नई दिल्ली :– देश में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकारे काम कर रही है। साथ ही इस कार्य में सभी सरकारों का एक ही मत रहा है कि भारत में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाए। लेकिन आज भी हमारे समाज में महिलाओं का हर तरफ शोषण हो रहा है और उन्हें तरह-तरह से प्रताडि़त किया जा रहा है।
वही महिलाओं का आर्थिक व सामाजिक रूप से सशक्तिकरण , महिला समानता , महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा, सहभागिता समेत अन्य मुद्दों को लेकर टेन न्यूज़ नेटवर्क ने ‘आमने सामने’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का संचालन रचना तिवारी ने किया। रचना तिवारी एक ऊर्जावान एंकर , लेखिका , समाजसेविका , ग्रीन एक्टिविस्ट , कम्युनिटी संवाद की एडिटर के साथ साथ आरडब्लूए की अध्यक्ष भी है।
आपको बता दे कि रचना तिवारी ने टेन न्यूज़ नेटवर्क के माध्यम से ” आमने सामने ” कार्यक्रम शुरू किया है , जिसका आज पहला एपिसोड है | वही इस कार्यक्रम में शिक्षिका से राजनीति तक सफर करने वाली महान महिला प्रोफेसर किरण वालिया शामिल रही। साथ ही ऊर्जावान एंकर रचना तिवारी ने प्रोफेसर किरण वालिया से महत्वपूर्ण प्रश्न किए , जिसका जवाब किरण वालिया द्वारा दिया गया।
कोरोना वैश्विक महामारी में टेन न्यूज़ नेटवर्क वेबिनार के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है , साथ ही लोगों के मन में चल रहे सवालों के जवाब विशेषज्ञों द्वारा दिए जा रहे हैं। आपको बता दे कि टेन न्यूज़ नेटवर्क ने “आमने सामने ” कार्यक्रम शुरू किया है , जो टेन न्यूज़ नेटवर्क के यूट्यूब और फेसबुक पर लाइव किया जाता है।
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता और दिल्ली की पूर्व मंत्री किरण वालिया 2015 के चुनावों में आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल का नई दिल्ली से मुकाबला किया। दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर रहीं किरण वालिया दिल्ली में कांग्रेस सरकार में शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री रह चुकी हैं।
प्रो. किरण वालिया को 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती को कडी टक्कर दी थी। इसके अलावा किरण वालिया दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी है। किरण वालिया 1999, 2003, 2008 में विधायक रह चुकी हैं। इसके अलावा वे बिजनेस एडवाइजरी, महिला और बाल कल्याण समिति जैसी कई समितियों में रह चुकी हैं।
किरण वालिया एक भारतीय राजनेता और प्रोफेसर हैं , जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य के तौर पर दिल्ली के मालवीय नगर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। किरण वालिया नई दिल्ली में पैदा हुईं और आईआईपीए से रिसर्च मेथडोलॉजी में अपनी शिक्षा पूरी की। वह दिल्ली विश्वविद्यालय में एक सहायक प्रोफेसर के रूप में भी काम करती है।
किरण वालिया दिल्ली, भारत की दूसरी, तीसरी और चौथी विधानसभा के सदस्य रही है। साथ ही साथ यह शीला दीक्षित की सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुकी है। इसके अलावा यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास और भाषा जैसे मंत्रालयों का प्रभार भी संभाल चुकी है।
दिल्ली की पूर्व मंत्री प्रोफेसर किरण वालिया ने कहा, कभी-कभी तो लगता है कि मुद्दे उठाने की आदत बहुत बचपन से थी। जब मैं दिल्ली के मशहूर कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी , तो मुझे बहुत से आईडिया आते थे कि समाज में कैसे काम किया जाए , जिससे लोगों की मानसिकता में सुधार आ सके।
जिस तरह हम लोगों पर परिवार की अच्छी सोच का प्रभाव पड़ता है , उसकी बहुत बड़ी भूमिका रहती है। मुझे लगता है कि अगर वो माहौल नहीं होता, तो मैं आज इस मुकाम पर नहीं होती। उसके लिए मैं अपने पेरेंट्स का शुक्रिया गुजार हूं। मुझे लगता है कि हमें यह सीखना है कि आगे हमें अपने बच्चों को क्या सिखाना है, हमारे परिवार में कैसे खाना , कैसे पहनना, यह चीजें डिस्कस नहीं होती थी, सिर्फ अपने भविष्य को किस तरह से उज्जवल बना सके, उस पर डिस्कशन हुआ करता था। हमारी जो परवरिश है वह बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने आगे कहा, समाज के लिए कुछ करना है इस पर मेरा ध्यान केंद्रित हमेशा रहता था, जिसको लेकर मैंने काम शुरू किया। मैं आज शिक्षक से राजनीति तक का सफर तय किया। मैंने बहुत सी चुनौतियां का सामना किया। मैंने महिलाओं के हक के लिए सरकार से लड़ाई की, सरकार के सामने मांगे रखी, आज भी महिलाओं के हक के लिए मैं खड़ी हूं। मुझे दुख होता है जब मैं सुनती हूं कि आज किसी महिला के साथ उत्पीड़न हुआ। आज का दौर ऐसा आ गया है कि महिलाओं का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। आज के समय में महिला सुरक्षित नहीं है, रोजाना महिला उत्पीड़न , बलात्कार हो रहे हैं।
