नोएडा प्राधिकरण ने कचरा प्रबंधन पर वेबीनार का किया आयोजन| गणमान्य और सामाजिक हस्तियाँ ने साझा किए अनुभव
ABHISHEK SHARMA
नोएडा :– नोएडा प्राधिकरण स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले स्थान पर आने के लिए अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रहा है। इसके लिए नोएडा के निवासियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कडी में नोएडा प्राधिकरण ने वेबीनार का आयोजन किया, जिसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर चर्चा की गई, जिसमें शामिल पैनलिस्ट ने अपने-अपने विचार साझा किए।
इस कार्यक्रम में नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी, जनप्रतिनिधि, आरडब्लूए, सामाजिक कार्यकर्ता एवं ग्रामीण क्षेत्रों से लोग जुड़े। सभी ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर अपने अपने विचार व्यक्त किए। इस कार्यक्रम का सफल संचालन मशहूर रेडियो जाॅकी एवं नोएडा की ब्रांड एंबेस्डर गिन्नी एवं नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी एस सी मिश्रा ने किया। ‘3 आर का उपयोग करके ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सर्वोत्तम अभ्यास’ इस कार्यक्रम का विषय रहा।
कार्यक्रम में पैनलिस्ट के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा, नोएडा विधायक पंकज सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी, रेडियो जॉकी गिन्नी, ब्रांड एंबेसडर नोएडा, दीपा सिंह बघाई, सेवानिवृत्त आईएएस, कैप्टन मंजू मिन्हास, एसबीएम कंसलटेंट नोएडा, राजीवा सिंह, वालंटियर एसबीएम कंसल्टेंट्स नोएडा, आशीष सचदेवा, वॉलिंटियर ग्रीन ड्रीम फाउंडेशन, तरुणिमा बाजपेई, फाउंडर इकोसॉफ्ट सॉल्यूशन, मयंक चंद्रा, सेक्टर लीड नोएडा एचसीएल फाउंडेशन, हिमांशु शर्मा, वालंटियर स्वच्छ भारत मिशन, अभिज्ञानम, कोऑर्डिनेटर एनजीओ ग्राम विकास एवं मानव सेवा संस्थान, महेश, आईआईएम लखनऊ केंपस नोएडा, एम.सी भारद्वाज, कंसलटेंट ग्रीन रिवॉल्यूशन एंड वेस्ट मैनेजर, योगेंद्र शर्मा, अध्यक्ष फोनरवा, विपिन मल्हन अध्यक्ष एनईए, रंजन तोमर, अध्यक्ष नोवरा, विनोद शर्मा, नोएडा इनसाइक्लोपीडिया, पॉलिटिकल चौपाल एडिटर कोऑर्डिनेटर रेडियो प्रोग्राम 91.2 नोएडा लोक मंच, विष्णु सैनी, वालंटियर प्रोग्रेसिव कमेटी फाउंडेशन, अभीष्ट कुसुम गुप्ता, वालंटियर 137, रविकांत मिश्रा, अध्यक्ष जन शक्ति सेवा समिति, एन.पी सिंह, अध्यक्ष, डिस्ट्रिकट डेवलपमेंट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, एस.के जैन, अध्यक्ष सेक्टर 18 मार्केट एसोसिएशन, सुषमा अवाना, वालंटियर नव ऊर्जा संस्था नोएडा, विमलेश शर्मा, अध्यक्ष ग्राम प्रधान संगठन नोएडा क्षेत्र उपस्थित रहे।
सांसद डॉ महेश शर्मा ने कहा कि आज टेन न्यूज़ और नोएडा प्राधिकरण के माध्यम से एक शुरुआत की गई है कि अपने क्षेत्र को स्वच्छ रखेंगे। नोएडा हमारा घर है, हमारा क्षेत्र है, हमारा इतिहास है और इस नोएडा को किस तरह से हम एक बेहतरीन शहर बनाएंगे और बनाकर रखेंगे, इसमें हर एक का योगदान रहा है और आगे भी रहना चाहिए। यह जिम्मेदारी किसी मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री की ही नहीं बल्कि हम सभी लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए और इस प्रयास में नोएडा प्राधिकरण ने बहुत अच्छे कदम उठाए हैं।
