जिले के अंदर हम बेड की कमी नही होने देंगे : नरेंद्र भूषण , कोरोना नोडल अधिकारी | टेन न्यूज़ लाइव परिचर्चा

Ten News Network

नोएडा :– देश में कोरोना का प्रकोप जारी है , देश का कोई ऐसा जिला नहीं है जहाँ कोरोना से लोग संक्रमित न हो | देश की स्थिति भयानक हो चुकी है , वही गौतमबुद्ध नगर जिले की बात रोजाना 400 से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे है | वही इस संक्रमण को रोकने के लिए गौतमबुद्ध नगर समेत यूपी में एक दिन का लॉकडाउन लगाया गया , साथ ही रोजाना नाईट कर्फ्यू भी लगाया गया , लेकिन फिर भी संक्रमण नहीं रुक रहा है | आखिर क्या वजह है की हम इस संक्रमण को नहीं रोक पा रहे है , आखिर हमारी क्या भूमिका रहनी चाहिए , जो संक्रमण रुक सके |

आपको बता दे कि इस मामले में टेन न्यूज़ परिचर्चा का आयोजन किया , जिसका विषय “गौतमबुद्ध नगर में कोरोना महामारी के प्रबंधन की चुनोतियाँ- सरकार और समाज की भूमिका” रहा | वही इस परिचर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में गौतमबुद्ध नगर के कोविड-19 नियंत्रण प्रभारी व् ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण शामिल हुए , साथ ही फोनरवा संस्था के महासचिव केके जैन , नोफा संस्था कराजीवसेवा सिंह , नोवरा संस्था के अध्यक्ष रंजन तोमर ,कोनरवा नोएडा से ब्रिगेडियर अशोक हक , प्रोफ़ेसर दिव्या दीक्षित और ग्रेटर नोएडा के फेडरेशन आरडब्लूए के अध्यक्ष देवेंद्र टाइगर ने परिचर्चा में हिस्सा लिया |

वही इस परिचर्चा का संचालन एमिटी विश्वविधालय के उप निदेशक प्रोफेसर विवेक कुमार ने किया | साथ ही उन्होंने नरेंद्र भूषण से महत्वपूर्व प्रश्न किये , जिसका जवाब गौतमबुद्ध नगर की जनता चाहती है | परिचर्चा के दौरान गौतमबुद्ध नगर में बेकाबू होते कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए सरकार की तरफ से क्या उपाय किए जा रहे हैं , इसको लेकर कोविड नियंत्रण प्रभारी नरेंद्र भूषण ने कहां की गौतमबुद्ध नगर दिल्ली के बहुत ही समीप है , इसके साथ ही यह उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी बन चुकी है और साथ ही इस जिले में काफी हाई सोसाइटीज है,  जिसके कारण यहां अंतरास्ट्रीय स्तर पर आना जाना लगा रहता है और यही मुख्य कारण है जिससे जिले में कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ते जा रहे है।

उन्होंने कहा हमारे जिले के अंदर लोग पढ़े लिखे , जागरूक है और इंटरनेट का सही इस्तेमाल कैसे करना है ये जानते है | जिले के लोगों और विभिन्न संगठनों के माध्यम से हमें कोरोना रोकथाम के लिए काफी सुझाव मिलते है , जिससे हमें भी सहायता मिलती है। परन्तु जो इस बार का चैलेंज आया है वह पिछली बार से भी बढ़कर आया है। कोरोना एक अदृश्य शत्रु है , पिछली बार हमें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नही थी , लेकिन अब हम इस शत्रु के बारे में बहुत कुछ जानते है। उन्होंने कहा यह वायरस पिछली बार के मुकाबले इतना पावरफुल है यह हम केवल इस बात से समझ सकते है कि पहले जब यह वायरस अगर 3 लोगों को होता है और वह अगर 20 लोगों से मिलते थे तो यह सिर्फ 3 से 4 लोगों में फैलता है ,लेकिन अब यह हो सकता है कि पूरे 20 लोगों को हो जाए ।

 

