ग्रेटर नोएडा : आईआईए संस्था ने यूपीसीडा पर लगाए गम्भीर आरोप , बिना प्रचार प्रसार के कर दी 38 भूखंडों की ई-नीलामी

Ten News Network

ग्रेटर नोएडा :– इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ग्रेटर नोएडा चैप्टर ने प्रेस वार्ता करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण पर जमकर निशाना साधा। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि प्राधिकरण के खिलाफ गुपचुप तरीके से इंडस्ट्रीज प्लाट की ई-ऑक्सन कर दी।

 

ग्रेटर नोएडा के उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) द्वारा सूरजपुर औद्योगिक क्षेत्र साइट-बी में 38 भूखंडों की ई-नीलामी पर विवाद खड़ा हो गया है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) ने सवाल उठाते हुए यूपीसीडा पर निजी हितों को साधने का आरोप लगाया।

 

वही इस मामले में आईआईए ग्रेटर नोएडा चैप्टर के अध्यक्ष विशारद गौतम ने टेन न्यूज़ को बताया कि एक तरफ देश की जनता कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रही थी , सभी उद्यमी दूसरी लहर से ग्रसित हो रहे थे , तो वही दूसरी तरफ 17 मई में यूपीसीडा ने गुपचुप तरीके से गौतमबुद्ध नगर के सूरजपुर में औद्योगिक क्षेत्र के लिए 38 ई भूखंडों की योजना लॉन्च कर दी। जिसका कोई प्रचार प्रसार यूपीसीडा ने नही किया।

 

साथ ही उन्होंने कहा की मई के महीने में कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही थी , इस बड़ी महामारी में लोग बाहर नही निकल रहे थे , कर्मचारी संक्रमित होने की वजह से बहुत से उद्यमियों का ध्यान अपने कर्मचारियों की तरफ था , ऐसे में योजना की तरफ कैसे उद्यमियों ध्यान दे पाता , यूपीसीडा और हमारा एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बना हुआ है , जिस पर जानकारी दी जा सकती थी , लेकिन ऐसा भी नही हुआ। अधिकांश लोगों को इसकी जानकारी नहीं मिल सकी। सिर्फ एक अखबार में विज्ञापन देकर योजना को बंद कर दिया गया। इससे अधिकतर उद्यमी इसका लाभ नहीं उठा सके।

 

उद्यमी संगठनों का आरोप है कि योजना का प्रचार-प्रसार नहीं किया गया है। इसलिए इसे निरस्त कर दि या जाए या इसकी समय सीमा बढ़ा दी जाए।
यूपीसीडा ने 17 मई को पूरे प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र के करीब 150 ई-भूखंडों की योजना लांच की थी। आवेदन की अंतिम तिथि 26 मई तय की गई थी। सात जून को इन भूखंडों के लिए ई-नीलामी की तिथि तय की गई। 7 जून नीलामी शुरू होते ही विरोध के सुर उठने लगे।

 

आईआईए ग्रेटर नोएडा चैप्टर के अध्यक्ष विशारद गौतम ने कहा कि अधिकतर छोटे भूखंडों की ई-ऑक्सन की गई है। व्यापक प्रचार-प्रसार होता तो किराये पर फैक्टरी चलाने वाले उद्यमी इसमें हिस्सा ले सकते थे। कुछ चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए स्कीम को सिर्फ 9 दिनों में बंद कर दिया। हम इसका विरोध करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा की इस मामले की शिकायत यूपीसीडा की सीईओ मयूर माहेश्वरी से की है  , अगर हमारी माँगे पूरी नहीं होती है तो उत्तर प्रदेश के औद्योगिक मंत्री सतीश महाना के सामने यह मामला उठाएंगे |

 

वही इस मामले ग्रेटर नोएडा सूरजपुर के यूपीसीडा क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल शर्मा ने टेन न्यूज़ को बताया कि गौतमबुद्ध नगर के सूरजपुर में औद्योगिक क्षेत्र के लिए 38 ई भूखंडों की योजना ऑनलाइन माध्यम से लांच की गई , योजना में पूरी पारदर्शिता बरती गई। इसकी जानकारी स्थानीय उद्यमी एसोसिएशन को भी थी। साथ ही उन्होंने कहा की जानकारी न होना व गुपचुप नीलामी का आरोप निराधार है। अखबारों के माध्यम से भी इसकी जानकारी सार्वजनिक की गई थी।

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