नई दिल्ली :– किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 11वें दौर की वार्ता शुरू हो गई है। विज्ञान भवन में ये वार्ता हो रही है। सरकार की ओर से कानून टालने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया है।
किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि किसान ट्रैक्टर रैली जरूर निकालेंगे, हम तिरंगे के साथ रैली निकाल रहे हैं ऐसे में इसपर इजाजत क्यों नहीं दी जा रही है।
किसान नेताओं ने कहा कि आज भी हम अपनी वही मांगे सरकार के सामने रखेंगे , जो काफी समय से हम रखते हुए आ रहे हैं हमारी सिर्फ एक ही मांग है की कृषि कानून को रद्द किया जाए और आज की जो बैठक है उसमें हम उम्मीद करते हैं कि सरकार हमारी बात मानेगी।
डेढ़ साल के लिए कृषि कानून को स्थगित किए जाने वाले प्रस्ताव को लेकर किसान नेताओं ने कहा हम सरकार के जुमलो में आने वाले नहीं हैं। सरकार किसानों को गुमराह करने का काम कर रही है , हम सरकार की बातो में आने वाले नहीं है अगर किसी व्यक्ति की तबीयत अभी खराब है तो आप उसको दवाई डेढ़ साल बाद दोगे क्या ?
साथ ही 26 जनवरी को लेकर किसानों ने साफतौर पर कहा की यह लोग जो हमें खालिस्तानी और आतंकवादी संगठन से जुड़ा हुआ बता रहे हैं हम 26 तारीख को ट्रैक्टर मार्च के जरिए अपने देश के झंडे के साथ इन सब को दिखा देंगे कि हम भी इसी देश के किसान हैं और किसान और जवान उस दिन साथ में परेड करेंगे।
आपको बता दे कि सरकार और किसान की पिछले दस दौर की बातचीत विफल रही है। किसान है कि अपनी जिद्द पर अड़े हुए है , वही दूसरी तरफ सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि किसी भी तरह किसानों को मनाया जाए इसको लेकर सरकार ने पिछले दौर की बातचीत में किसान नेताओं के सामने एक प्रस्ताव रखा था इस प्रस्ताव में सरकार ने किसानों को कृषि कानून डेढ़ साल तक के लिए स्थगित करने को कहा था ।
जिसमें किसानों को कहा गया था कि अगले डेढ़ साल तक कृषि कानून लागू नही होंगे और किसान नेता चाहे तो सरकार के सामने अपनी बात रख सकते है और कानून में जो भी बदलाव वो चाहते हो उसके लिए हम उनकी बात सुनेगे । जिसके बाद सभी किसान संगठनों ने सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।