खास तौर पर वर्तमान की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी और उनकी टीम को बधाई देना चाहता हूं। उन्होंने इस को एक आंदोलन के रूप में लिया है कि मेरा नोएडा सबसे सुंदर, सबसे खूबसूरत होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पहली बार लाल किले की प्राचीर से टॉयलेट, सफाई और स्वच्छता को लेकर बात की।
आइए हम संकल्प लें कि हम नोएडा को बेहतरीन शहर बनाएंगे। विरासत में हमें क्या मिला, यह महत्वपूर्ण नहीं बल्कि हम वसीयत में अपने बच्चों के लिए क्या छोड़कर जाएंगे यह महत्वपूर्ण हैं। आज नोएडा पूरे देश का ही नहीं बल्कि विश्व का मिनी वर्ल्ड है। यहां देश दुनिया के लोग आकर रह रहे हैं।
अच्छा लगता है जब हम देखते हैं कि नोएडा में हर किलोमीटर पर पिंक टॉयलेट बने हुए हैं। कूड़े का भी निस्तारण किया जा रहा है। कहीं ना कहीं डिस्पोजल प्लांट आरडब्ल्यूए के माध्यम से लगाए जा रहे हैं। मैं लोगों से अपेक्षा करता हूं कि हम सब लोग मिलकर अपनी सामूहिक जिम्मेदारी को निभाएंगे। हमें नोएडा को खूबसूरत, स्वच्छ और गंदगी की रहित शहर बनाना है।
नोएडा के विधायक पंकज सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि मुझे बेहद गर्व की अनुभूति होती है कि नोएडा प्राधिकरण ने हाइजीन और सैनिटाइजेशन में शानदार काम किया। कचरा प्रबंधन में भी काफी अच्छा कार्य हो रहा है। गीले और सूखे कचरे को अलग किया जा रहा है और उसको रीसायकल करने का कार्य हो रहा है। जितनी गंभीरता के साथ प्राधिकरण ने इस पर कार्य किया है, उसके लिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देना चाहता हूं।
पहले लोगों को लगता नहीं था कि कभी स्वच्छता इतना बड़ा विषय हो सकता है। स्वच्छता को लेकर आंदोलन जैसी स्थिति देश में बन सकती है। 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों के बीच में आह्वान किया तो हम सब जानते हैं कि स्वच्छता को लेकर पूरे देश में एक आंदोलन की स्थिति पैदा हो गई। सभी लोग इसके प्रति बेहद जागरूक हुए और अपने स्तर से कार्य कर रहे हैं।
प्राधिकरण की ओर से भी सुरक्षा को लेकर काफी कार्य किए गए हैं। नोएडा में क्षमता है कि वह वर्ल्ड क्लास शहर के रूप में विकसित हो सके। स्वच्छता सर्वेक्षण में हम लगातार ऊपर जा रहे हैं।प्रदेश में हम नंबर वन पर हैं और देश में नंबर वन आने की भी हम क्षमता रखते हैं। स्वच्छता के प्रति लोगों में इच्छा हमेशा से थी लेकिन उसके प्रति जागरूकता नहीं थी। स्वच्छता को जब लाइफस्टाइल से जोड़ने की बात हुई तो लोग इससे प्रभावित हुए और जागरूक हुए और अपने आसपास के स्थान को स्वच्छ रखने के बारे में सोचने लगे और कार्य भी किए गए। प्राधिकरण ने स्वच्छता कार्यक्रम में लोगों को भी अपने साथ जोड़ा है, जो कि एक बेहद शानदार पहल है। इससे पता चलता है कि हम स्वच्छता लेकर कितने गंभीर हैं।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने अपने वक्तव्य में कहा कि हम सभी लोग जानते हैं कि नोएडा में स्वच्छता की मुहिम चल रही है। देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा लगातार यह प्रयास किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी ध्यान दिया जाता था लेकिन अर्बन वेस्ट हम सब लोगों के लिए बहुत बड़ा चैलेंज बन गया था। निश्चित ही हमारे देश में इसका इस्तेमाल करने की कमी थी। जिसको लेकर कार्य किया।
