दिल्ली के स्लम लोगों को जागरूक करने के लिए “रंग बदलाव के” कार्यक्रम का किया आयोजन , स्कूली बच्चों ने घरों में की रंग पुताई

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कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन ने चाणक्यपुरी स्थित संजय कैंप में रहने वाले स्लम के लोगों के जीवन में रंग भरने के उद्देश्य से “रंग बदलाव के ” नामक एक चार दिवसीय समारोह की शुरुआत की। जिसमे सैकड़ो बच्चों ने स्लम घरों में रंग पुताई की । साथ ही सभी घरों की दीवारों पर पेंटिंग भी बनाई , जिससे लोग जागरूक हो सके ।

आपको बता दे कि संजय कैंप में स्वयंसेवकों और समुदाय आधारित भागीदारी वाला यह एक ऐसा अभियान है जिसका उद्देश्य सैकड़ों स्वयंसेवकों , लेखकों , कलाकारों और चित्रकारों के जरिए स्लम के लोगों को जीवंत बदलाव के लिए प्रोत्साहित करना है ।

यह समारोह कैंप के आसपास के उन लोगों को आमंत्रित करता है जो कैंप में बदलाव लाने की सामर्थ्य रखते हैं और जिससे सामुदायिक भागीदारी को भी बढ़ावा मिलेगा।

दरअसल यह कार्यक्रम बाल मित्र मंडल परियोजना का हिस्सा है , जिसे नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने शुरू किया था । यह एक शहरी परियोजना है , जिसमें शहर की स्लम बस्तियों में रहने वाले बच्चों के अनुकूल विकास और निर्माण पर जोर दिया जाता है ।

खासबात यह है कि इस परियोजना का उद्देश्य है कि शहर का हर एक बच्चा स्वस्थ , सुरक्षित , स्वतंत्र और शिक्षित हो । दिल्ली के संजय कैंप में रहने वाले ज्यादातर उन मजदूरों का परिवार है जो कभी दूतावासों के निर्माण के लिए दूसरे राज्यों से दिल्ली आए थे । चाणक्य पुरी के इलाके में विभिन्न देशों के दूतावास स्थित है , यहां रहने वाले ज्यादातर लोग दूतावासों में ही गार्ड , चपरासी और ड्राइवर की नौकरी करते हैं ।

इस अवसर पर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के निदेशक राकेश सेंगर ने कहा कि रंग बदलाव के यानी पेंट द चेंज अभियान समावेशी और समुदाय आधारित सेवा को बढ़ाने देने के लिए एक छोटा सा प्रयास है ।

उन्होंने कहा जब हमने संजय कैंप और उसके आसपास के क्षेत्रों को देखा तो हमें एक बड़ी असमानता दिखी, दीपावली के थोड़े दिन पहले जो यह समारोह आयोजित किया जा रहा है , कैंप के लोगों को उपहार देने का एक तरीका होगा , खासकर बच्चों को इससे बहुत खुशी मिलेगी । वही इस कार्यक्रम से कैंप के लोगों ने भी बहुत ही उत्साह देखने को मिला ।

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