8 नवम्बर की नोटबंदी घोषणा से ठीक पहले बीजेपी के बड़े नेताओं ने बिहार में बड़े स्तर पर ख़रीदी जमीनें

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8 नवम्बर की नोटबंदी घोषणा से ठीक पहले बीजेपी के बड़े नेताओं ने बिहार में बड़े स्तर पर ख़रीदी जमीनें

पीएम मोदी ने देश की जनता से किया वादा तोड़ा, पुराने नोट बदलवाने की स्कीम समय से पहले वापस ली

RBI जैसी विश्वसनीय संस्था से भी झूठ बुलवाकर उसकी विश्वसनीयता को भी दाग़दार किया

मोदी सरकार ने 8 लाख करोड़ रुपए के नोटबंदी घोटाले के साथ-साथ हर स्तर पर देश की जनता को धोख़ा दिया है। 8 नवम्बर को हुई नोटबंदी से पहले ही बीजेपी नेताओं को इस स्कीम के बारे में जानकारी थी जिसका एक और बड़ा सुबूत यह है कि नोटबंदी से ठीक पहले ही बीजेपी के बड़े नेताओं ने अपने कालेधन को ठिकाने लगाते हुए बिहार में बड़े स्तर पर ज़मीनों की खरीद की थी। दूसरी तरफ़ प्रधानमंत्री ने पुराने नोट बदलवाने के अपने ही फैसले को वापस लेकर देश की जनता के साथ एक और धोख़ा किया है क्योंकि उन्होंने खुद 8 नवम्बर के अपने भाषण में 30 दिसम्बर 2016 तक पुराने नोटों को बैंक के काउंटर से बदलने का वादा देश की जनता से किया था। प्रधानमंत्री ने देश से ना केवल खुद झूठ बोला बल्कि आरबीआई जैसी संस्था से भी झूठ बुलवाकर उसकी विश्वसनीयता को बर्बाद करने का काम किया है।

पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉंफ्रेंस में बोलते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि “नोटबंदी के इस घोटाले में मोदी सरकार ने देश के लोगों के साथ धोख़ा किया है, 8 नम्बर रात 8 बजे नोटबंदी की घोषणा हुई थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने उससे पहले ही बिहार समेत पूरे देश में ज़मीने खरीद कर अपने कालेधन को ठिकाने लगा दिया था। एक न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार बिहार में बीजेपी के बड़े नेताओं ने अलग-अलग ज़िलों में ज़मीने खरीदी हैं जिनका भुगतान नगदी से भी किया गया है, यह बातें भारतीय जनता पार्टी के बिहार इकाई के महासचिव और स्थानीय बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया ने कुबूल की हैं। संजीव चौरसिया ने कुबूला कि यह सारी ज़मीनें 7 नवम्बर से पहले खरीदी गई हैं और सारा पैसा बीजेपी की टॉप लीडरशिप की तरफ़ से आया है और वो तो सिर्फ़ इसके ऑथोराइज़्ड सिग्नेट्री हैं। यानि ज़मीनों के असली मालिक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह हैं और वो काला पैसा ठिकाने लगाने के लिए उनकी तरफ़ से ही गया था”

“दूसरी तरफ़ मोदी सरकार ने देश की जनता से बार-बार झूठ बोलने का काम भी किया है जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नम्बर 2016 को राष्ट्र के नाम अपने सम्बोधन में यह कहा था कि 10 नम्बर से 24 नम्बर तक 4 हज़ार रुपए और 24 नवम्बर से 30 दिसम्बर तक 5 हज़ार रुपए के नोट बैंक काउंटर से बदले जा सकेंगे। प्रधानमंत्री के साथ-साथ 11 नवम्बर को आरबीआई ने भी नोटिफ़िकेशन जारी कर यह बताया था देश की जनता अपने पुराने नोट को अगले पचास दिनों तक आराम से बदलवा सकते हैं। लेकिन अब हाल ही में 23 नवम्बर को यह बताया जाता है कि 24 नवम्बर के बाद कोई पुराना नोट काउंटर से नहीं बदला जाएगा, अब सिर्फ़ पुराने नोट बैंक खातों में ही जमा होंगे। हम पूछना चाहते हैं कि गांव-देहात में रहने वाली देश की उस आबादी का क्या होगा जिनके पास अपना कोई बैंक खाता ही नहीं है? बग़ैर बैंक खातें वाले लोग अपने पुराने नोटों को लेकर कहां जाएंगे?“

“नोटबंदी के बाद से 20 से ज्यादा बार रणनीति बदलने के साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ना केवल देश की जनता से खुद बार-बार झूठ बोला बल्कि आरबीआई जैसी विश्वसनीय संस्था से भी झूठ बुलवाकर उसकी विश्वसनीयता पर दाग़ लगाने का काम किया है। भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी जी ने अपनी और अपनी पार्टी की विश्वसनीयता तो पहले ही खो दी है अब क्या आरबीआई जैसी विश्वप्रसिद्ध संस्था को भी वो झूठ बुलवाकर बर्बाद करना चाहते हैं? “

प्रेस कॉंफ्रेंस में मौजूद दिल्ली आम आदमी पार्टी के दिल्ली इकाई के संयोजक दिलीप पांडे ने कहा कि “बीजेपी ने नोटबंदी के नाम पर ना केवल 8 लाख करोड़ का घोटाला किया है बल्कि अपने पहले से कमाए कालेधन को भी नोटबंदी से पहले ही ठिकाने लगाने का काम भी किया है और देश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोख़ा भी बीजेपी की तरफ़ से किया गया है। नोटबंदी से पहले चाहे बीजेपी नेताओं द्वारा बिहार में कालेधन से खरीदी गई बेहिसाब ज़मीनें हों या बीजेपी के पंजाब इकाई के लीगल सेल के प्रमुख संजीव कम्बोज द्वारा नोटबंदी से पहले ही सोशल मीडिया पर 2 हज़ार के नए नोटों के साथ अपना एक फोटो लगाने का मामला हो या फ़िर भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल की इकाई द्वारा नोटबंदी की घोषणा से 6-7 घंटे पहले ही अपने बैंक अकाउंट में करोड़ों रुपए डिपॉज़िट कराने का मामला हो, यह सारे सुबूत बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को पहले से जानकारी थी कि ऐसी कोई नोटंबदी की स्कीम आने वाली है और उससे पहले ही उन्होंने ना केवल अपने कालेधन को ठिकाने लगाया बल्कि उनके पास 8 नवम्बर से पहले ही नए नोट भी उपलब्ध हो गए थे, लेकिन देश की जनता को बैंकों की लाइनों में खड़ा करके मरने के लिए मोदी सरकार ने छोड़ दिया। इस नोटबंदी घोटाले के माध्यम से मोदी जी और बीजेपी ने यह ना केवल देश की जनता के साथ धोखा किया है बल्कि भारत सरकार का भी बेजा इस्तेमाल किया है।

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