सभी लोग जानते हैं कि नोएडा प्राधिकरण स्वच्छता और वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर काफी कार्य कर रही है। नोएडा पूरे देश के विकसित शहरों की लिस्ट में शुमार है। हर चीज में नोएडा नंबर वन है तो क्यों हम स्वच्छता की रैंकिंग में पिछड़ रहे हैं, इस और हमें ध्यान देना होगा। स्वच्छता को लोग सामूहिक जिम्मेदारी समझे और इसके लिए कार्य करें। यह हम सब लोगों के लिए चुनौती है कि जो स्थान नोएडा को मिलना चाहिए वह स्थान प्राप्त करने के लिए हम सब मिलकर कार्य करें। सफाई के जो मानक हमारे शहर में होने चाहिए हैं हमने उनको पूरा करना हैं।
हाल ही में नोएडा की एक टीम इंदौर का भ्रमण करके आई है कि वहां किस प्रकार से स्वच्छता रखी जाती है। हमें यह मानना होगा कि हम स्वच्छता रैंकिंग में अभी भी काफी पीछे हैं। इंदौर में लोगों ने स्वच्छता और कचरा प्रबंधन को अपने व्यवहार में उतार लिया है। लोग स्वच्छता रखना अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। लोगों को यह सोच रखनी है कि नोएडा मेरा शहर है और मुझे ही इसको साफ रखना है। तभी स्थिति बदलेगी और नोएडा स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन रैंकिंग हासिल कर सकेगा।
मंजू मिन्हास ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सब जानते हैं इस वक्त कोरोना काल चल रहा है और सब लोग इससे भली भांति परिचित हैं और सब लोगों ने अपने आप को इसके साथ ढाल लिया है। उन्होंने कहा कि 1 साल में 12 लाख लोग प्रदूषण से अपनी जान गंवा देते हैं। विश्व में सबसे प्रदूषित 10 शहरों में 6 शहर भारत के हैं। प्लास्टिक से हमारी नदियों में बहने वाला पानी प्रदूषित हो रहा है। जंगलों में आग लग रही है, यह एक बड़ी चुनौती सब लोगों के सामने हैं।
कोरोना के दौर में प्लास्टिक का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। इस दौरान ऑनलाइन शॉपिंग भी बढ़ गई है, क्योंकि लोग घरों से बाहर निकलने में परहेज कर रहे हैं। वही डोमेस्टिक बायोमेडिकल वेस्ट काफी बढ़ गया है, जिनमें मास्क, ग्लव्स आदि शामिल हैं। कोविड के चलते स्वच्छ भारत अभियान पर ब्रेक लगा है, लेकिन कोरोना ने नदियों और आसमान को बिल्कुल साफ कर दिया है।
हर साल हम वायु प्रदूषण से लड़ने में 30 बिलियन डॉलर खर्च करते हैं। अभी भारत की जनसंख्या 130 करोड़ है। देश में करीब 62 मिलियन टन वेस्ट निकलता है, जिसमें से 70- 80% कचरे को नगर निगम उठा लेती हैं, जिससे कूड़े के ढेर लगते हैं और यह नदियों में भी जाता है। भारत में केवल 20% कूड़ा रीसायकल हो पाता है। हमें अपने लाइफस्टाइल को बदलने की जरूरत है और प्लास्टिक से जुड़ी चीजें खरीदने से परहेज करें।
तारूणिमा वाजपेई ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इस वक्त सभी को पता है कि नोएडा प्राधिकरण स्वच्छता को लेकर कितने कार्य कर रही है। इसके साथ ही कई सामाजिक संस्थाएं हैं, जो प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट और स्वच्छता को लेकर नोएडा प्राधिकरण के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। एचसीएल फाउंडेशन भी नोएडा में स्वच्छता को लेकर कार्य कर रही है। एचसीएल फाउंडेशन क्लीन नोएडा प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिसके जरिए यह वेस्ट मैनेजमेंट पर कार्य कर रही है।
