आवासीय क्षेत्रों में मोबाइल टावरों के निर्माण पर डीडीआरडब्लयूए ने जताई आपत्ति, सीएम योगी को लिखा पत्र

ABHISHEK SHARMA

नोएडा : आवासीय क्षेत्रों में मोबाइल टावरों के निर्माण को लेकर डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि मोबाइल टावरों के निर्माण के लिए 50 मीटर के दायरे में आरडब्ल्यूए और पड़ोसियों से क्लीयरेंस लेना अनिवार्य करना चाहिए। इसके लिए डीडीआरडब्ल्यूए ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की है।

डीडीआरडब्लयूए के अध्यक्ष एन पी सिंह का कहना है कि आवासीय क्षेत्रों में मोबाइल टॉवरों के निर्माण के लिए प्रशासन ने आरडब्ल्यूए से अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता को हटा दिया है। डीडीआरडब्लयूए प्रशासन के इस निर्णय का कड़ा विरोध करती है।

उन्होंने कहा कि शासन द्वारा लिया गया यह निर्णय पूरी तरह से गलत और एकतरफा है। आरडब्ल्यूए अपने निवासियों के कल्याण के लिए कार्य करती हैं और टॉवर के लिए एनओसी, केवल पड़ोसियों की सहमति पर दी जाती है। यह करने से हर निवासी के लिए यह संभव हो पाता है कि वह मोबाइल टावरों की वजह से निकलने वाली नुकसानदेह किरणों के संपर्क में आने से अपने को बचा सके और अगर उसे कोई आपत्ति है तो वो इसका विरोध कर सके।

एन पी सिंह ने बताया कि मोबाइल टावर आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं और उच्च न्यायालय के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय में भी इस बात को माना है।

भौगोलिक रूप से भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान के उच्च न्यायालय ने 27 नवंबर 2012 को स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों और आसपास के सभी सेल टावरों को हटाने का आदेश दिया। विकिरण के कारण खेल के मैदान “जीवन के लिए खतरनाक।” अदालत का अद्भुत 200 पृष्ठ का निर्णय पूरी तरह से समीक्षा करता है। दुनिया भर में सबूत है कि सेल टॉवर मनुष्यों और वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

टेन न्यूज के संवाददाता ने जब इस संबंध में नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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