नरेंद्र भूषण ने कहा पिछली बार जो हमारे पास मामले आ रहे थे जिसमें परिवार के अगर 6 लोग संक्रमित होते थे ,तो हम सभी को आइसोलेट करके उन्हें बचा लेते थे , लेकिन अब जो हमारे पास मामले आ रहे है उसमें पूरा परिवार संक्रमित पाया जा रहा है ,जोकि चिंता का विषय है। उन्होंने कहा अगर किसी एक व्यक्ति को लक्षण है तो वो पहले खुद को आइसोलेट करे फिर अपना इलाज कराएं और अपने परिवार को संक्रमित होने से बचाये , यही एकमात्र उपाय है इस नई वेव से बचाव के लिए।

आगे उन्होंने कहा सरकार की तरफ से भी संक्रमण को  रोकने के लिए काफी प्रयास किये जा रहे है और में सभी जिले वासियों को अस्वस्थ करना चाहूंगा कि सरकार की तरफ से हर सम्भव कदम उठाए जा रहे है और हमारी तरफ से किसी भी चीज़ की कमी हम नही होने देंगे। बेड कैपेसिटी को लेकर नरेंद्र भूषण ने कहा सरकार बेड कैपेसिटी को बढ़ाने का भी प्रयास कर रही है , लेकिन हम लोगों को इस संक्रमण की बढ़ती तेजी को रोकना होगा , क्योंकि अगर हम इसको नही रोकते है तो किये गए प्रयास विफल हो सकते है , लोग इस चीज़ को समझ तो रहे है, लेकिन वह अब एक्शन नही ले रहे है , हमे एक्शन लेना बहुत जरुरी है। और कई लोग अभी भी मास्क नही लगा रहे है , जिससे हमें लगता है कि लोग अभी भी कितने लापरवाह है।

 

मास्क के प्रयोग को लेकर नरेंद्र भूषण ने कहा संक्रमण की स्पीड को रोकने के लिए मास्क पहनना बहुत ही जरूरी है और लोग इस बात को समझते है , लेकिन वह पालन नही करते है | संक्रमण फैलने की आधी कैपेसिटी सिर्फ मास्क पहनने से कम हो जाती है , उन्होंने कहा मैं तो कहूंगा कि लोग अपने घर पर भी मास्क पहनना शुरू कर दे तो संक्रमण के फैलने की क्षमता 0.1 परसेंट ही रह जायेगी। उन्होंने कहा मेरा सभी जिले वासियों से अनुरोध है जो सरकार का बनाया हुआ सिस्टम है , हम सब उसी के हिसाब से चलें इसके साथ ही एक नम्बर जो कि हमे हमेशा याद रखना है वो है 1800 419 2211 |

 

उन्होंने कहा यदि हम सरकार की बनाई हुई व्यवस्था के साथ चलेंगे , तो हमे सारी सुविधाएं समय पर उपलब्ध हो सकेंगी। अभी हालात के हिसाब से हमारे पास बेड कैपेसिटी की व्यवस्था पूरी तरफ से उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि कल हमने सभी निजी अस्पतालों के संचालकों के साथ बैठक की , गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट के साथ डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट भी शामिल हुए , जिसमे कल हमने 1500 और बेड कैपेसिटी को बढ़ाने का फैसला लिया है , जोकि सोमवार से लागू होगा। उन्होंने बताया जो हमारी पहले बेड कैपेसिटी थी वह 2500 से 3000 तक थी , जिसे अब बढ़ाया जा रहा है। अगर हमे आगे जरूरत पड़ती है तो हम स्टेडियम और कम्युनिटी हॉल में और बेड कैपेसिटी को बड़ा सकते है।