दिल्ली सरकार की पूर्व समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास मंत्री प्रोफेसर किरण वालिया ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का समर्थन किया था। उन्होंने कहा महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए यह जरूरी है।
पूर्व मंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण वालिया ने महिलाओं के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि महिलाओं के मुद्दे का राजनीतिकरण करना बंद करें और लगातार बढ़ रहे यौन शोषण के मामलों पर रोक लगाई जाए।
प्रो. वालिया दिल्ली में महिलाओं के साथ लगातार यौन शोषण से जुड़े मामलों को लेकर कड़ा एतराज जताया है। वालिया ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल महिलाओं के मुद्दे का राजनीतिकरण करते है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता किरण वालिया ने कहा कि शीला दीक्षित के कार्यकाल में महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाते हुए डायल 181 शुरू किया गया था। जिस पर महिलाएं रात को 12 बजे भी अपने साथ होने वाले हादसों को लेकर न्याय के लिए कॉल करती थी।
इसकी मॉनिटरिंग स्वयं उस समय मुख्यमंत्री शीला दीक्षित करती थी। लेकिन मौजूदा समय में महिला सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले अरविंद केजरीवाल सरकार ने उन सभी योजनाओं को लगभग बंद कर दिया है। केजरीवाल ने डायल 181 को बंद करके उसके अधिकार महिला आयोग को दे दिए है, पर सभी को पता है कि अभी के समय महिला आयोग की क्या स्थिति है। वालिया ने कहा कि अगर कोई महिला दिल्ली महिला आयोग में शिकायत लेकर जाती है तो उसको पहले एफआईआर कराने के लिए कहा जाता है, तो फिर ऐसे में महिला आयोग का क्या औचित्य।
कोविड -19 महामारी के बावजूद, दिल्ली में यौन उत्पीड़न और हमलां से दिल्ली की महिलाए बची नहीं है, क्योंकि पिछले एक महीने में, दो नाबालिग लड़कियों और दो अन्य के साथ यौन उत्पीड़न और यौन शोषण की घटनाऐं राजधानी में हुई हैं, जबकि दिल्ली की अरविन्द सरकार और केन्द्र की मोदी सरकार अपने खोखले घोषणाओं के बावजूद महिलाओं की सुरक्षा और उनके बचाव को सुनिश्चित करने में विफल रही हैं।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की अरविन्द सरकार से मांग की गई कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए मौहल्ला मार्शल, डीटीसी बसों में मार्शल की नियुक्ति की जाए और महिलाओं के खिलाफ अपराध के प्रत्येक मामलों को फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलाए जाएं ताकि पीड़ित महिलाओं को जल्द न्याय मिल सके।
दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध 2017 में 11,542 और 2018 में 13,640 मामले सामने आए और राजधानी रेप केपिटल के नाम से जानी जा रही है। आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सहानुभूति पाकर दिल्ली की सत्ता में आई थी और निर्भया कांड के समय केजरीवाल ने कहा था कि जो सरकार महिलाओं की सुरक्षा नही कर सकती उसे सत्ता में रहने का कोई हक नही है।
सत्ता में आने के बाद महिला सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की सिर्फ घोषणाऐं ही की है, और जो सीसीटीवी कैमरे लगाए भी गए वे बंद पड़े है। उन्होंने कहा कि अरविन्द सरकार की महिलाओं के प्रति असंवेदनशीलता साफ उजागर हो जाती है कि निर्भया फंड के तहत 390 करोड़ जारी राशि में से महिलाओं की सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं पर सिर्फ 19 करोड़ रुपये ही खर्च हुए।
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों के कारण अराजकता का माहौल है और दिल्ली में महिलाऐं बिलकुल भी सुरक्षित नही है, क्योंकि केजरीवाल पूर्व मंत्री और विधायक पर भी बलात्कार, यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और धारा 354 के तहत केस चल रहे है। जबकि भाजपा विधायक भी कोई महिलाओं के प्रति अपराधों से कोई अछूते नही है।