टेन न्यूज़ की परिचर्चा में बोले डॉक्टर महेश शर्मा, जिले में चल रही वैक्सीनेशन ड्राइव से मैं संतुष्ट नहीं, पढ़ें पूरी खबर
Ten News Network
नोएडा :– कोरोना वायरस की दुसरी लहर ने देशभर में खूब तबाही मचाई है, हालांकि अब कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट हो रही है, उससे लोगों को काफी राहत मिली है। उत्तर प्रदेश में भी लगातार कोरोना के मामले कम आ रहे है, जिसके चलते योगी सरकार ने प्रदेश के ज्यादातर जिलों में लॉकडाउन हटा भी दिया है।
वही कोरोना की तीसरी लहर की आशंका ने लोगों के दिल में एक डर का माहौल बना रखा है। जिस तरह कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों के अपनो को एक-एक कर छीन लिया , कहीं कोरोना की तीसरी लहर भी उन पर तबाही बन के ना बरसे। इस विषय पर बातचीत के लिए टेन न्यूज़ नेटवर्क पर गौतमबुद्ध नगर से लोकसभा सांसद डॉ महेश शर्मा शामिल हुए।
आपको बता दें कि इस कार्यक्रम का संचालन एमिटी यूनिवर्सिटी के उपनिदेशक प्रोफेसर विवेक कुमार ने किया। प्रोफेसर विवेक कुमार ने गौतमबुद्ध नगर के सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा से महत्वपूर्ण प्रश्न किए , जिसका जवाब गौतमबुद्ध नगर की जनता चाहती थी।
डॉ महेश शर्मा ने परिचर्चा के दौरान कहा की मैंने अपने पूरे जीवन में कभी ऐसा भयानक मंजर नहीं देखा था, इस प्रकृति के सामने हम बोने हैं और हमने कभी नहीं सोचा था कि इतना इंतजाम करने के बाद भी हमारे पास ऑक्सीजन की कमी होगी। इन दो महीनों में हमने ऐसा मंजर देखा कि पीछे से अगर ऑक्सीजन टैंक आ रहा है उसे आने में अगर 20 मिनट की देरी हो गयी , तो उस समय 60 लोगों की जिंदगी वेंटिलेटर पर चल रही होती थी और अगर ऑक्सीजन का प्रेसर अगर 5 डिग्री भी कम हो जाए तो एक साथ 50 लोगों की जिंदगी भी जा सकती थी।
डॉ महेश शर्मा ने बताया कि जब कोरोना कि पहली लहर आई थी , तो उस समय हमारे डॉक्टरों के पास ना ग्लव्स थे, ना मास्क था, ना ही सैनिटाइजर था और ना ही पीपीई किट थी , आज हमारे पास सभी चीजें पर्याप्त मात्रा में है। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर के बाद हम इंसान ने प्रकृति को ठेंगा दिखा दिया था और हम कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों को ताक पर रखकर वह सारी चीजें कर रहे थे , जो हमें नहीं करनी चाहिए थी। हम भूल चुके थे कि कोरोना नाम की कोई चीज भी है। जिसके बाद प्रकृति ने बता दिया की उससे बड़ा कोई नहीं है और अभी भी हमें यह नहीं भूलना है कि कोरोना गया नहीं है , हमें मास्क, 2 गज की दूरी और सैनिटाइजर को बिल्कुल नहीं भूलना है।
डॉ महेश शर्मा ने कहा जब पहली बार लॉकडाउन लगाया गया था, उस समय नो – नो महीने तक लोग अपने घरों में बंद रहे। सरकार ने उनको फ्री राशन बांटा, लेकिन फ्री राशन ही एकमात्र चीज़ नही होती। हमारा देश एक विकासशील देश है , हमारी आर्थिक जरूरतें अभी बहुत ज्यादा है। सरकार को लॉकडाउन खोलना था, लेकिन लॉकडाउन खोलने के बाद जो हम लोगों ने स्वतंत्रता का पूर्ण रूप से आनंद लिया यह उचित नहीं था।
डॉ महेश शर्मा ने कहा कि वैक्सीन लगने के बाद भी हमें यह बीमारी हो सकती है , क्योंकि वैक्सीन की 70 से लेकर 80% तक ही प्रोटेक्शन है। दूसरा जिन लोगों ने वैक्सीन ले ली थी, उन लोगों को यह बीमारी हल्की और कम मात्रा में हुई। दूसरी लहर में भी वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को कोरोना हुआ , लेकिन उनकी मृत्यु दर बहुत कम रही। तो इसके लिए मान के चलिए कि अगला हमारा हत्यार वैक्सीन ही है।
गौतमबुद्ध नगर में चल रही वैक्सीन की सप्लाई को लेकर डॉ महेश शर्मा ने कहा की जिले में जो वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा है उससे मैं संतुष्ट नहीं हूं , क्योंकि यह हमारा एक डिमांड सप्लाई प्लान था कि कितने वैक्सीन हमारे पास उपलब्ध है, कितने लोगों को हम वैक्सीन लगा सकते हैं ,हमारे पास साधन कितने हैं इन सब का सामंजस्य बिठाना है हमको और सबको साथ लेकर चलना है।
महेश शर्मा ने कहा आज के समय में हमारे देश में लगभग 74 प्रतिशत हेल्थ केयर प्राइवेट हाथों में जा चुके हैं और निजी सरकारी और एनजीओ हम सभी एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा की वैक्सीनेशन ड्राइव के लिए मैं अपने संसदीय क्षेत्र को अपने देश से अलग नहीं कर सकता , लेकिन मेरा संसदीय क्षेत्र होने के नाते मैं यह चाहूंगा कि यहां के सभी नागरिकों को वैक्सीन लगे , जिसके लिए हम सरकार पर और निजी और सरकारी अस्पताल पर निर्भर है।
कोरोना के तीसरी लहर के विषय पर बात करते हुए डॉ महेश शर्मा ने कहा कि तीसरी लहर में यह माना जा रहा है कि यह लहर छोटे बच्चों पर ज्यादा प्रभाव डालेगी। इससे बचने की तैयारियों के लिए हमें और ज्यादा कदम उठाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा – हो सकता है कि लहर ना आए अगर हमने पहले से ही प्रिकॉशन ले लिए तो।
उन्होंने कहा कि पिछले 7 दिन में करीब 30 बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए है। जहां उनका कोरोना टेस्ट हुआ तो उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई , लेकिन उनमें सिम्टम्स कोरोना के थे , लेकिन जो उनकी एंटीबॉडीज चेक की गई तो एंटीबॉडी सबमें थी। इसका मतलब उनके घर में किसी को इंफेक्शन था , जिससे कि उनको इंफेक्शन लगा और वह इतनी गंभीर स्थिति में आए कि उसकी तैयारियां जल्दी से कर ली गई किसकी मृत्यु नहीं हुई।
ऐसे और भी 5 बच्चे हमारे हॉस्पिटल में एडमिट है और सभी अस्पतालों में है। उन्होंने बताया कि इसको हमने एमएसआईएस नाम दिया है। यह कोविड का ही रूप है। अगर सही वक्त पर बच्चे को इलाज ना दिया गया , तो बच्चे की मौत निश्चित है ।
वही कार्यक्रम के अंत मे गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा ने दर्शकों के प्रश्नों का जवाब भी दिया। वही प्रोफेसर विवेक कुमार ने सांसद डॉ महेश शर्मा का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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