व्यक्ति बदले हैं एजेंडा नहीं : न्यायमूर्ति वीएस कोकजे

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नई दिल्ली। 15 अप्रैल 2018 को विश्व हिंदू परिषद के नवनिर्वाचित अंतर्राष्ट्रीय पदाधिकारियों का सार्वजनिक अभिनंदन इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद के तत्वाधान में राजधानी के अनेक धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक व विधिक संगठनों के पदाधिकारियों ने नई दिल्ली स्थित कांस्टिट्यूशन क्लब में आयोजित एक भव्य स्वागत समारोह में किया। खचाखच भरे सभागार में कार्यक्रम की अध्यक्षता महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी राघवानंद जी महाराज ने की। विहिप टोली ने वाल्मीकि मंदिर, गुरुद्वारा व जैन मंदिर के दर्शन तथा आर्य समाज मंदिर में हवन कर प्रभु से प्रार्थना की।

उपस्थित जन समूह को सम्बोधित करते हुए नवनिर्वाचित विहिप अध्यक्ष न्यायमूर्ति विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि पूरे देश में सामाजिक समरसता का भाव जगाते हुए, कुरीतियों को दूर हटा, संस्कारवान समाज का निर्माण कर भारतीय मूल के धर्मों को एक करके ही हम हिंदू संस्कृति का संवर्धन कर सकते हैं। भव्य राम मंदिर का निर्माण, गौ रक्षा और गौरवशाली हिंदू समाज का एकीकरण ही हमारा लक्ष्य है। उन्होने कहा कि 1964 में पूज्य स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराजपरम पूज्य श्री गुरूजीश्री के एम मुंशी और  बड़ोदरा के जयचंद्र बारिया जैसे श्रेष्ठ महापुरुषों के करकमलों द्वारा स्थापित विश्व हिंदू परिषद ने अब तक हिंदू हितों के अनगिनत कार्य किए हैं किन्तु, सेवा, समता, समानता, समरसता, सदभाव, संस्कार के साथ विधवा, परित्यक्ता व बुजुर्गों की सुरक्षा तथा उनके प्रति सम्मान जैसे अनेक विषयों पर अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है जिसकी जिम्मेदारी हमारी इस नई टोली के कंधों पर है।

उन्होंने यह भी कहा कि संगठन के पदाधिकारियों का चेहरा बदला है किन्तु, उद्देश्य या एजेण्डा नहीं। आज इस सभागार में उपस्थित अपार जन समूह के साथ वरिष्ठ तथा आत्मीय लोगों की उपस्थिति व स्नेह ने मेरे इस विश्वास को और धृण किया है कि हम यह काम पूज्य संतों के आशीर्वाद तथा आप सभी के सहयोग से आसानी से पूरा करने में सफल होंगे।

विहिप के नवनिर्वाचित कार्याध्यक्ष एडवोकेट श्री आलोक कुमार ने कहा कि आज मुझे अयोध्या की पावन श्रीराम जन्मभूमि पर एक बार लहू-लुहान हुए श्री अशोक सिंहल जी के उस रौद्र रूप का स्मरण हो रहा है। देश के हज़ारों गाँव से पूजित राम शिलाएँ तथा गढ़े-गढ़ाए पत्थर, खंभे इत्यादि मंदिर की भव्यता की प्रतीक्षा में हैं। अयोध्या में जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का समय निकट आ रहा है। चाहे न्यायालय के निर्णय से बने या संसदीय कानून से किन्तु, हमारा संकल्प है कि मंदिर वहीँ पर, उसी प्रारूप का (जिसे रामभक्तों ने दशकों से अपने ह्रदय में संजोकर रखा है), उन्हीं लोगों के द्वारा, शीघ्र बनकर रहेगा। अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा के अन्दर कोई नई मस्जिद नहीं बनाने दी जाएगी तथा बाबर के नाम पर कोई मस्जिद, भवन या स्मारक भारत की पावन धरा पर कदापि स्वीकार्य नहीं। सैक्यूलर्वादियों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि यदि जामा मस्जिद के बाहर सूअर का मांस नहीं बेचा जा सकता तो गोपाल के इस देश में सरे आम लोग गौहत्या या गौमांस की पार्टियों का दुस्साहस कैसे कर सकते हैं। भारतीय अर्थतन्त्र तथा कृषि व ग्राम विकास के आधार – गौवंश का आदर समस्त भारतीयों को करना ही होगा। यह न सिर्फ हमारी आस्था का विषय है वल्कि सभी नागरिकों का संवैधानिक उत्तरदायित्व भी है। साथ ही, छुआछूत तथा भेदभाव मुक्त समाज का निर्माण भी हमारी प्रमुख प्राथमिकता रहेगी।

