युवाओ के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानन्द -आलेख चन्द्रपाल प्रजापति नोएडा
युवाओ के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानन्द
(12 जनवरी स्वामी विवेकानन्द जी के जन्म दिवस पर विशेष)
स्वामी विवेकानंद को दुनिया भर में भारतीय आध्यात्म और हिंदुत्व के प्रतिनिधित्व के रूप में देखा जाता रहा है। स्वामी विवेकानंद आजीवन एक संन्यासी के रूप में रहे और देश-समाज की भलाई के लिए काम करते रहे। अपने ज्ञान के बल पर स्वामी विवेकानंद विश्व विजेता बने। वे हिन्दुस्तान के एक ऐसे संन्यासी रहे हैं, जिनके संदेश आज भी लोगों को उनका अनुसरण करने को मजबूर कर देते हैं। गौरतलब है कि 12 जनवरी का दिन स्वामी विवेकानंद के नाम पर समर्पित है और इसे युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानन्द जी का ये वाक्य ‘उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये’ युवाओ मे एक नया जोश भरता है।
स्वामी विवेकानंद, जिनका नाम आते
स्वामी विवेकानंद को उन पढ़े-लिखे व्यक्तियों से सात्विक विरोध भी था जो गरीबों के प्रति संवेदनशील ही नहीं हैं बल्कि उनको उपेक्षित तथा दुर्लक्ष्य करते हैं। उन्होंने कहा, मैं कहूंगा कि जो ज्ञान सम्पन्न हैं, जिन्हें समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त है जो ऊंचे पदों पर हैं, जो धनवान हैं, उन्होंने अपने समाज के एक बड़े वर्ग की ओर दुर्लक्ष्य करके बहुत बड़ा पाप किया है।
चन्द्रपाल प्रजापति
नोएडा
Discover more from tennews.in: National News Portal
Subscribe to get the latest posts sent to your email.