नई दिल्ली :– साल भर पहले मार्च के महीने में कोरोना ने हाहाकार मचाया था। अब फिर से मार्च में कोरोना संक्रमण का असर दिखने लगा है। जिसको लेकर प्रवासी मजदूरों की चिंताएं बढ़ने लगी है ।
वही देश के सैकड़ों प्रवासी मजदूरों ने प्रवासी मजदूर नीति की माँग को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया ।
प्रदर्शन कर रहे प्रवासी मजदूरों ने कहा कि 1 साल पहले कोरोना महामारी की वजह से देश मे लॉकडाउन लगा था , जिसके चलते प्रवासी मजदूरों को बहुत सी परेशनियों का सामना करना पड़ा , लेकिन मोदी सरकार ने हमारे लिए कोई नीति नही बनाई।
आज बहुत से प्रवासी मजदूर बेरोजगार है , उन्हें अभी तक रोजगार नही मिला। अब फिर से कोरोना अपना रूप दिखा रहा है , जिससे हमें बहुत ज्यादा नुकसान होने वाला है।
वही इस मामले में वर्किंग पीपल चार्टर के अध्यक्ष चंदन कुमार ने कहा कि कोरोना को 22 मार्च तक एक साल पूरे हो जाएंगे , आज भी प्रवासी मजदूरों को रोजगार नही मिला है। साथ ही उन्होंने कहा कि देश में 50 करोड़ प्रवासी मजदूर है, लेकिन केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के हित मे कोई काम नही किया।
अब फिर से कोरोना अपना प्रकोप दिखा रहा है , लेकिन प्रवासी मजदूरों की कोई नीति न बनने से देश के सभी मजदूरों को बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है , हमारी माँग है कि प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र सरकार नीति बनाए। आज के समय मे मजदूरों की सैलरी पहले से कम है , आज सभी मजदूर कम तनख्वाह में काम कर रहे है ।