पशुवध शालाओं के खिलाफ एनजीटी में याचिका दायर
पश्चिमी यूपी के जनपदों में चल रही अवैध पशुवधशालाओं पर नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ;एनजीटीद्ध ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जन सशक्तिकरण संस्थान द्वारा एनजीटी से शिकायत की थी, जिसके बाद एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय, सेंट्रल स्टेट पाॅल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, नगर विकास मंत्रालय और सेंटर ग्राउंड वाॅटर आथारिटी से जवाब मांगा है।
जन सशक्तिकरण संस्था के अध्यक्ष व पशुवध प्रतिरोध आंदोलन के संयोजक कृष्णकांत सिंह ने बताया कि अवैध तरीके से किए जा रहे पशुवध के खिलाफ एनजीटी में याचिका दायर की गई थी। जिस पर जस्टिस स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए पर्यावरण मंत्रालय, सेंट्रल ग्राउंट वाॅटर अथाॅरिटी, सेंट्रल व स्टेट पाॅल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, नगर विकास मंत्रालय से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि कमेलों में एक ओर जहां प्रतिदिन लाखों की संख्या में दुधारू और कृषि सहायक पशुओं का वध किया जा रहा है। जिससे पर्यावरण व प्रदूषण नियंत्रण मानकों की अवहेलना की जा रही है। मेरठ, मुरादाबाद, हापुड़, गाजियाबाद जैसे शहरों में बड़ीसंख्या में कमेलों के कारण भू-गर्भ जल का बड़े पैमाने पर दोहन भी किया जा रहा है। पशुओं के खून व अपशिष्टों का निपटान कमेला संचालकों द्वारा जमीन के अंदर डाला जा रहा है, जिससे भूजल प्रदूषित हो रहा है। एनजीटी द्वारा अगली सुनवाई 14 जनवरी को की जाएगी।