फ़िल्म ‘आर्टीकल 15’ देशभर के सिनेमाघरों में हुई रिलीज, जाने क्या है दर्शकों की राय!
ROHIT SHARMA / RAHUL KUMAR JHA
अभिनेता आयुष्मान खुराना की फिल्म आर्टिकल 15 आज देश के सभी सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है । आपको बता दे कि फिल्म की कहानी सच्ची घटनाओं पर आधारित है । अनुभव सिन्हा ने फिल्म को डायरेक्ट किया है । वहीं सोशल मीडिया पर भी फिल्म की तारीफ की जा रही है , साथ ही आयुष्मान खुराना के काम का सराहा जा रहा है । अनुभव सिन्हा के डायरेक्शन को भी पसंद किया जा रहा है , लोग फिल्म को 3.5 या उससे ज्यादा स्टार दे रहे हैं।
वही इस फ़िल्म को देखने आए दर्शकों का कहना है कि अनुभव सिन्हा ने एक ऐसी फिल्म ऑफर की है जो पावर, पैसे, माइंड सेट के खेल के साथ लड़ती है । शानदार तरीके से महत्वपूर्ण सोशल बुराईयों को हैंडल करता है. हमारे जातिवादी समाज के बहरे कानों के लिए लाउड बैंग फिल्म है ।
साथ ही कुछ दर्शकों का कहना है कि ”आउटस्टैंडिंग, मेगा सुपरहिट, शानदार, पैसा वसूल. आयुष्मान खुराना ने एक बार फिर शानदार परफॉर्मेंस दी । शानदार काम. बाकी सभी भी अच्छे हैं. अनुभव सिन्हा अद्भुत डायरेक्टर हैं , इस फ़िल्म में दोनों काम शानदार है ।
वही दूसरी तरफ दर्शकों ने कहा कि एक बार फिर आयुष्मान खुराना अपने उल्लेखनीय और शानदार प्रदर्शन के साथ कई रिकॉर्ड तोड़ने के लिए तैयार हैं । अनुभव सिन्हा की आर्टिकल 15 एक साहसिक कदम है , हमें इस समय इसकी जरूरत है, क्योंकि फर्क पड़ता है । साथ ही इस फ़िल्म में अभिनेता आयुष्मान खुराना शानदार काम किया है । इस फ़िल्म को देख लोग काफी उत्साहित थे , सब लोगों का कहना था कि इस फ़िल्म से लोगों को सीख मिलेगी ।
दरअसल यह फिल्म एक इंस्पेक्टर की है, जो तीन लड़कियों की मर्डर मिस्ट्री को सुलझा रहा है. तीनों लड़कियों पिछड़ी जाति की होती हैं।
फिल्म को आप संभवत: यह यकीन ही नहीं हो सकेगा कि आज 21वीं सदी के भारत में ऐसा भी कुछ होता है ,आज भी लोग जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव करते हैं । भले ही, भारत का संविधान देश के नागरिक को किसी भी प्रकार का भेदभाव करने से रोकता है, लेकिन कुछ विशेष जाति या धर्म से संबंधित लोगों के साथ अब भी भेदभाव किया जाता है और उन्हें समाज द्वारा कमतर माना जाता है ।आर्टिकल 15 में भी इसी बात का उल्लेख है, फिल्म में भारतीय संविधान के आर्टिकल 15 पर प्रकाश डाला गया है और लोगों को इस बारे में जागरुक करने की कोशिश की गई है ।