ऐसी कई संस्थाएं हैं जो अपने अपने क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। हम लोग यह समझते हैं कि स्वच्छता रखना हमारी जिम्मेदारी नहीं है। यह सरकार और प्राधिकरण का कार्य है। मेरा यही सुझाव रहता है कि आप संबंधित अथॉरिटी से जरूर शिकायत करें। लेकिन यह सोचे कि हम खुद इस क्षेत्र में क्या कार्य कर सकते हैं। कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि जो बड़ी संस्थाएं हैं वह कार्य करेंगी।
हमारी कोशिश रहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाए और लोगों को अपने साथ जोड़ कर कार्य कराया जाए। प्राधिकरण भी लोगों को मौके दे रही है, इस विषय में कार्य करने के लिए।
दीपा सिंह ने कहा कि हम सेक्टर 47 में 2 साल से कार्य कर रहे हैं। नोएडा प्राधिकरण के सहयोग के बिना यह कार्य नहीं हो सकता था। सबसे पहले हमारी शुरुआत कचरे को अलग करने को लेकर हुई। घूमते फिरते हम लोगों से मिले और जहां गंदगी रहती थी उसके बारे में चर्चा की। सेक्टर में इतने सुंदर सुंदर घर हैं, लेकिन घरों के बाहर कूड़े का ढेर है। हम लोगों ने यह पहल शुरू की और नोएडा प्राधिकरण ने पूरा सहयोग दिया।
यहां अब तक हम कंपोस्टिंग प्लांट लगा चुके हैं। इसके लिए सेक्टर के अधिकतर निवासियों ने अपना सहयोग दिया और हमको नोएडा अथॉरिटी से सब्सिडी मिली। जिससे कि हम लोग यहां डिसेंट्रलाइज कंपोस्ट प्लांट लगा सकें। इस वक्त हम लोगों से यही विनती करेंगे जितना हम कूड़े को डि- सेंट्रलाइज कर सकें। उतना ही हम बचाते हैं कूड़े को नदियों में जाने से।
एचसीएल फाउंडेशन ने इस कार्य के लिए हमारी काफी मदद की है। उन्होंने हमें डोर टू डोर कचरा इकट्ठा करने के लिए गाड़ियां प्रदान की हैं और हम लोग अपना कचरा अलग-अलग उसमें डालते हैं। लेकिन अभी हमें इसमें और काफी प्रयास करना है। इस वक्त मास्क और ग्लव्स का चलन काफी हो गया है, जिसका प्रबंधन करना बेहद जरूरी है।
सब लोगों ने देखा हुआ कि नोएडा में पेड काफी हैं, लेकिन जो पेड़ों से पत्तियां गिरती हैं यह काफी बड़ी समस्या बनती जा रही है। पिछले साल तक पत्तियां अलग-अलग जगहों पर जलाई जा रही थी। हम लोगों ने बहुत कोशिश करके जलाना बंद करवाया और अब स्वास्थ्य कर्मी इसमें हमारी सहायता करते हैं और पत्तियों का ढेर इकट्ठा करना शुरू किया। एक बड़ा सा गड्ढा करके उन पतियों को उस में दबा दिया गया। अब उसके जरिए हम ग्रीन बेल्ट को हरित बनाने में लगे हुए हैं।
राजीवा सिंह ने कहा कि 2016 तक कचरे को अलग अलग करने के बारे में कोई नहीं जानता था। आज की तारीख में देखें तो लगभग 80 फीसद लोग कचरे को अलग अलग कर रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन लोगो और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता था।
उन्होंने कहा कि हम 100 सोसायटियों में लगभग 200 प्रजेंटेशन स्वच्छ भारत और वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर दे चुके हैं और इसके रिजल्ट देखने को मिल रहे हैं। एक समय में नोएडा की स्वच्छता में रैंकिंग 324 थी, फिर 150 हुई और अब हम उम्मीद करते हैं कि नोएडा स्वच्छता में नंबर वन रैंकिंग हासिल करेगा।
