आरुषि मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने की कोशिश में आई एक और किताब
ROHIT SHARMA
आरुषि मर्डर मिस्ट्री एक ऐसा रहस्य जिसे आज भी पूरी तरह से सुलझाया नहीं जा सका आज भी लोगों के मन में सवाल उठते हैं आखिर ऐसा हुआ क्या होगा जी हां हम बात कर रहे हैं ऐसे डबल मर्डर की जो कि 15 मई 2008 की रात को हुआ था इस पूरे मामले की नोएडा पुलिस द्वारा तफ्तीश शुरू की गई थी यह मामला जब और भी गरमा गया जब 17 मई को हेमराज नौकर की डेड बॉडी मिली ।
इस पूरे मामले में पुलिस की जांच के बाद सीबीआई ने इसकी जांच की जिसमें की तलवार दंपत्ति को दोषी मानते हुए जेल भेज दिया गया आज 9 वर्ष पूरे हो चुके हैं इस पूरे मामले में । इस बहुचर्चित आरुषि हत्याकांड केस पर फिल्म भी बनाई गई साथ ही किताब भी लिखी जा चुकी है पर फिर भी लोगों के मन में सवाल है आखिर माता-पिता ने क्यों की थी बेटी की हत्या। आज नोएडा स्थित नोएडा एंटरप्रेन्योरशिप एसोसिएशन के सभागार मैं लेखक सुनील मौर्य द्वारा लिखित (कातिल जिंदा है एक थी आरुषि) किताब का विमोचन कई वरिष्ठ पत्रकार द्वारा किया गया ।साथ ही किताब के बारे में बताया । साइंटिफिक प्रूफ और सीबीआई की तमाम रिपोर्ट के आधार पर केस को ना सिर्फ समझाया बलकी गहराई से एनालिसिस करते हुए केस के हर पहलू को बताया है जिससे पढ़ने से पता चलता है कि आखिर उस रात में क्या हुआ होगा क्या नहीं हुआ होगा।