नोएडा अथॉरिटी ने शहर को घोषित किया गार्बेज फ्री, अब मंत्रालय से 5 स्टार रेटिंग लेने का प्रयास

ROHIT SHARMA

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नोएडा :– नोएडा प्राधिकरण ने शहर को अपने स्तर पर गार्बेज फ्री घोषित कर दिया है , इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है कि हमने अपने स्तर पर शहर को गार्बेज फ्री बनाने की पूरी तैयारी कर ली है , अब मिनिस्ट्री से गार्बेज फ्री कैटिगरी में 5 स्टार रेटिंग लेने के लिए अथॉरिटी प्रयास कर रही है।

आपको बता दे की दावे के बाद मिनिस्ट्री की टीम सर्वे करेगी , उसके बाद इसका सर्टिफिकेट देने के बारे में विचार किया जाएगा। स्वच्छ सर्वेक्षण की गाइडलाइन और शहर में हुए कामों के आधार पर इस रिपोर्ट में यह बताने का प्रयास किया है कि गार्बेज फ्री सिटी कहलाने के लिए कितना तैयार है नोएडा।

यह हैं गार्बेज फ्री शहर के मानक (स्वच्छ सर्वेक्षण की गाइडलाइन के अनुसार)
-सेक्टर, गांव, अवैध कॉलोनियों आदि जगहों से कूड़ा उठना चाहिए।
-80 से 90 प्रतिशत कूड़े का सेग्रीगेशन किया जा रहा हो।
-बड़े कूड़ा उत्पादक अपने कूड़े का खुद से निस्तारण करें।
-सेंट्रल वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शहर में होना अनिवार्य है।
-सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट की गाइडलाइन के अनुसार पर्यावरण के मानकों के आधार पर कूड़े का निस्तारण हो।
-सभी प्रकार के हार्ड वेस्ट (बायोमेडिकल, प्लास्टिक, ई-वेस्ट, मैटल वेस्ट आदि) की रिसाइकिलिंग का पुख्ता सिस्टम हो।

दरअसल , 20 सेक्टरों में करीब 6-7 महीने पहले सेग्रीगेशन शुरू हुआ था , लेकिन अथॉरिटी इसे मेंटेन नहीं कर पाई और न ही प्रमुखता से अन्य सेक्टरों में शुरू करा पाई। रोजाना करीब 1500 टन कूड़ा शहर से निकल रहा है , लेकिन 2-3 प्रतिशत कूड़ा भी फिलहाल सेग्रीगेट किया जा रहा।

कागजी तौर पर कुछ एग्रीमेंट हुए हैं , लेकिन उनका रिजल्ट अभी जमीनी हकीकत से दूर है। वहीं, बड़े कूड़ा उत्पादकों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है। 100 किलो से ज्यादा रोजाना कूड़ा पैदा करने वाले 5 प्रतिशत संस्थान भी अपना कूड़ा निस्तारित नहीं कर रहे हैं। हालांकि अथॉरिटी पेनल्टी लगातार लगा रही है लेकिन सारा मिक्स कूड़ा फिलहाल सेक्टर-145 के डपिंग ग्राउंड में डाला जा रहा है।

शहर के सेक्टरों व गावों से कूड़ा उठाने के लिए 95 प्रतिशत एरिया कवर हो चुका है। सेक्टर-62 में रहने वाले पीएस चांदना बताते हैं कि डोर टु डोर कूड़ा उठाने वाली एजेंसी कूड़ा उठा रही है। नोएडा में 90 ऐसी अवैध कॉलोनियां हैं जहां से हर रोज 300 टन से भी ज्यादा कूड़ा उत्पादित होता है। अथॉरिटी न इनका कूड़ा उठा रही है और न ही इनका कूड़ा उठवाने के लिए कोई प्लानिंग की गई है। सारा कूड़ा इधर-उधर पड़ा रहता है।

-पिछले साल दिसंबर में नोएडा अथॉरिटी ने कूड़े का रेमिडिएशन प्लांट लगाया था। एक साल में शहर का पुराना कूड़ा निस्तारित कर लिया गया है।
-सीएनडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का अभी निर्माण शुरू हुआ है। वेस्ट का निस्तारण शुरू होने में अभी 6-8 महीने का वक्त लगेगा।
-शहर के करीब 20 प्रतिशत बाजारों में नाइट स्वीपिंग शुरू हुई है। इससे सफाई व्यवस्था में बदलाव आ रहा है।
-करीब 25 हजार होम कंपोस्टिंग किट लोगों को बांटी जा रही हैं लेकिन इनसे खाद बनाने के काम अभी 10 प्रतिशत लोग भी नहीं कर रहे हैं।
-स्वच्छता की जागरूकता को लेकर अथॉरिटी लगातार प्रयासरत है। आए दिन शपथ दिलाने के कार्यक्रम हो रहे हैं।
-ई-वेस्ट कलेक्शन के लिए कुछ स्थानों पर ई-वेस्ट डस्टबिन लगाए गए हैं।
-सेंट्रल वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए अथॉरिटी अभी तक कोई जगह चिन्हित नहीं कर पाई है, जहां प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जा सके। सेक्टर-123 में विवाद होने के बाद इसका कोई हल अभी तक नहीं निकाला जा सकता है जबकि गार्बेज फ्री सिटी बनाने के लिए यह सबसे पहली प्राथमिकता है।
-बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण का सिस्टम बनाने के लिए अथॉरिटी ने कोई प्रयास नहीं किया। यूपी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिटरिंग कमिटी की रिपोर्ट के अनुसार, शहर के 80 प्रतिशत अस्पतालों में इस वेस्ट के निस्तारण को लेकर खानापूर्ति हो रही है। कैलाश, फोर्टिस जैसे बड़े अस्पतालों पर इस मामले 50-50 लाख रुपये की पेनल्टी लग चुकी है।
-हार्ड वेस्ट की रिसाइकिलिंग के लिए कोई पुख्ता सिस्टम नहीं बन पाया है। कागजों में कुछ काम हुए हैं लेकिन जमीन पर ऐसा कोई सिस्टम नहीं है। कूड़े में निकलने वाले विभिन्न प्रकार के गार्ड वेस्ट न सेग्रीगेट हो रहे हैं न उनका कहीं निस्तारण हो रहा है।

वही इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी अविनाश त्रिपाठी ने बताया की पिछले कई महीनों से हम लोग लगातार शहर की स्वच्छता को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। लोगों को लगातार जागरूकता किया जा रहा है। पहले ही अपेक्षा लोग अब सहयोग कर रहे हैं। शहर को गार्बेज फ्री सिटी बनाने के लिए हम पूरी तरह प्रयासरत हैं और तैयार भी।

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