नोएडा : बिना फायर एनओसी के चल रहे दर्जनों कारखाने , नींद से नहीं जागे तो हो सकता है दिल्ली जैसा हादसा

Rohit Sharma (Photo-Video) Lokesh Goswami Tennews New Delhi :

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दिल्ली में 4 मंजिला इमारत फैक्ट्री में आग लगने से 43 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। इस भयावह हादसे ने एक बार फिर नोएडा की संकरी गलियों में बनीं रिहायशी इमारतों में चल रहीं फैक्ट्रियों और ऑफिस में आधे-अधूरे फायर सेफ्टी इंतजामों को लेकर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।

आपको बता दे की नोएडा के कई इलाकों में इसी तरह व्यवसायिक गतिविधियां चल रही हैं। दुर्भाग्यवश अगर दिल्ली जैसी कोई घटना यहां होती है तो बड़ी संख्या में जनहानि हो सकती है। हैरानी की बात यह है कि प्रशासन और अग्निशमन विभाग कई बार इन पर कार्रवाई भी कर चुका है, बावजूद इसके अब भी इन इमारतों में व्यवसायिक गतिविधियां जारी हैं।

नोएडा सेक्टर 5, 7, 11, 8, 9, भंगेल, निठारी, सलारपुर, बरौला, गेझा, फेज-2 और फेज-3 के कई इलाकों में संकरी गलियों में बनीं इमारतों में बड़े स्तर पर व्यवसायिक गतिविधियां जारी हैं। यही हाल ग्रेटर नोएडा का भी है। इंडस्ट्रियल एरिया के अलावा आम जगहों पर भी व्यवसायिक उपक्रम चल रहे हैं। जब भी कभी जिले में कहीं आग लगने की घटना होती है तो प्रशासन के साथ अग्निशमन विभाग के अधिकारी भी नींद से जाग जाते हैं। इसके बाद थोड़ी बहुत कार्रवाई भी करते हैं। बाद में मामला ठंडा होते ही वे शांत हो जाते हैं। इसके बाद सब कुछ पहले की तरह चलने लगता है।

फायर सुरक्षा को लेकर बड़े पैमाने पर बिल्डर, उद्योगपति और व्यापारी मनमानी कर रहे है। मानकों के उल्लंघन के बावजूद इन्हें फायर विभाग से एनओसी मिल जाती है। रुपये लेकर बिना जांच के एनओसी देने के मामले में पिछले दिनों फायर विभाग के इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह यादव और एक वेंडर को जेल भेजा गया था।

खासबात यह है की नोएडा सेक्टर-11 स्थित एलईडी बल्ब बनाने की कंपनी एक्सेल ग्रीनटेक में 19 अप्रैल 2017 को सबसे भयानक हादसा हुआ था। चौथी मंजिल पर आग लगने से 6 लोग जिंदा जल गए थे। इस हादसे में कंपनी के एक निदेशक व एचआर हेड की भी जान चली गई थी। पूरी इमारत जल गई थी। इस हादसे के बाद 9 मई को सेक्टर-63 में खिलौना बनाने वाली कंपनी नियो क्राफ्ट इंपेक्स में भीषण आग लगने से 450 लोग फंस गए थे, हालांकि सभी को समय रहते सकुशल निकाल लिया गया था, जबकि पूरी कंपनी जल गई थी। इस हादसे में एक दमकलकर्मी समेत 5 लोग घायल हो गए थे।

वही इस मामले में फायर विभाग के सीएफओ अरुण कुमार सिंह ने कहा की फायर सर्विस को हाईटेक बनाने की तैयारी चल रही है। रोबोट समेत 5 कई आधुनिक उपकरण खरीदने पर विचार चल रहा है। उपकरणों की जरूरतों के साथ अन्य बिंदुओं पर डिटेल रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजी गई है।

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