बिमटेक स्थापना दिवस उत्सव के अंतिम दिन बरसे कविता के रंग, राहत इंदौरी ने देर रात तक बाँधे रखा समां
Rohit Sharma / (Photo/Video-Baidyanath Halder)
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित बिमटेक संस्थान के 31वें स्थापना दिवस पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इस कवि सम्मेलन में महान कवि राहत इंदौरी , हास्यकवि राजेश चेतन , कवि राम सरीन , कवियत्री रुचि चतुर्वेदी और कवियत्री कीर्ति काले शामिल हुए । साथ ही इस कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश की महिला आयोग अध्यक्ष विमला बाथम उपस्थिति रही ।
मशहूर शायर राहत इन्दोरी की अध्यक्षता में आयोजित हुए इस कवि सम्मेलन में बड़ी संख्या में विद्यार्थी , शिक्षक गण और अभिभावक मौजूद रहे और देर शाम तक मुग्ध हो कविताओं का आनंद लेते रहे । खासबात यह है कि लंबे इंतजार के बाद कवि सम्मेलन जब आखिरी चरण में पहुँचा और जैसे ही संचालक ने राहत इन्दोरी को मंच पर काव्य पाठ के लिए आमंत्रित किया तो सभी अपनी सीट से उठ कर तालियाँ बजाने लगे ।
राहत इन्दोरी ने भी किसी को निराश नही किया और एक के बाद एक शेरों मुक्तकों और गजलों से ऐसा समां बाँधा की लोग और सुनने की ख्वाहिश करते रह गए , आते ही राहत इन्दोरी ने अपने अंदाज में लोगों को परखना शुरू किया और बोले “राज जो कुछ हो इशारों में बता भी देना , हाथ जब भी उससे मिलाना तो दबा भी देना”।
उन्होंने आगे सुनाया , “कह रहा हो कि तूफानों से आँख मिलाओं , सैलाबों पर वार करो , मल्हाओ का चक्कर छोड़ो , तैरकर के दरिया पार करो , फूलों की दुकाने खोलों , खुशबू का व्यापार करो , इश्क़ खता है तो ये खता एक बार नही सौ बार करो” जिसपर जमकर लोगों ने तालिया बजाई ।
साथ ही उनके मशहूर मुक्तक , ” फैसला जो कुछ भी हो मंजूर होना चाहिए , जंग हो या इश्क़ हो भरपूर होना चाहिए , कट चुकी है उम्र जिसकी सिर्फ पत्थर तोड़ते , अब तो उन हाथों में कहिनूर होना चाहिए” ने लोगों को खड़े होने को मजबूर कर दिया ।
वही दूसरी तरफ इस कवि सम्मेलन में हास्य कवि राजेश चेतन ने अपनी हास्य कविताओं की प्रस्तुति दी , जिसका बिमटेक संस्थान के छात्र -छात्रा और शिक्षक गण ने हास्य विनोद के साथ भरपूर आनंद लिया । साथ ही राजेश चेतन ने अपनी कविताओं से समाज में व्याप्त बुराईयों पर प्रहार करने के साथ-साथ समाज में नव चेतना का संचालन का उद्बोधन किया।
इस दौरान हास्य कवि राम सरीन ने अपनी हास्य कविताओं से सभी शिक्षकों और विद्यार्थियो का मनमोह लिया । उन्होंने अपनी हास्य कविता में कहा कि ” दिन ढल गया रात गुजरने की आस में , सूरज नदी में डूब गया गिलास की आस में ” जिस पर जमकर तालिया बजाई गयी ।
इस कवि सम्मेलन में मौजूद प्रसिद्ध कवियत्री रुचि चतुर्वेदी ने माँ शारदे की वंदना से कविताओं की शुरुआत की । उसके बाद उन्होंने अपनी कविताओं से सभी को रूबरू कराते हुए कहा की “कश्म खाके भी जो कश्म भूल जाए , फिर उसे कश्म कोई कैसे दिलवाए , सुनी और अनसुनी जो करे न सबकी , तो आवाज दे कैसे बुलाए” अपनी कविताओं से सभी का मनमोह लिया ।
इस कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि विमला बाथम ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि बिमटेक संस्थान के 31वा स्थापना दिवस पर जो कार्यक्रम चल रहे है , वो काफी अदभुत है । साथ ही इस कॉलेज में ऐसा लगता है कि इस कॉलेज में शिक्षक परिवार का किरदार निभाते है , जिससे कोई विद्यार्थियों को नही पता चलता कि आप किसी बहार संस्थान में पढ़ाई करते है । वही दूसरी तरफ उन्होंने बिमटेक संस्थान की तरफदारी की , साथ ही इस कवि सम्मेलन को लेकर उन्होंने कहा कि जो इस कार्यक्रम में कवि और कवियत्री ने अपनी प्रस्तुति दी है वो काफी काबिले तारीफ़ है ।