New Delhi: भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आज केजरीवाल सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2015 से सीएजी बार-बार दिल्ली सरकार से जलबोर्ड के खाते को ऑडिट कराने के लिए 22 बार चिट्ठियां लिख चुके है लेकिन दिल्ली सरकार ने अभी तक उन चिट्ठियों का कोई जवाब नहीं दिया है। अरविंद केजरीवाल, जो खुद आयकर विभाग के अधिकारी रह चुके हैं, वह जान बूझकर संविधान और कानून का उलंघन कर रहे हैं जबकि कानून यह कहता है कि हर तीन महीने में किसी भी सरकारी संस्था के लेखा-जोखा का ऑडिट होना चाहिए।
जल बोर्ड के अलावा ड्यूसीब विभाग भी है जिसके बारे में भाजपा निरंतर कहती आ रही है कि वहां भी भ्रष्टाचार फैला हुआ है। आदेश गुप्ता ने एक आर. टी.आई. से मिली जानकारी का विवरण दिखाते हुए कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में साल 2015 से अभी तक बेलेंस शीट ही नहीं बनी है। जबकि दिल्ली में केजरीवाल सरकार यह कहती रही है कि उसने प्रदेश के अंदर स्वच्छ एवं पारदर्शी प्रशासन दिया है। लेकिन पिछले एक साल से भाजपा की मांग पर दिल्ली जल बोर्ड में हुए घोटाले की जांच नहीं करवा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार हर साल लगभग 3500 से 4000 करोड़ रूपये दिल्ली जल बोर्ड को या तो लोन देती है या फिर ग्रांट के रूप में देती है।
इसलिए यहां जनता को जानना जरूरी है कि दिल्ली जल बोर्ड के ऊपर लगभग 60 हजार करोड़ रूपये की देनदारी है। क्या दिल्ली की जनता को यह जानने का हक नहीं है कि उनके टैक्स के पैसे कहां जा रहे हैं। आदेश गुप्ता ने कहा कि भाजपा ने जलबोर्ड में 26 हजार करोड़ रूपये घोटाले का मुद्दा उठाया और हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें मांग की गई थी कि दिल्ली जल बोर्ड के खाते सीएजी द्वारा जाच की जाए। जांच तो दूर केजरीवाल सरकार ने सीएजी के पत्रों का जवाब तक नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि हमारा शुरू से मानना है कि दिल्ली जल बोर्ड में व्यापक भ्रष्टाचार है और इसी भ्रष्टाचार के चलते अरविन्द केजरीवाल अपने खातों की जांच नहीं करवा रहे हैं और जब भी हम मांग करते हैं तो हमारे ऊपर फर्जी केस करके हमें डराने की कोशिश की जाती है। आदेश गुप्ता ने कहा कि हम अरविन्द केजरीवाल का कच्चा चिट्ठा जनता के माध्यम से और कोर्ट के माध्यम से भी उठाते रहेंगे। हम इन सब मामलों को अंजाम तक पहुंचाकर रहेंगे और दिल्ली की जनता के टैक्स के पैसे को लुटने नहीं देंगे।