बोर्ड बैठक में एसपीवी परियोजना को रखने पर संशय

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स्पेशल परपज व्हीकल ;एसपीवीद्ध परियोजन के प्रस्ताव को आगामी बोर्ड बैठक में भी नहीं रखे जाने की उम्मीद है। हालांकि एसपीवी के गठन को लेकर लगभग सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है, मगर अभी इसे सक्रिय करने को लेकर प्राधिकरण गंभीर नहीं है। इसके पीछे रोडवेज विभाग को हो रहे घाटे को माना जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा और नोएडा विकास प्राधिकरण यूपी रोडवेज विभाग से मिलकर स्पेशल परपज व्हीलक ;एसपीवीद्ध का गठन करना चाहते हैं। एसपीवी गठन को लेकर कवायद कई सालों से चल रही है, मगर अभी तक परियोजना परवान नहीं चढ़ सकी है। एसपीवी एक कंपनी होगी, जिसमें नोएडा व ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण और यूपी रोडवेज विभाग के शेयर होंगे। कंपनी के गठन के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच परिवहन की सुविधा बढ़ जाएगी। अभी तक एसपीवी को बोर्ड से मंजूरी नहीं दिलाई गई है। इसे कई बार बोर्ड में रखे जाने की बात कही जा चुकी है, मगर अभी तक नहीं रखी गई। इस बार इसे बोर्ड में ले जाना था। मगर प्राधिकरण नहीं लेकर जा रहा है। सूत्रों की माने तो ग्रेटर नोएडा में आबादी अभी काफी कम है। रोडवेज विभाग की जो बसें चल रही हैं, वही घाटे में चल रही है। ऐसे में एसपीवी के जरिए बसों का संचालन करने से घाटा बढ़ जाएगा। बता दें कि रोडवेज विभाग को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण घाटे की भरपाई करता है। करोड़ों रुपये अभी भी रोडवेज का प्राधिकरण पर बकाया है। इसलिए प्राधिकरण एसपीवी गठन को अभी कुछ दिनों तक टालना चाहता है।
लम्बा करना होगा इंतजार
पिछले दिनों जिस तरह से एसपीवी गठन को लेकर प्राधिकरण ने गंभीरता दिखाई थी, अब वह गंभीरता नहीं दिख रही है। ओएसडी योगेन्द्र यादव का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में आबादी की कमी है। एसपीवी के गठन के बाद बसों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी। लोगों को हर मिनट बस मिलेगी, मगर अधिकांश बसें खाली ही दौड़ेंगी। जिससे कंपनी को घाटा होगा। इसलिए अभी इसके गठन को लेकर कोई जल्दीबाजी नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके प्रस्ताव को बोर्ड में अभी रखने की उम्मीद नहीं है।

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