नोफा के अध्यक्ष  राजीव सिंह ने कहा की हमारा प्रशासन और हेल्थ डिपार्टमेंट कोरोना रोकथाम के लिए बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहा है , लेकिन कुछ न कुछ कमी तो हमारे सिस्टम में रह ही जाती है | सबसे अच्छी बात ये है कि हमारे यह कोरोना से डेथ रेट कम है और दूसरी जो जरुरी बात है वो है कोरोना की रोकथाम , जिसको रोकने के लिए हमे मास्क लगाना बहुत जरूरी है। जितने मास्क पहने जाएंगे उतना ही हम कारगर साबित होंगे , कोरोना के रोकथाम के लिए। उन्होंने कहा कि हमारे सामने यह परेशानी भी कई बार आती है कि हमे आंकड़े भी सही से मालूम नही होते है इसके लिए उन्होंने सुझाव दिया कि हमे एक ऐसा ग्रुप बनाना चाहिए, जिसमें एडमिन ओर स्वास्थ्य विभाग के लोग जुड़े हो , जिससे हमें सही आंकड़े मिल पाए और उसमें जो उपाय किये जा रहे है उसकी जानकारी समय समय पर मिल पाए।

राजीव सिंह ने दूसरा सुझाव दिया कि हमे क्‍वारंटाइन सेंटर की संख्या बढ़ानी चाहिए , हमें जिले के अंदर जितने की कम्युनिटी सेंटर और क्लब हाउस है , उसके अंदर यह व्यवस्था करनी चाहिए , लेकिन इसके लिए कई चैलेंज भी सामने आ रहे है,  जैसा कि हमने फर्स्ट वेव में देखा कि स्थानीय लोग इस चीज़ का विरोध करते है कि आप हमारे इलाके में क्यों क्‍वारंटाइन सेंटर्स बना रहै है। इसके लिए हमें लोगों को समझाना होगा , तभी हम इस समस्या को दूर कर पाएंगे।

फोनरवा के महासचिव केके जैन ने कहा प्रशासन के रिसोर्सेज लिमिटेड हैं ,यह बात सही है जिले के अंदर टेस्टिंग सही तरीके से नहीं हो रही है , यह भी एक समस्या है | अगर किसी जगह पर किसी व्यक्ति को लगता है कि उसके अंदर कोरोना के लक्षण है ,तो वहां पर टीम सही समय पर नहीं पहुंचती है और अगर हम कोरोना रिपोर्ट की बात करें तो जिले के अंदर जितनी भी लैब्स हैं वहां पर फॉर्म कलेक्शन बहुत ही कम हो रहा है जिससे कि लोगों की रिपोर्ट आने में देरी हो रही है।

उन्होंने कहा नोएडा के अंदर इस समय स्तिथि इतनी खराब हो रही है कि कल मैंने नोएडा में लगभग सभी लैब में सम्पर्क किया टेस्टिंग के लिए , लेकिन स्तिथि इतनी खराब है कि वो कह रहे है कि हमारे पास पहले से बुकिंग पड़ी हुई है या फिर कोई ज्यादा पैसे मांग रहा है तो इसको हमे शो करना होगा और जो लोग आइसोलेट हो रहे है ,उनका हमे ध्यान रखना होगा कि उन्हें सही सजेशन मिल पाए की उन्हें आइसोलेशन के दौरान करना क्या है ,जब उन्हें कोई परेशानी हो जैसे कि अगर किसी को लगता है कि उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो वह सीधा हॉस्पिटल न भागे डॉक्टर उसके सम्पर्क में रहे और उसे बताए के अब उसे करना क्या है। तो हमे एक इस तरह की व्यवस्था करनी चाहिए।

 

परिचर्चा के दौरान पूर्व ब्रिगेडियर अशोक हक ने कहा की कोरोना को लेकर जो इस समय स्थिति बनी हुई है , वह बहुत ही भयावह है यह हम सभी जानते है , इसको लेकर में 2 बिंदु रखना चाहूंगा। पहला जो सिस्टम और लोगों के बीच में इंफॉर्मेशन गैप है हमें उसको खत्म करना होगा। जिससे कि लोगों के अंदर जो डर का माहौल बना हुआ है कि बेड नहीं है या टेस्टिंग ढंग से नहीं हो रही है ये सब नही होना चाहिए। उसके लिए हमे एक ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि लोगों के पास पिछले 24 घंटे की सभी जानकारी जिसमे कितने पेशेंट संक्रमित हुए कितने ठीक हुए, इस अस्पताल में इतने बेड की व्यवस्था है ये सारी जानकारी लोगों तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि जितने भी अस्पताल है उनके बहार एक डिस्प्ले होनी चाहिए , जिसमे ये इन्फॉर्मेशन उपलब्ध हो सके कि इस अस्पताल में इतने वेंटिलेटर खाली है, इतने पेशेंट डिस्चार्ज हो चुके है।

