इंडिया गेट समागम अमिट यादे छोड़ संपन्न हुआ – दिल्ली कमेटी स्टाफ को वेतन ग्रेड में भारी बढ़ोत्तरी का कमेटी ने दिया तोहफा

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इंडिया गेट समागम अमिट यादे छोड़ संपन्न हुआ

बाबा बंदा सिंह बहादर की प्रतिमा जल्द ही लगाने का जी.के. ने किया ऐलान

स्टाफ के वेतन में बढ़ोत्तरी से 5.5 करोड़ रूपये सालाना का कमेटी पर पडे़गा अतिरिक्त वित्तीय भार

नई दिल्ली (28 नवम्बर 2016) दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा इंडिया गेट में करवाया गया 2 दिवसीय गुरमत समागम इतिहासिक रूप में कई यादों को संजो गया। कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ने जहां 1999 के बाद पहली बार कमेटी स्टाफ के वेतन ग्रेड में बढ़ोत्तरी करने की घोषणा की वहीं बाबा बंदा सिंह बहादर की प्रतिमा दिल्ली में ऐसे स्थान पर लगाने का ऐलान किया जहां विरोधी दलों को सबसे ज्यादा तकलीफ होगी।

गुरमत समागम के दूसरे दिन अगस्त क्रांति पार्क में हुए धार्मिक समागम में गतका अखाड़ों ने गतका कला के जौहर, भाई तरसेम सिंह मोरावाली ने ढाडी वारों तथा पतितपुणे को त्याग कर खालसा बने प्रसिद्ध गायक के. एस. मक्खन ने धार्मिक गीतों की पेशकारी के जरिये समय बांध दिया। गुरू हरिगोबिन्द साहिब अखाड़ा निहाल विहार, श्री दशमेश नौजवान अखाड़ा, सिंह तेग मार्शल आर्ट अकादमी तथा हरिगोबिन्द अजीत अखाड़ा बुढा दल के नौजवान बच्चे-बच्चियों ने गुरू गोबिन्द सिंह जी द्वारा प्रगट की गई गतका विरासत को धार्मिक धुनों पर पेशकारी के दौरान दिलकश माहौल बना दिया।

जी.के. ने कहा कि गुरू गोबिन्द सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व को मनाने के दौरान कमेटी ने सिख इतिहास के अहम् अंगों कवि, ढाडी तथा गतके के साथ संगतों को जोड़ने के लिए अनोखे अंदाज में कोशिश की है। इंडिया गेट को ताकत का गलियारा बताते हुए जी.के. ने इस स्थान के आसपास से हिन्दुस्तान के भविष्य के फैसले होने का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को इस समागम को लेकर बड़ी तकलीफ हुई है पर इतिहास संभालना कमेटी की जिम्मेदारी तथा मजबूरी दोनों है। इंडिया गेट पर विश्वयुद्धों के दौरान शहीद होने वाले 84 हजार सिखों का इतिहास जुड़ा होने का भी जी.के. ने दावा किया।

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि आज वो लोग बात कर रहे है जो अपनी प्रधानगीकाल के दौर अपने परिवार के भले की सोच से बाहर निकलने में नाकाम रहे थे। कमेटी के लगभग 1700 स्थायी कर्मचारियों को वेतन के नये ग्रेड देने का ऐलान करते हुए जी.के. ने इसे कर्मचारियों का हक बताया। उन्होंने कहा कि पहले स्कूल स्टाफ को छठे वेतन आयोग के हिसाब से मई 2014 से वेतन देने के बाद अब कमेटी स्टाफ को उनका बनता हक देना कमेटी का इतिहासिक कदम है।

यहां बता दें कि कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अवतार सिंह हित द्वारा 1999 में चौथे वेतन आयोग के हिसाब से स्टाफ के ग्रेड में बढ़ोत्तरी की गई थी जिसको लगभग 17 साल के बाद शिरोमणी अकाली दल की ही कमेटी द्वारा छठे वेतन आयोग में बदलने का फैसला लिया गया है। जिस कारण कमेटी के सिर 5.5 करोड़ रूपये वार्षिक का वित्तीय भार पड़ेगा तथा कर्मचारियों के पदो के हिसाब से 800 से 10,000 रूपये मासिक वेतन में भी अन्तर पड़ने का अंदाजा लगाया जा रहा है। सेवादारों के छुट्टी भत्ते को 600 रूपये से बढ़ाकर 900 रूपये करने के साथ ही मंहगाई भत्ते में भी प्रभावी बढ़ोत्तरी की गई है।

सर्वधर्म संसद के नेता आचार्य लोकेश मुनि, ईमाम उमेर अहमद ईलियासी, गोस्वामी सुशील जी महाराज एवं सतपाल सिंह खालसा का भी इस अवसर पर कमेटी द्वारा शाल भेंट करके सम्मान किया गया। धर्म संसद के नेताओं ने दिल्ली कमेटी द्वारा इंडिया गेट में संगतों की बड़ी तादाद की हाजरी में करवाये गये समागम को शानदार बताते हुए गुरू गोबिन्द सिंह जी की देश तथा समाज के प्रति देन को याद किया। मुनि ने कहा कि गुरू साहिब के जन्म स्थान पटना साहिब के साथ वाला मकान किसी जैन परिवार का था जिसने इस स्थान को गुरू घर को दे दिया था। इसलिए सिखों के साथ जैन समाज का खून का रिश्ता है। ईमाम ने सिखों द्वारा हर मुसीबत के समय किये जाते कार्यो को बेमिसाल बताया। धर्म संसद द्वारा सामाजिक कार्यो के लिए कमेटी द्वारा दिखाई जाती तत्परता तथा स्टाफ के वेतन में की गई बढ़ोत्तरी के लिए कमेटी के महाप्रबंधक (प्रबंध) हरजीत सिंह सूबेदार तथा महाप्रबंधक (वित्त) धरमिन्दर सिंह ने जी.के. का सम्मान किया।

बाबा बंदा सिंह बहादर की प्रतिमा लगने से रोकने वाली दिल्ली सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए जी.के. ने तल्ख लहजे में साजिश करने वालों को बिना नाम लिये पंथदोषी तथा आस्तीन का सांप करार दिया। उन्होंने कहा कि मैं गुरू का पुत्र हुं, प्रतिमा उस स्थान पर लगाऊंगा जहां साजिशकारों को सबसे ज्यादा तकलीफ होगी। केजरीवाल द्वारा विधानसभा में शहीद भगत सिंह एंव साथियों तथा दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रहम प्रकाश की प्रतिमा के किये गये अनावरण का हवाला देते हुए जी.के. ने सरना बंधुओं द्वारा बीते समय दौरान जी.के. को अपने गृह में बाबा जी प्रतिमा लगाने की दी गई सलाह को बेशर्मी की चरमसीमा बताया। इस अवसर पर कमेटी के सभी पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद थे।

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