ग्रेटर नोएडा में 15000 करोड़ से ज़्यादा के विकास कार्य होंगे शुरू, 2021 की प्राथमिकताओं पर सीईओ नरेंद्र भूषण की आलोक सिंह से बातचीत
Ten News Network
नव वर्ष 2021 की शुरुआत हो चुकी है। हर आने वाला वर्ष नई चुनौतियां लेकर आता है, जिससे निपटने के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए। नव वर्ष 2021 की पूर्व संध्या पर टेन न्यूज़ लाइव पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने ग्रेटर नोएडा की ऊंची उड़ानों के बारे में बताया।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने सभी क्षेत्रवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह साल बीते साल से बेहतर हो, यही सब लोग उम्मीद करते हैं। पिछला साल काफी चुनौतीपूर्ण रहा, इसमें कोरोना नामक महामारी ने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मी लोगों की सेवा में ढाल बनकर खड़े रहे। उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध नगर जनपद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटा होने के कारण बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यहां पूरे विश्व के प्रबुद्ध जन रहते हैं और विदेशों में अधिक यात्रा करते हैं। जिसके चलते जिले में कोरोना के मामलों में बहुत तेजी आई।
यूपी में अन्य जिलों की तुलना में यहां पर कोरोना ज्यादा फैल रहा था। 29 मार्च को उन्हें राज्य सरकार ने जिले का नोडल अफसर नियुक्त किया। जिले में कोरोना रोकने के लिए बहुत चुनौतियां थी। उन्हैंने बताया कि बहुत तेजी से यहां कोरोना फैल रहा था। स्थिति को भांपते हुए 6 सदस्यीय टीम की बैठक हुई। जिसमें पुलिस कमिश्नर , तीनों प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और जिलाधिकारी मौजूद रहे।
इस दौरान सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। कोविड मरीजों को रखने के लिए व्यवस्था के बारे में बात हुई। यहां पर बड़े पैमाने पर प्राइवेट अस्पताल हैं, जिनका सहयोग जिला प्रशासन को मिला। पांच फार्मूला पर हमने कार्य करना शुरू किया, जिनके लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने थे, वह अगले ही दिन उठाए गए। कोविड मरीजों को ट्रेस करना बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। पहले कोरोना रिपोर्ट आने में समय लग रहा था लेकिन हमने 2 घंटे में रिपोर्ट की व्यवस्था कराई, जिससे मरीज को जल्द से जल्द ट्रेस करने में भी सहायता हुई।
उन्होंने नोएडा के सेक्टर 8 में जेजे कॉलोनी बड़ा सिरदर्द साबित हो रही थी। यहां कोविड़ का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा था। झोपड़ी झुग्गियों में रहने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक थी। यहां एक ही कमरे में सात-आठ लोग रह रहे थे। लोगों को चिन्हित करना बेहद मुश्किल था, इसके बावजूद हमने कार्यप्रणाली बनाई और शांतिपूर्ण तरीके से लोगों को चिन्हित कर क्वारंटाइन करना शुरू किया। 1 महीने तक यहां बड़े पैमाने पर संक्रमित मिल रहे थे, जिसके बाद धीरे-धीरे यहां संक्रमितों की संख्या कम हुई। जो कि हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है।
सीईओ ने कहा कि यहां कोरोना के प्रचार प्रसार को रोकने के लिए लोगों का बेहद सहयोग मिला। औद्योगिक नगरी होने के कारण यहां देश के सभी राज्यों से आकर लोग काम करते हैं। जब लॉक डाउन लगा तो सब लोगों की जीविका पर बात आ गई। यहां के सामाजिक संगठनों ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए लोगों को खाना एवं आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करानी शुरू की। लोगों ने कोविड दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया। गौतम बुद्ध नगर जिले में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या काफी अधिक थी। लेकिन मृत्यु दर पूरे देश में सबसे कम है। यह सब लोगों के सहयोग के चलते संभव हो सका।
ग्रेटर नोएडा का भविष्य क्या होगा?
