गिरवीरखना पड़ा और इस तरह VIP टू कंट्रक्शन कंपनी का निर्माण किया गया।
कंपनी खोलने के कुछ दिन बाद रघुवरन को प्रोजेक्ट न मिलने को लेकर चिंता होने लगी और साथ ही उस समय रघुवरन को प्रकाश का फोन आता है. और रघुवरन को एक प्रोजेक्ट मिल जाता है। प्रकाश रघुवरन से कहता है यह आपकी कंपनी का पहला प्रोजेक्ट है आप इसमें अपनी छमता अच्छी तरीके से डेडिकेट करेंगे। और इस प्रोजेक्ट को अच्छा अंजाम देंगे। जब रघुवरन साइट को विजिट करता है तो प्रोजेक्ट से 2 किलोमीटर पर एक झील है। झील को देखकर रघुवरन प्रोजेक्ट बनाने से इंकार करता है। साथ ही कहता है कि यहाँ परेशानी किसी भी टाइम बाद आ सकती है। रघुवरन साइट का विजिट करते हैं और वहां के मिटटी के सैम्पल को लैब में टेस्ट करने के लिए भेजते हैं। तो सैंपल लैब में फेल हो जाता है। उसको लेकर रघुवरन प्रकाश से प्रोजेक्ट बनाने से मना कर देता है। जिस जमीन पर प्रकाश प्रोजेक्ट बनाना चाहता था वह सरकारी जमीन है। और उस पर कब्ज़ा किया गया था । जब प्रोजेक्ट बनाने से रघुवरन मना कर देता है तो प्रकाश वसुंधरा कंट्रक्शन को यह प्रोजेक्ट दे देता है।
मगर रघुवरन नहीं चाहता था कि यह प्रोजेक्ट कभी बने जिससे आम लोगों को कभी परेशानी हो। रघुवरन इस प्रोजेक्ट के बारे में बताने के लिए काजल से मिलने के लिए काफी बार उनके ऑफिस आया मगर उन्हें मिलने नहीं दिया गया।
जब वसुंधरा कंट्रक्शन ने साइट पर काम करना शुरू किया तो तो रघुवरन ने अपने हजारों इंजीनियर साथियों के साथ धरने पर बैठ जाता है और इसे रोकने की कोशिश करने लगता है।

फिल्म की कहानी इन्ही सब बातों के इर्द गिर्द घूमती रहती है।

वीआईपी 2 से काजोल ने बहुत समय बाद साउथ फिल्मों में वापसी की है। उनका साथ दे रहे हैं अभिनेता धनुष जिन्हें बेजोड़ एक्टिंग के लिए नेशनल अवार्ड से भी सम्मान्नित किया जा चूका है। ⁠⁠⁠⁠

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