नई दिल्ली : भारत के पहले और अग्रणी एकीकृत इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर प्लेटफॉर्म वेंचर कैटेलिस्ट्स ने हाल ही में 9 यूनिकॉर्न्स फंड लॉन्च किया है। इसके तहत वेंचर कैटेलिस्ट्स भारत से उच्च संभावनाओं वाले बेस्ट आइडिया और शुरुआती चरणों वाले स्टार्ट-अप्स की पहचान की जाएगी और फिर उन्हें तेजी से विकास करने के लिए मदद की जाएगी। स्टार्ट-अप्स इलेक्ट्रिक वाहन, मोबिलिटी, ऑग्मेंटेड रियलिटी वीआर, एआई और एमएल, फिनटेक, रिटेल और एफएमसीजी सेग्मेंट्स से होंगे लेकिन इन सेग्मेंट्स को सीमित नहीं किया गया है।
भारत में आज की तारीख में 26 यूनिकॉर्न्स है। लेकिन उनमें से सिर्फ एक ही देश के 600 एक्सीलरेटर्स का हिस्सा थी। चीन (32,000+) और अमेरिका (20,000+) की तुलना में हमारे देश में एक्सीलेटर्स की संख्या बहुत ही कम है। जिस गति से यूनिकॉर्न्स की संख्या बढ़ रही है, उसे स्वस्थ कहा जा सकता है (भारत ने 2011-2017 के छह साल की अवधि में 9 यूनिकॉर्न्स जोड़े थे, जबकि इसकी तुलना में अकेले 2018 में 8 यूनिकॉर्न जोड़े), समर्पित एक्सीलेटर्स न होना एक बड़ी समस्या रही है। 9 यूनिकॉर्न्स फंड की परिकल्पना इसी अंतर को पाटने के लिए की गई है। इसके लिए यह उभरते व्यापारों को अपनी पूरी क्षमता के साथ बढ़ने में वन-स्टॉप मेंटरिंग, नेटवर्किंग और ग्रोथ फैसिलिटेशन प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा।
9यूनिकॉर्न्स फंड के पास वेंचर कैटेलिस्ट्स की ओर से प्रस्तावित 300 करोड़ रुपए का एक समर्पित फंड है। इस फंड से एक्सीलेटर वीसी की हर साल 100+ कंपनियों में निवेश करने की योजना हैं। 5% इक्विटी के लिए 60 लाख रुपए की स्टैंडर्ड डील के साथ यदि स्टार्ट-अप एक निश्चित समयावधि में अच्छा कारोबार करता है और संभावनाएं दिखाता है तो बाद के फंडिंग राउंड्स में 3-5 करोड़ रुपए के निवेश की गुंजाइश रहेगी। यह देखा गया है कि बड़ी संख्या में स्टार्ट-अप्स शुरुआती वर्षों में उचित समय पर उचित फंडिंग राउंड्स आयोजित न करने की वजह से जल्द ही बंद हो जाते हैं, ऐसे में 9 यूनिकॉर्न्स फंड ने अनूठी डी-रिस्किंग स्ट्रेटजी बनाई है।
स्टार्ट-अप को वीकैट्स के रूप में एक फैसिलिटेटर मिलेगा, जिसके जरिये सीड फंडिंग के उसके व्यापक नेटवर्क तक पहुंच होगी। यह स्टार्ट-अप के लिए 18 महीने तक का रनवे सुनिश्चित करेगा, इसके बाद यह ग्रोथ स्टेज के इन्वेस्टर्स से सीरीज ए+ राउंड के लिए बड़ा फंड सुरक्षित करने में सक्षम होगा। प्रारंभिक स्तर पर प्रोटेक्टिव कुशनिंग इस फंड को व्यवसायों के लिए अत्यंत आकर्षक प्रस्ताव बनाता है, और स्टार्ट-अप के अस्तित्व के जोखिम को कम करने की रणनीति में काफी हद तक उपयोगी है।
भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम स्टार्ट-अप्स की संख्या के साथ-साथ यूनिकॉर्न्स और ‘सूनीकॉर्न्स’ के मामले में तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम है, हालांकि यह अभी भी अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप काम नहीं कर रहा है। कॉम्प्लेक्स डील स्ट्रक्चर, ग्राहक मिलने की धीमी गति और एक्सीलरेटर की कमी स्टार्ट-अप्स को आगे बढ़ने से रोकने वाले प्रमुख कारकों में से हैं। इसे इस तरह समझाया जा सकता है कि 2018 में भारत में वीसी की ओर से सीरीज ए फंडिंग की राशि अमेरिका की तुलना में 20 गुना कम थी। वेंचर कैटेलिस्ट्स के निरंतर समर्थन से 9 यूनिकॉर्न्स फंड का उद्देश्य इस परिदृश्य को बदलना है।
13 हफ्ते की अवधि में 9 यूनिकॉर्न्स फंड संस्थापकों को तेजी लाने और टिकाऊ बिजनेस मॉडल बनाने में मदद करेगा, और 21वीं शताब्दी के लिए अनुकूल एक अत्यधिक सहयोगी कार्य संस्कृति विकसित करेगा, जिसकी कमी स्टार्ट-अप के असफल होने में दूसरा सबसे बड़ा कारण है। 9 यूनिकॉर्न्स के सह-संस्थापक और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा ने कहा, “9 यूनिकॉर्न फंड भारत में आइडिया स्टेज फंडिंग को फिर से जीवित करेगा।