सपा प्रत्याशी के लिए भारी न पड़ जाये किसानों की नाराजगी

Galgotias Ad

ग्रेटर नोएडा। यमुना विकास प्राधिकरण के किसानों की नाराजगी कहीं सपा प्रत्याशी पर भारी न पड़ जाए। किसान 64 फीसदी मुआवजे की मांग को लेकर काफी संघर्ष कर चुके हैं और एक समय ऐसा भी था, जब लगा कि सरकार उनकी मांगों को पूरा कर दिया जाएगा, मगर सरकार ने मुआवजे की घोषणा नहीं की, जिससे किसान काफी नाराज हैं। ऐसे में सपा प्रत्याशी को किसानों को विश्वास में लेना मुश्किल हो सकता है।
गौरतलब है कि यमुना विकास प्राधिकरण द्वारा यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे सेक्टर 20 और 18 में 21 हजार आवासीय भूखंडों की योजना लांच की थी। इस जमीन के किसानों द्वारा ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के बराबर 64 फीसदी मुआवजा की मांग की जा रही है। किसानों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करके स्टे ले लिया था। जिससे प्राधिकरण सेक्टर में आंतरिक विकास कार्य नहीं पूरा हो पाया है। किसानों द्वारा मुआवजे की मांग को लेकर कई बार प्राधिकरण पर ताला लगाया जा चुका है। किसानों के बढ़ते दबाव के बाद प्राधिकरण ने सरकार से मुआवजे को लेकर बात की थी। सरकार की तरफ से लगभग हरी झंडी दे दी गई थी। प्राधिकरण पर अतिरिक्त मुआवजे के तौर पर करीब 1600 करोड़ बोझ पड़ रहा है। इस पैसे को कहां से प्राप्त किया जाए, इसे लेकर प्राधिकरण गणित बैठा रहा है। किसानों को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार द्वारा मुआवजे की घोषणा कर दी जाएगी, मगर सरकार द्वारा मुआवजे की घोषणा नहीं की गई। सपा प्रत्याशी कैबिनेट मंत्री नरेन्द्र सिंह भाटी द्वारा मुआवजा दिलाने का वादा किया था, मगर वह वादा पूरा नहीं हुआ है। जिससे किसानों भारी नाराजगी है। अब लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी नरेन्द्र भाटी उन्हीं किसानों के बीच जाकर वोट मांगा जा रहा है। किसानों के मन में मुआवजा को लेकर आज भी नाराजगी बनी हुई है। जिसका सपा प्रत्याशी को खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।

Comments are closed.