सीईओ नरेंद्र भूषण ने कहा कि ग्रेटर नोएडा पूरे देश में अपने आप में एक अनूठा शहर है, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर पहले बन गया और लोग बाद में रहने के लिए आए। ग्रेटर नोएडा शहर में रहने का अपना अलग ही मजा है। यहां चौड़ी-चौड़ी सड़कें हैं। सबसे ज्यादा ग्रीन बेल्ट, हरा भरा वातावरण यहां की खासियत है। यह शहर बेहद योजनाबद्ध तरीके से बसाया गया है। 2010-11 में शहर के विकास में चुनौतियां आई। जब विकास गति थोड़ी धीमी हुई लेकिन पिछले दो-तीन सालों से सब चीजें सही हो रही हैं और विकास की राह फिर से लौट आई है। कोरोना आपदा को इस शहर ने मौके के रूप में लिया है।
उन्होंने कहा कि यहां एक से एक बड़ी यूनिवर्सिटी एवं कॉलेज हैं। शहर में बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। हमारा लक्ष्य है कि पूरी दुनिया के एक तिहाई मोबाइल फोन ग्रेटर नोएडा में तैयार हों, जिसके लिए कार्य चल रहा है। इलेक्ट्रॉनिक में भी यह शहर देश का केंद्र है। एलजी, सैमसंग और हायर जैसी बड़ी कंपनियां यहां स्थापित हो चुकी हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए बड़े-बड़े डाटा सेंटर की जरूरत होती है, जिनके निर्माण के लिए शुरुआत हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका शिलान्यास कर चुके हैं।
ग्रेटर नोएडा बनेगा डाटा सेंटर हब
सीईओ ने बताया कि ग्रेटर नोएडा डाटा सेंटर का हब बनने जा रहा है। दूसरे डाटा सेंटर के लिए भी प्राइवेट सेक्टर के जरिए बात हो चुकी है। वहीं तीसरा डाटा सेंटर भी यहां बनाया जाना है, जिसके लिए प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। चौथे और पांचवें डाटा सेंटर के लिए प्रारंभिक दौर की वार्ता शुरू हो चुकी है। इस पर भी जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब एवं मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनेगा ग्रेटर नोएडा
सीईओ ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में दो बड़े निवेश होने जा रहे हैं , जिसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है। यहां मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब बनाने के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। नए साल के पहले हफ्ते में हम इसका प्रस्ताव बनाकर यूपी सरकार को भेजेंगे। मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब बनने के बाद उसमें वेयरहाउसिंग का पूरा सिस्टम विकसित होगा। इसमें 1500-2000 करोड का निवेश ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का होगा, बाकी निवेश सरकार करेगी। ग्रेटर नोएडा शहर की कनेक्टिविटी पूरे देश के अन्य शहरों से कहीं बेहतर है। यहां पर दुबई और सिंगापुर जैसे पोर्ट की तरह इनलैंड कंटेनर डिपो बनेगा। जिसके जरिए कोई भी सामान भारत के किसी भी हिस्से में 15 घंटे के भीतर पहुंचाया जा सकेगा। इसके बाद उद्योगों का खर्चा काफी कम हो जाएगा। जिसके बाद यह शहर निवेश के लिए और आकर्षक बन जाएगा।
सीईओ ने बताया कि दूसरा प्रोजेक्ट मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाने का है, जोकि बोड़ाकी रेलवे स्टेशन पर बनेगा। बोड़ाकी में ही ग्रेटर नोएडा का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन बनेगा। उसी के दूसरी तरफ इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) बनेगा और एक मेट्रो स्टेशन बनेगा। इसमें भी 1500 से 2000 करोड़ का निवेश प्राधिकरण की तरफ से किया जाएगा। बाकी निवेश भारत सरकार करेगी। वही 12 हजार करोड़ का निवेश कुछ समय बीत जाने के बाद प्राइवेट सेक्टर करेगा। इन दो प्रोजेक्टों से लगभग 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा और लगभग कुल निवेश 15,000 करोड का होगा।
लोगों के लिए संदेश
सीओ ने कहा कि 2020 की सभी चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए हम 2021 में मजबूती से आगे बढ़ेंगे। कोरोना काल में यहां लोगों का रोजगार छिन गया। इस दिशा में हम कार्य करेंगे। पिछले 1 साल में शहर के अंदर सड़कों का सिस्टम बेहतर किया गया है। उन्होंने बताया कि आजकल हमारा फोकस हॉर्टिकल्चर और ग्रीन बेल्ट की तरफ है। उसमें हमने नए सेक्टर विकसित किए हैं। 10 सेक्टर अवार्ड घोषित किए गए हैं। धीरे-धीरे सभी सेक्टर अवार्ड होते जा रहे हैं। मार्च-अप्रैल तक यहां की हरियाली और ज्यादा दिखाई देगी।
