यमुना प्राधिकरण की 64वीं बोर्ड बैठक में लगा योजनाओं का अम्बार

Abhishek Sharma / Photo & Video By Baidyanath Halder

Greater Noida (27/11/18) : आज यमुना प्राधिकरण की 64वीं बोर्ड बैठक आयोजित हुई जिसमे कई अहम और बड़े फैसले प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह द्वारा लिए गए। यह बैठक कई बड़े अधिकारियों की उपस्थिति में हुई।

बैठक के समापन के बाद यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार और सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि यमुना प्राधिकरण की यह 64वीं बोर्ड बैठक हुई है और इसमें कई फैसले लिए गए हैं।

सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण में आने वाले भूखंडों के रेट बढ़ाने पर इस बैठक में विचार विमर्श किया गया लेकिन 31 मार्च 2019 तक रेट यथावत रहेंगे। उन्होंने बताया की पहले ग्रुप हाउसिंग, कमर्शियल और टाउनशिप वाले भूखंडों पर 8 साल का समय दिया जाता था और 16 किस्तों में पेमेंट करनी कब्ज़ा दिए जाता था। अब इस अवधि को कम करके 5 साल की 10 अर्द्धवार्षिक किस्तों में कर दिया गया है और आवंटन की राशि 30 फीसदी और 40 फीसदी के बाद कब्ज़ा मिल सकेगा। बाकी अन्य भूखंडों जैसे रेजिडेंशियल, इंडस्ट्रियल, मिक्स लैंड यूज, बिल्ट अप हाउसेस में 10 फीसदी रजिस्ट्रेशन और 20 फीसदी आवंटन राशि देने के बाद कब्ज़ा मिल सकेगा।

इस बैठक में जेपी बिल्डर पर यमुना प्राधिकरण के 108 करोड़ के कर्जे पर भी चर्चा की गई और निर्णय लिया गया कि 1 महीने के अंदर जेपी बिल्डर कर्जा चुकाए नहीं तो प्राधिकरण की ओर से प्लाट निरस्तीकरण और जेपी बिल्डर के खिलाफ उचित कार्रवाई प्राधिकरण द्वारा की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह देनदारी 1000 हेक्टेयर के प्लाट की है जिसमे फार्मूला-1 रेसिंग ट्रैक बना हुआ है। इसके लिए आखिरी तारीख 31 दिसंबर तय की गई है।

उन्होंने आगे कहा कि एक प्रस्ताव के जरिए हमने बिल्डर टाउनशिप ऑफ ग्रुप हाउसिंग योजना के आवंटियों को जितना पैसा किसी बिल्डर का जमा है उसका 10 फीसदी घटाते हुए बाकी 90 फीसदी पैसा जो जमा है उसके सापेक्ष जितने भी फ्लैट, प्लाट या जितने भी क्षेत्रफल का कम्पलीशन दे सकते है वो दे देंगे। बिल्डर और खरीदारों के बीच जो बहस छिड़ी हुई उसको दूर करने के लिए जो प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा नीति चलाई जा रही है उसी को ध्यान में रखते हुए आज इस बात पर बैठक में फैसला लिया गया है।


यमुना एक्सप्रेस-वे का विस्तार करने के लिए पेट्रोल पंप और होटल की योजना लाने जा रहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर सेक्टर-18 और 20 में जहाँ पर प्राधिकरण ने लोगों को कब्ज़ा देना शुरू कर दिया है। अब तक 4,700 आवंटियों को कब्ज़ा दिया जा चुका है और 5 हजार को 1 दिसंबर को दे दिया जाएगा। इन सेक्टरों में 4 पेट्रोल पंप स्टेशन होंगे और होटल के लिए सेक्टर-29 में प्लाट की योजना बनी है। यहाँ पर 12 होटल के लिए और 7 पेट्रोल पंप के लिए भूखंड आवंटित किए गए हैं। इसके लिए प्राधिकरण को पहले ही चरण में लगभग 186 करोड़ रूपये मिलने का अनुमान है।

पहले आवासीय योजनाओं में 1 साल के बाद लीज डील कराने पर एक साल की पेनल्टी लगती थी, इस बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अब लेट होने पर सालाना की जगह पेनल्टी को तिमाही कर दिया गया है।

वहीं अब भूखंड उसी को आवंटित किया जायेगा जो प्राधिकरण द्वारा तय मापदंड का 50 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सकेगा। यमुना प्राधिकरण ने अपने क्षेत्र के गांवों में 370 हैंडपंप लगाने का जिम्मा जल निगम को दिया था। निगम ने अभी तक मात्र 100 पम्प ही लगाया है। इसलिए बाकी बचे हैंडपंप को लगाने का जिम्मा निजी कंपनी को बिड कर दिया जायेगा। वहीं यमुना एक्सप्रेस-वे की सेफ्टी ऑडिट रिट्स से वापस लेकर दिल्ली विश्वविध्यालय को देने का निर्णय लिया गया है। यमुना प्राधिकरण के विभिन्न गांवों में अभी तक 80 सफाई कर्मचारी हैं जिनकी संख्या बढाकर 180 करने का निर्णय लिया गया है। इस बार बोर्ड बैठक में यमुना एक्सप्रेस वे के टोल टैक्स बढाने का प्रस्ताव रखा गया था जिसे बोर्ड ने ख़ारिज कर दिया

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