स्वच्छता अभियान के तहत लोगों को रोजगार मिल रहा है। हम लोगों को नए वेस्ट कलेक्टर मिल रहे हैं। जब से स्वच्छता पर बात हुई है तो काफी चीजें सुधरी हैं और जो पॉइंट छूट गए हैं उन पर कार्य करने की आवश्यकता है। अब पूरे साल नोएडा में सफाई होनी शुरू हो गई है।
हिमांशु शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि मुझे आज भी याद है 2 वर्ष पूर्व सांसद डॉ महेश शर्मा हमारी सोसाइटी में आए थे। उस वक्त हमने प्रण लिया था कि हम अपनी सोसाइटी को ही नहीं बल्कि पूरे नोएडा को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाकर रहेंगे और हम इस दिशा में लगातार कोशिश कर रहे हैं। हम लोगों को एहसास करा रहे हैं कि स्वच्छता बनाए रखना सरकार, प्रशासन का ही नहीं, हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।
हर आदमी के मन में यह भाव हो कि हम किस तरह से नोएडा को स्वच्छ रखने में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैं नोएडा प्राधिकरण को धन्यवाद देना चाहूंगा कि हमने जो भी मामले उठाए उनका जल्द से जल्द निस्तारण कराया गया। कचरा प्रबंधन में सभी लोगों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। बच्चों और महिलाओं को इस अभियान में जोड़ना बेहद जरूरी है। कोरोना के दौर में बच्चे घरों पर बैठे हैं।
मशहूर रेडियो जॉकी गिन्नी ने कहा कि मुझे गर्व होता है कि मैं नोएडा में रहती हूं। पिछले कुछ सालों में नोएडा में काफी बदलाव आया है। नोएडा के किसी भी हिस्से में चले जाइए, वहां सफाई देखने को मिलेगी। स्वच्छता के अलावा शहर को सुंदर बनाने पर भी कार्य हो रहा है। नोएडा में जितने भी अंडरपास हैं, उनमें लाइट लगाई गयी है, पेंटिंग की गई है, पिंक टॉयलेट बनाए गए हैं बायोडायवर्सिटी पार्क और कई अन्य ऐसी जगह हैं, जहां नोएडा की खूबसूरती में चार चांद लगते हैं।
जब से हमने हेलीकॉप्टर राइड की बात की है तो तब से ही बड़ी संख्या में कॉल और मैसेज आ रहे हैं। लोग नोएडा को हेलीकॉप्टर से देखना चाह रहे हैं। इसके लिए अपने सुझाव दे रहे हैं।
आशीष सचदेवा ने कहा कि हमने नोएडा को स्वच्छ रखने के लिए काफी कार्य किया है। नोएडा एक ऐसा शहर है जहां स्वच्छता केवल सर्वेक्षण के लिए ही नहीं बल्कि इस शहर के लिए की जाती है। पूरे साल हमें काम होते हुए दिखता है। लोगों को नोएडा प्राधिकरण साथ लेकर स्वच्छता में आगे बढ़ रहा है। लोगों को अपने साथ जोड़ना एक बेहद सराहनीय कदम है। जिस तरह से नोएडा में स्वच्छता को लेकर कार्य कार्य चल रहे हैं, तो निश्चित ही नोएडा और स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में टॉप टेन में जगह बनाएगा।
उन्होंने कहा कि हम नोएडा में स्वच्छता को लेकर काफी कार्य कर रहे हैं। कोरोना काल में भी हमने यह जारी रखा। 3 आवासीय सोसाइटी हैं, जहां कचरे का प्रबंधन 80 फ़ीसदी हो गया है। आने वाले समय में कई और सोसाइटी से जुड़ेंगे।
योगेंद्र शर्मा ने कहा कि किसी भी काम में हमें सफलता जरूर मिलती है, जब उसमें निरंतरता रहती है। इसका उदाहरण नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी और अन्य अधिकारी हैं। जिन्होंने निरंतर डेढ़ साल से स्वच्छ अभियान को अपनी प्राथमिकता में रखकर कार्य किया है। उसी के अनुरूप हमने पूरे शहर में प्राधिकरण के साथ मिलकर उस पर कार्य किया है। जिसके तहत नोएडा प्रदेश में नंबर वन और देश में 25 स्थान पर आया है।