दूसरी बिंदु में अशोक हक़ ने कहा कि हमे जन जागरूकता को बढ़ाना होगा आज के समय में हम देख रहे है कि लोग पहले से ज्यादा लापरवाह हो चुके है ज्यादातर लोग मास्क का प्रयोग नही करते हुए नज़र आ रहे है , तो उसके लिए हमे लोगों को जागरूक करना होगा और यह कैसे सम्भव होगा। सबसे पहले हम जो इतना पैसा खर्च कर रहे है संक्रमण से बचने के लिए उंसमे हम थोड़ा सा पैसा खर्च करके हमे होल्डिंग और बेनर बनवाने चाहिए जिसमें मास्क लगाने से लेकर हमे अपने आप को कैसे बचाना है इस महामारी से इसके बारे में जानकारी लिखी हो और ये सब होडिंग्स और बेनर हमें भीड़भाड़ वाले इलाकों में लगवाने चाहिए। जिसके की इसकी पब्लिसिटी जोरो पर हो पाए जो कि अभी नही हो रही है।

टेस्टिंग को लेकर अशोक हक ने कहा जिस हिसाब से टेस्टिंग होनी चाहिए उसे साफ से नहीं हो रही है हमें टेस्टिंग की मात्रा को बढ़ाना होगा ,जिससे कि हम संक्रमण को जल्द से जल्द पकड़ पाए , उसके लिए हमें घर घर जाकर रेंडम टेस्टिंग करवानी होगी और वह सिर्फ सोसाइटी तक ही नहीं सीमित होनी चाहिए उसके लिए हमें नोएडा के अंदर जितने भी झुग्गी झोपड़ी वाले एरिया है जितने भी गांव हैं वहां पर जाकर लोगों की रेंडम टेस्टिंग करनी चाहिए।

 

इस परिचर्चा में देवेंद्र टाइगर ने अपनी बात रखी और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण से ट्रैक्टरों के जरिए फागिंग कराने की बात करते हुए कहा कि शहर में डेंगू का प्रकोप बढ़ गया है जिससे कि लोगों को थोड़ा सा भी बुखार आ रहा है तो उन्हें लग रहा है कि उनको कोरोना हो गया है। उन्होंने कहा जितने भी भीड़ भाड़ वाली जगह है वहां पर सैनिटाइजेशन होना चाहिए जैसे कि पहले होता था। इसके साथ ही जितनी भी सब्जी मंडियां हैं और जितने भी पब्लिक प्लेस हैं वहां पर कोरोना गाइडलाइन का ठीक तरह से पालन नहीं हो रहा है ,लोग मास्क लगाना नहीं चाह रहे हैं इसके लिए हम भी प्रयास कर रहे हैं कि लोगों को जागरूक किया जाए और में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ से भी अनुरोध करना चाहूंगा कि वह इस मामले को संज्ञान में लें और लोगों को जागरूक कराने के लिए हर संभव कदम उठाएं।

 