सीईओ ने कहा कि नए साल में लोगों को स्मार्ट सुविधाएं दी जाएंगी। घर बैठे सरकारी सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे। इसके लिए सभी चीजें ऑनलाइन कर दी जाएंगे। जिसके बाद लोगों को प्राधिकरण कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। घर बैठे मोबाइल से सारा काम हो जाएगा। शहर को स्मार्ट बनाने के लिए जीआईसी सिस्टम पर कार्य चल रहा है। देश का सबसे बेहतरीन सौलिड वेस्ट मोडल यहां पर विकसित किया गया है। जल्द ही यह कार्य भी शुरू हो जाएगा। सीईओ ने बताया कि यहां जल्द ही फुट ओवर ब्रिज बनाने का कार्य शुरू होगा। ग्रेटर नोएडा में आदर्श गांव बनाने पर कार्य शुरू हो चुका है। पहले चरण में 14 गांवों को चिन्हित कर आदर्श गांव में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जल संचय पर भी कार्य शुरू हो जाएगा। शहर में 100 चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जाएंगे। सीईओ ने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट आने वाले समय में सबसे विकसित क्षेत्र होगा। यहां मेट्रो के निर्माण का कार्य जल्द शुरू हो जाएगा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो के लिए शुरुआती कार्य 15 जनवरी से शुरू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि 2021 में प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अपना कार्यालय स्थापित करेगा। इसके साथ ही कुल चार ऑफिस ग्रेटर नोएडा में स्थापित किए जाने हैं।
सीईओ ने बताया कि ग्रेटर नोएडा को फेज-में बसाने के लिए कंसलटेंट हायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ग्रेनो का अब तक का कुल क्षेत्रफल करीब 22 हजार हेक्टेयर है, जो दूसरे चरण 51 हजार हेक्टेयर जमीन और ली जाएगी। इससे भविष्य में बड़े पैमाने पर उद्योग, रिहायश, व्यावसायिक इमारतें व शिक्षण संस्थान खुलेंगे। इससे अरबों रुपये के निवेश और रोजगार की आस बढ़ी है। इससे पहले यमुना प्राधिकरण भी अपना दायरा बढ़ाने की घोषणा कर चुका है।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा का मास्टर प्लान 2021 चल रहा है। इसका दायरा वैसे तो 30 हजार हेक्टेयर से अधिक है, लेकिन अगर शहरी क्षेत्र की बात करें तो कुल 22255 हेक्टेयर एरिया में वर्तमान ग्रेटर नोएडा बसा हुआ है। अब इसका मास्टर प्लान 2041 तैयार होने जा रहा है। इसे तैयार करने के लिए एजेंसी चयनित की जाएगी। प्राधिकरण ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) निकाल दिया है। जनवरी के प्रथम सप्ताह में इसकी तकनीकी निविदा खुलेगी। पांच से छह कंपनियों ने आवेदन भी किए हैं। इसके बाद वित्तीय निविदा खुलेगी। उसमें इन कंपनियों में से किसी एक का चयन होगा, जो मास्टर प्लान तैयार करेगी।
नया ग्रेटर नोएडा मौजूदा ग्रेटर नोएडा से काफी बड़ा होगा। अभी तक 22,255 हेक्टेयर पर ही शहरी क्षेत्र की बसावट है। इसमें ग्रेटर नोएडा वेस्ट भी शामिल है, लेकिन 2041 के मास्टर प्लान के हिसाब से 51 हजार हेक्टेयर जमीन ली जाएगी। पहली बार ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्ध नगर की सीमा को पार करेगा। बुलंदशहर व हापुड़ के कुछ हिस्से भी इसमें आ जाएंगे। यह एरिया रेलवे लाइन से दादरी की तरफ का होगा। हापुड़ बाईपास तक का एरिया इसके दायरे में आएगा। इसमें 200 से अधिक गांवों की जमीन ली जाएगी। नोएडा एयरपोर्ट को देखते हुए ग्रेटर नोएडा में भी जमीन की मांग बढ़ी है। तमाम उद्यमी यहां निवेश करना चाह रहे हैं। उनको जमीन मिल सकेगी, जिससे उद्योग लगेंगे। निवेश बढ़ेगा और रोजगार भी मिलेगा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बने फ्लैट भी धीरे-धीरे बसते जा रहे हैं। इसके बाद रिहायश की जरूरत इस नए शहर से पूरी हो सकेगी।
इस कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ समाजसेवी आलोक सिंह ने किया। बता दें कि आलोक सिंह लगातार अपनी मुहिमों के जरिए शहर को नई दिशा देने का काम करते हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम का संचालन बेहद बखूबी के साथ किया। अपने सवालों के जरिए ग्रेटर नोएडा में होने वाले विकास कार्यों की जानकारी दर्शकों तक पहुंचाने का कार्य किया।