हमने प्रण लिया है कि नोएडा शहर को पूरी तरह से कूड़े और प्लास्टिक से मुक्त बनाना है। हम सभी लोग अपनी जिम्मेदारी समझते हुए स्वच्छता को लेकर कार्य करेंगे। नोएडा के सेक्टरों में कुछ त्रुटियां हैं, जिनको लेकर हम आने वाले दिनों में प्राधिकरण के साथ मिलकर कार्य करेंगे। हम लगातार हर सेक्टर की आरडब्ल्यूए के संपर्क में हैं।
सीएमए एम.सी भारद्वाज ने कहा कि इसमें कोई शक की बात नहीं है कि नोएडा प्राधिकरण ने स्वच्छता और कचरा प्रबंधन पर पिछले 15-20 महीनों में काफी कार्य किया है। इसमें हमें काफी सफलताएं मिली हैं। आज की तारीख में ढलाई घर हरित स्थान में तब्दील हो गए हैं। एक समय में नोएडा में लैंडफिल साइट होती थी जो अब छोटे-छोटे एमआरएफ सेंटर में तब्दील हो गई हैं।
हमें अपने सेक्टरों के बाहर कूड़े के ढेर दिखाई देते थे और वहां पर आवारा पशु दिखाई देते थे, वह लगभग गायब हो चुके हैं। लेकिन अभी भी और आगे जाना है। अभी काफी कार्य करना बाकी है। हाई राइज सोसाइटी में अभी भी डोर टू डोर कलेक्शन पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा अलग अलग करने का कार्य भी सही से नहीं हो पा रहा है।
छात्र महेश ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारे कोर्स में यह सिखाया जाता है कि बिजनेस केवल लाभ पर ही नहीं बल्कि एनवायरनमेंट और सोसाइटी को आगे बढ़ा कर लेकर चलें। आज हम रीड्यूस, रीयूज और रीसायकल पर बात कर रहे हैं, लेकिन यह कांसेप्ट हमारी संस्कृति में काफी पुराना है। अगर हम देखेंगे कि हमारे जो पुराने कपड़े होते हैं उनको फर्श साफ करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। सबसे पहले हमें कचरे को अलग से करने पर जोर देना होगा। कचरे से हम काफी चीजें बना सकते हैं, जैसे गैस, खाद और बिजली आदि। सबसे पहले हम लोगों को कचरे की कीमत के बारे में लोगों को बताना होगा और कचरे से लाभ लेना शुरू करना होगा।
रंजन तोमर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारी संस्था नोएडा के 81 गांवों का प्रतिनिधित्व कर रही है। गांधी जी ने कहा था कि देश का भविष्य गांव पर निर्भर करता है। आज भी यह पूर्णता प्रासंगिक है। हमारे गांव ऐसे हों, जैसे गांधी जी के सपनों में थे। नोएडा के कई गांवों को प्राधिकरण मॉडल के रूप में पेश कर सकता है और कर भी रहा है।
उन्होंने कहा कि नोएडा में गेझा रोड है, जो काफी जर्जर स्थिति में था। हमारी संस्था ने उसको बनवाने के लिए काफी प्रयास किए और नोएडा प्राधिकरण ने आखिरकार उसको बनवाया। लेकिन अब स्थिति यह है आ गई है कि वहां के स्थानीय लोगों ने सड़क पर कचरा डालना शुरू कर दिया है। लोगों को लगता है कि सफाई बनाए रखना सरकार और प्राधिकरण की जिम्मेदारी है।
स्वच्छता रखने के लिए सभी लोगों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। लोगों की जिम्मेदारी है कि कचरे को अलग-अलग करके प्राधिकरण को दें। जिससे प्राधिकरण उसका निस्तारण कर सके। प्राधिकरण की कचरा उठाने वाली गाड़ियां सब जगह आ रही है लेकिन कुछ ऐसे स्थान जहां पर नहीं पहुंच पा रही हैं। इस पर अधिकारियों को ध्यान देने की आवश्यकता है।
विपिन मल्हन ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आज से करीब 30 वर्ष पूर्व ‘क्लीन नोएडा, ग्रीन नोएडा’ का स्लोगन आया था। सुनने में बड़ा अच्छा लगता था लेकिन उस पर कार्य कभी नहीं हुआ था। जब से नोएडा प्राधिकरण में सीईओ के तौर पर रितु माहेश्वरी आई है, तब से स्वच्छता के प्रति काफी कार्य हो रहा है। जब तक हम नोएडा को अपना शहर नहीं मानेंगे तब तक स्वच्छता के प्रति जागरूकता और भाव नहीं आएगा।