हिन्दू समाज को एक सूत्र में पिरोने तथा समय-समय पर आई विविध चुनौतियों का सामना कर बलिदान हुए उन असंख्य विहिप-बजरंगदल कार्यकर्ताओं तथा अन्य हिन्दू वीरों का स्मरण करते हुएविहिप महामंत्री श्री मिलिंद पराण्डे ने कहा कि संतों के मार्गदर्शन तथा कार्यकर्ताओं के त्याग, तपस्या व निष्ठा का ही परिणाम है कि बात-बात पर हिन्दू समाज विश्व हिन्दू परिषद से अपेक्षा करने लगा है। हिन्दू समाज के समक्ष अनेक चुनौतियाँ मुँह बाए खड़ी हैं जिनसे हम सर्व समाज को साथ लेकर मुकाबला करेंगे।

अपने आशीर्वचन देते हुए पूज्य स्वामी राघवानंद जी महाराज ने कहा कि हिन्दू समाज को एक सूत्र में पिरोना वास्तव में सबसे दुष्कर कार्य है। मुझे विश्वास है कि विश्व हिन्दू परिषद के असंख्य कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत तथा यह सशक्त नेतृत्व इस चुनौती को स्वीकार कर आगे बढेगा।  

कार्यक्रम में विहिप पदाधिकारियों का नागरिक अभिनन्दन करने वालों में एससी/एसटी वेलफेयर एसोशिएशन तथा वाल्मीकि समाज चेतना संगठन के अध्यक्ष श्री ब्रह्म प्रकाश, अखिल भारतीय रेगर महा सभा के महा सचिव चतर सिंह रछौया, गुरु रविदास जन्मोत्सव कमेटी के उप-प्रधान मेहर सिंह, उत्तर रेलवे कर्मचारी यूनियन के प्रभारी मदन लाल वाल्मीकि, त्रिनगर ब्राह्मण सभा के ब्रह्मदत्त शर्मा, परशुराम सभा अध्यक्ष शशि शर्मा, 360 गाँवों के प्रधान रामकरण, 96 गाँवों के प्रधान राकेश नम्बरदार, अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के महामंत्री बाबू राम गुप्ता, प्रमोद जैन, समाज सेवी सुखराज जैन, तेरापंथ जैन महासभा के प्रधान कन्हैयालाल जैन, मूर्तिपूजक जैन समाज प्रमुख ललित नहाटा व गोविन्द वाफना जैन, खुकरान वर्ल्ड ब्रदरहुड के श्री बृजमोहन सेठी, आर्य केन्द्रीय सभा के उपप्रधान व आर्यसमाज करोल बाग़ के प्रधान कीर्ति शर्मा, सीमा जागरण मंच दिल्ली के अध्यक्ष लेफ्ट. जनरल नितिन कोहली, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रधान बालकृष्ण अग्रवाल, सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के मनोहर लाल कुमार व अरुण द्विवेदी, राजधानी की विविध रामलीलाओं से धीरजधर गुप्ता, महेंद्र नागपाल, राजेश गहलोत तथा अशोक गोयल, झंडेवालान देवी मंदिर के प्रधान नवीन कपूर, गुर्जर समाज से चौ. पाला तंवर, चौ. धरमवीर, बलजीत सिंह, सदगुरु ठाकुर दलीप सिंह नामधारी संत समाज के प्रधान सरदार अरविंदर सिंह, ग्रुप ऑफ़ इंटेलेक्चुअल्स एंड एकेडेमीशियंस की संयोजिका व उद्योगपति श्रीमती ललिता निझावन, बार काउंसिल दिल्ली के एडवोकेट सूर्य प्रकाश खत्री व केके त्यागी, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. सत्येन्द्र प्रसाद मिश्र, धर्म यात्रा महासंघ के मांगी राम गर्ग, राष्ट्रीय सिख संगत के जत्थेदार अवतार सिंह, प्रसिद्ध उद्योगपति डा वीके मोदी की ओर से डा नरेन्द्र गुप्ता, समाज सेवी कर्नल राजेश पांडे तथा पूर्व मेयर सुभाष आर्य के अलावा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में सदन की नेता शिखा राय भी शामिल थीं।   

स्वागत समारोह में मंच पर विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री विनायक राव देशपाण्डे के अलावा सामने बैठे दिग्गजों में विहिप के मा. श्री दिनेश चन्द्र, अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री चंपतराय, श्री ओम प्रकाश सिंघलश्री जीवेश्वर मिश्रश्री राघवल्लु, श्री राजेन्द्र पंकजसंयुक्त महामंत्री श्री कोटेश्वर शर्माडा सुरेन्द्र जैनकेन्द्रीय मंत्री श्री अशोक तिवारीक्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री करूणा प्रकाशबजरंगदल के राष्ट्रीय संयोजक श्री मनोज वर्माराष्ट्रीय प्रवक्ता श्री विजयशंकर तिवारी, इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद के मंत्री श्री बचन सिंहउपाध्यक्ष श्री गुरदीन प्रसाद, दुर्गा वाहिनी प्रांत संयोजिका कु. कुसुम सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विहिप, बजरंगदल व दुर्गावाहिनी के अनेक पदाधिकारी तथा गणमान्य लोग उपस्थित थे। मंच संचालन विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने किया।

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