वही ग्रेटर नोएडा की समाजसेविका दिव्या दीक्षित ने परिचर्चा के दौरान ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण के सामने अपने सुझाव रखे , उन्होंने कहा की जिले में मास्क्स एंड टाइगर को लेकर हम लोग जन जागरूकता का काम कर रहे हैं , लेकिन सिर्फ यह करने से हमें सफलता नहीं मिल पाएगी | उन्होंने कहा कि जितने भी वर्किंग प्लेस वहां पर इस चीज का ध्यान रखा नहीं जा रहा है कि अगर किसी को बुखार है तो वह भी उन लोगों के साथ कार्य करता है जो लोग स्वस्थ है मैं सीईओ साहब से है गुजारिश करना चाहूंगी कि सबसे पहले हमें इस चीज का ध्यान रखना चाहिए कि जिन लोगों को बुखार है उन लोगों से दूर रखा जाए जिन्हें किसी प्रकार की बीमारी नहीं है क्योंकि मांस पर सैनिटाइजर लगाने से पहले यह जरूरी है कि हम कोरोना को बढ़ने से रोक पाए।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अजय कुमार गुप्ता ने भी इस परिचर्चा में भाग लिया और उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा की जैसा कि हम पिछले साल और इस साल मैं कोरोना वायरस को कंपेयर कर रहे हैं तो इसमें सबसे पहले मैं यह कहना चाहूंगा कि पिछली बार के मुकाबले इस बार यह वायरस और भी ज्यादा शक्तिशाली है पिछले साल के मुकाबले इस साल और भी तेजी से फैल रहा है तो हमें सबसे पहले इस चीज का ध्यान रखना चाहिए कि अगर हम घर पर हैं तो घर पर भी हमें सभी प्रिकॉशन लेने चाहिए जैसे कि हमें एयर कंडीशनर का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए और अगर कोई कोरोना पेशेंट हमारे घर पर है तो आइसोलेशन के दौरान हमें क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए वह सभी चीजें हम लोगों को समझा सकें क्योंकि यह सिर्फ जन जागरूकता के साथ ही संभव हो पाएगा।

नोवरा से एडवोकेट रंजन तोमर ने परिचर्चा में कहा कि जिले के अंदर जितने भी ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां पर लोगों की संख्या ज्यादा है वहां पर जिस हिसाब टेस्टिंग होनी चाहिए उस हिसाब से नहीं हो रही हो इसपर हमे ध्यान देने की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। इसके साथ ही जिले के अंदर बेड की संख्या को और ज्यादा बढ़ाने की आवश्यकता है और जहां तक टेस्टिंग की बात है तो हमारे पास कई ऐसी शिकायतें सामने आई है जहां पर लोगों का कहना है कि टेस्टिंग की रिपोर्ट मिलने में लोगों को काफी समय लग रहा है जो कि एक चिंता का विषय बन गया है।

परिचर्चा के दौरान सभी महा अनुभवों के सुझाव को समझते हुए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण ने कहा कि मैं सभी का धन्यवाद करता हूं कि आप सभी ने इतने अच्छे सुझाव हमारे सामने रखें जहां तक बेड की संख्या की बात है तो मैं आपको विश्वास दिलाना चाहूंगा कि जिले के अंदर हम बेड की कमी नही होने देंगे , इसके लिए हममे निजी अस्पतालों के संचालकों के साथ बैठक भी की थी। उन्होंने कहा जहां पर इनफार्मेशन गैप है हम उस चीज़ को सुधारेंगे । इसके साथ ही में आपको बताना चाहूंगा कि हमारा जो जिला है वह दिल्ली के बहुत ही करीब है और ज्यादातर पेशेंट जो अस्पतालों में आ रहे हैं वह दिल्ली और आसपास के जिलों से आ रहे हैं तो हमारे यहां के अस्पतालों में सिर्फ हमारे यहां के लोगों का भार नहीं है , इसको भी हमें समझना होगा और यह भी एक चर्चा का विषय है तो इस पर भी हम चर्चा करेंगे और कोई ना कोई सलूशन निकालेंगे। आज उन्होंने कहा टेस्टिंग को लेकर जो भी सवाल खड़े हो रहे हैं उसको लेकर भी हम कार्य कर रहे हैं और ज्यादातर जगह पर इसका काम शुरू हो गया है। आखिर में नरेंद्र भूषण ने सभी को आश्वासन दिया कि उनके सुझावों पर ध्यान दिया जाएगा और जिले के अंदर सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं और आगे भी उठाए जाएंगे।

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