सभी लोग समझे कि नोएडा मेरा है और मुझे ही इसको स्वच्छ रखना होगा। नोएडा प्राधिकरण एक प्रकार से हमारी सहायता कर सकती है लेकिन इस को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी हमारी ही है, क्योंकि गंदा भी हम ही करते हैं। नोएडा को स्वच्छ रखने के लिए प्राधिकरण तो कार्य कर ही रहा है। लेकिन अब नोएडा के उद्यमियों, गांव, निवासी, कमर्शियल, स्टेक होल्डर की बारी है कि नोएडा प्राधिकरण का साथ दें और नोएडा को हिंदुस्तान में नंबर वन पर पहुंचाएं।
उन्होंने कहा कि हमें समय-समय पर अपनी इंडस्ट्री पर भी ध्यान देना होगा। कई प्लांट में मशीनें पुरानी चल रही हैं, जिससे कि हमारे प्रोडक्ट से ज्यादा कचरा निकल कर आता है। अगर हम समय-समय पर टेक्नोलॉजी अपग्रेड करते रहे तो हमारा प्रोडक्शन भी बढ़ेगा और कचरा भी कम होगा। हमें अपने प्रबंधन और कर्मचारियों के लिए समय-समय पर वेबीनार आयोजित करने होंगे, जिनमें स्वच्छता के प्रति सचेत किया जाए।
अभीष्ट कुसुम गुप्ता ने कहा कि मैं पर्यावरण से बहुत प्यार करता हूं और इसमें अपना योगदान देता रहता हूं। यह एक ऐसा विषय है कि अब इसकी अवहेलना नहीं की जा सकती क्योंकि अगर अब पर्यावरण की स्थिति और बदतर होती है, तो आने वाली पीढ़ियों पर इसका असर पड़ेगा। पर्यावरण का संरक्षण बेहद जरूरी है। यह किसी व्यक्ति विशेष या समूह विशेष की बात नहीं है। यह हर एक आम नागरिक की जिम्मेदारी है कि अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें और लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करें। हमारे पास ज्यादा ऑप्शन बचे नहीं हैं।
सुषमा अवाना ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हम 2014 से स्वच्छता के प्रति काम कर रहे हैं। लगभग हमारी संस्था ने 200 स्वच्छता अभियान आयोजित किए हैं और हम अधिकतर गांव में जाकर जागरूकता अभियान चलाते हैं। हमने देखा है कि शहर की जो सोसाइटी और सेक्टर हैं वह लगभग साफ हैं। लेकिन गांवों में स्थिति खराब हो रही है। हमारी टीम गांवो में जाती है और लोगों को स्वच्छता के बारे में जानकारी देते हैं और बताते हैं कि किस तरह से कचरे का प्रबंधन किया जाए।
हमारे 35 वालंटियर इस दिशा में कार्य कर रहे हैं, लोगों को बताया जाता है कि अपने आसपास किस तरह से सफाई रखी जा सकती है। अगर हम अभी बदलाव नहीं लाए तो आने वाले समय में कभी भी बदलाव नहीं है आ सकेगा। इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। चाहे प्राधिकरण के अधिकारी हों, निवासी हों, उद्यमी हों। जिस प्रकार हमारे घर में कचरा होता है, तो उसे हम उठाकर डस्टबिन में डाल देते हैं। उसी प्रकार नोएडा भी हमारा घर है, कहीं भी कचरा दिखे तो उसे वहां से हटाने का कार्य किया जाना चाहिए।
एसके जैन ने कहा कि बड़ा अच्छा लग रहा है कि एक प्लेटफार्म पर एकत्रित होकर हम स्वच्छता और कचरा प्रबंधन पर बात कर रहे हैं। जिस तरह से स्वच्छ अभियान की शुरुआत हुई, अगर हम सेक्टर 18 की बात करें तो सेक्टर 18 को मॉडल सेक्टर की तरह देखा जा सकता है कि किस तरीके से वहां पर सफाई अभियान शुरू किया गया और प्राधिकरण के अधिकारियों के नेतृत्व में वहां बहुत बदलाव आया है। सेक्टर 18 की सड़कें स्वच्छ मिलेंगी। अब जगह-जगह कूड़े के ढेर देखने को नहीं मिलेंगे।
