किसान और सरकार में गितरोध बढ़ा, 11वें दौर की बैठक में भी नही बनी सहमति , पढें पूरी खबर

ROHIT SHARMA

Galgotias Ad

नई दिल्ली :– किसानों का प्रदर्शन आज लगातार 58वें दिन दिल्ली की सीमाओं पर जारी है. इस बीच 11वें दौर की नई दिल्ली में हुई बैठक भी बेनतीजा रही। बैठक की अगली तारीख अभी तय नहीं है. बैठक के बाद किसानों ने कहा कि 11 दौर की बातचीत हो चुकी है , लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं निकल पाया है।

 

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सबसे प्रस्ताव दिया गया है , जिस पर किसान सहमत नही है ।

 

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ”मैं बड़े भारी मन से यह बात कह रहा हूं कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों की ओर से कोई भी सकारात्मक रिस्पांस नहीं आया।

 

तोमर ने किसान नेताओं से कहा कि सरकार आपके सहयोग के लिए आभारी है. कानून में कोई कमी नहीं है. हमने आपके सम्मान में प्रस्ताव दिया था. आप निर्णय नहीं कर सके. आप अगर किसी निर्णय पर पहुंचते हैं तो सूचित करें. इस पर फिर हम चर्चा करेंगे।

 

वहीं बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि हम कानून रद्द करने की मांग पर कायम हैं, आंदोलन जारी रहेगा. बातचीत की अगली तारीख तय नहीं है।

 

बता दें कि करीब 12:45 बजे सरकार और किसानों की बैठक शुरू हुई थी. बैठक की शुरुआत में ही नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बात पर नाराजगी जताई कि किसान संगठन अपने फैसले की जानकारी मीडिया में सार्वजनिक कर देते हैं जबकि अगले दिन बैठक होती है।

 

करीब 15 – 20 मिनट की बैठक के बाद से दोनों पक्षों ने अपनी अलग-अलग बैठकें की. करीब पांच बजे किसान नेता बैठक से बाहर निकले।

 

बता दें कि 10वें दौर की बैठक में 20 जनवरी को केंद्र सरकार ने किसान नेताओं को प्रस्ताव दिया था कि वह कृषि कानूनों को एक-डेढ़ साल तक स्थगित करने के लिए तैयार है. इस दौरान सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की एक कमिटी इन कानूनों पर विस्तार से चर्चा कर समाधान का रास्ता निकालेगी।

 

इस प्रस्ताव को गुरुवार को किसान नेताओं ने लंबी बैठक के बाद खारिज कर दिया. संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा, ‘आम सभा में सरकार द्वारा कल रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात, इस आंदोलन की मुख्य मांगो के रूप में दोहराई गयी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.