नोएडा : 11 साल बाद बेटा हुआ, हॉस्पिटल की गलती से 20 घंटे बाद मौत , परिजनों ने किया हंगामा
ROHIT SHARMA
नोएडा सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में फिर डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है | दरअसल नोएडा सेक्टर 11 निवासी संगम तिवारी और उनकी पत्नी नेहा तिवारी सरकारी अस्पताल में हुई अंधेरगर्दी के बारे में बताया |
उन्होंने कहा की बेहतर इलाज होगा, बस यही सोचकर सेक्टर 30 जिला अस्पताल पहुंचे थे। आशा वर्कर ने ऑपरेशन के लिए यहां 5 हजार रुपये की डिमांड रख दी। मजबूरियां गिनाईं तो 2 हजार में सौदा तय हुआ। करीब 11 बजे बेटा पैदा हुआ। ,डॉक्टरों ने उसे स्वस्थ बताया , फिर सुबह करीब 7 बजे एक डॉक्टर आए। उन्होंने इंजेक्शन लगाया, तभी बच्चे की तबीयत खराब होने लगी , बस इसके 3 घंटे बाद ही चाइल्ड पीजीआई लेकर पहुंचने तक बच्चे ने दम तोड़ दिया।
साथ ही उनका कहना है की 11 साल बाद घर में किलकारियां गूंजी थीं , लेकिन 20 घंटे बाद ख़ुशी का माहौल गम में बदल गया | संगम ने बताया कि उनकी पत्नी का शुरू से ही जिला अस्पताल में इलाज चल रहा था। डॉक्टर भी बच्चे को स्वस्थ बता रहे थे , सुबह करीब 7 बजे बच्चे को इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी |
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया की इस मामले में कई डॉक्टरों और नर्सों के पास पहुंचे , लेकिन किसी ने भी बच्चे को देखने की भी जहमत नहीं उठाई। आरोप है कि करीब 3 घंटे तक बच्चा तड़पता रहा, फिर उसे लेकर संगम चाइल्ड पीजीआई में पहुंचे।
वहां करीब 10 बजे डॉक्टरों ने बच्चे की मौत की पुष्टि कर दी। करीब 25 मिनट बाद डॉक्टरों ने इस बारे में पेपर भी दे दिए। यह पेपर लेकर बच्चे के परिवारजन जिला अस्पताल पहुंचे तो वहां डॉक्टर इसे फर्जी बताने लगे।
बस यहीं से विवाद शुरू हुआ , जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बच्चे के परिवारजन हंगामा करने लगे। पुलिस पहुंची तो किसी तरह बच्चे की पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया को शुरू कराया।
बच्चे के परिवारजनों का आरोप है कि इमर्जेंसी में तैनात डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने उनके साथ बदसलूकी की , बच्चे के पिता संगम ने आरोप लगाया कि आशा भगवान देवी उन्हें लेकर अस्पताल आई थी , उसने ऑपरेशन के लिए 5 हजार रुपये की डिमांड की थी, जिसमें से 2 हजार रुपये दिए थे।