विष्णु सैनी ने कहा कि जिस प्रकार से नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने खुलेआम माना है कि नोएडा प्राधिकरण को 25 वां स्थान मिला है, लेकिन हम उस स्थिति में नहीं थे। यह एक सराहनीय कदम कहा जा सकता है। नोएडा प्राधिकरण चाहती है कि शहर में वाकई स्वच्छता हो और शहर स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में नंबर वन बने।
नोएडा को स्वच्छ बनाने के लिए सभी लोगों को साथ आना होगा। सभी लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझ कर स्वच्छता के प्रति कार्य करना होगा, तो स्थिति निश्चित ही बदल सकती है। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत दुख होता था कि नोएडा स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रतिभाग नहीं करता था। इस चीज के बारे में नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से भी चर्चा करता था। अब इस दिशा में कार्य हो रहा है और नोएडा लगातार सर्वेक्षण रैंकिंग में ऊपर आ रही है और हमें विश्वास है कि लोगों के सहयोग से हम नंबर वन पर पहुंचेंगे।
विनोद शर्मा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि ‘हमारा एक ही नारा, नोएडा नंबर वन हो हमारा’ इसके लिए सभी को एकजुट होना होगा। अगर देखा जाए तो जितने पब्लिक टॉयलेट, पिंक टॉयलेट नोएडा में हैं, इतने शायद ही कहीं पर होंगे। उस शहर को स्वच्छ रखने के लिए नोएडा प्राधिकरण का सहयोग रहा है। उसके लिए प्राधिकरण के अधिकारी बधाई के पात्र हैं। हम देखेंगे कि नोएडा में घर-घर से कूड़ा उठना एक बेहतरीन कदम है। इसमें प्राधिकरण को काफी सफलता मिल चुकी है। चाहे गांव हो या सेक्टर हो एक समस्या बनी हुई है। जब किसी भी गांव या शहर में घर घर से कचरा उठता है, उसके बाद भी नाली से निकलने वाला कचरा उठाने की व्यवस्था नहीं है। जिसके लिए प्राधिकरण को ध्यान देने की जरूरत है।
तारक सहाय ने अपनी बात रखते हुए कहा कि मैंने ना केवल भारत में काम किया, बल्कि कई अन्य देशों में भी रहकर कार्य किया है। जब मैं दूसरे देशों से वापस आता था तो देखता था कि जैसे वहां पर स्वच्छता है और लोगों में इसके लिए जिम्मेदारी का भाव है, वैसा इंडिया में क्यों नहीं हो सकता? मैंने यह महसूस किया कि यहां लोगों में कमिटमेंट की कमी है। लोगों को जिम्मेदारी का बोध कराया जाए तभी स्वच्छता मैं नोएडा और बेहतर कर सकेगा। सभी लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझने की आवश्यकता है।
श्रीमती विमलेश ने अपनी बात रखते हुए कहा कि नोएडा प्राधिकरण में विकास पर बातें होती है। लेकिन गांवों के विकास पर कोई बात नहीं करता। उन्होंने कहा कि निठारी गांव में हमने कचरे को अलग अलग करने पर काफी कार्य किया। लोगों को पहले पता भी नहीं था कि कचरा अलग अलग रखा जाता है। हम 2010 से लोगों के साथ मिलकर इन सब चीजों को कर रहे हैं। स्कूलों के बच्चे को प्लास्टिक और पॉलिथीन का प्रयोग न करने की सलाह दी जाती थी। इसी के चलते निठारी के लोग इतने जागरूक हैं कि यहां कचरे को अलग अलग करने का कार्य शत-प्रतिशत हो रहा है।
टेन न्यूज नेटवर्क इस कार्यक्रम का मीडिया पार्टनर रहा।
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