Delhi: दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल यमुना नदी के किनारे छठ पूजा की अनुमति नहीं दी है। इस पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी और प्रवेश सिंह वर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हम नियमों को तोड़ते हुए पर्व मनाने के लिए नदी के आसपास के इलाकों में जाएंगे। दिल्ली सरकार का यह कदम ‘पूर्वांचलियों की धार्मिक आस्थाओं से खेलने जैसा है. डीडीएमए के अनुसार यमुना में किसी भी तरह की पूजन सामग्री या कोई अन्य सामान भी विसर्जित नहीं किया जा सकेगा। साथ ही छठ पूजा आयोजन करने वाली समितियों को संबंधित डीएम को अंडरटेकिंग देनी होगी और ये बताना होगा कि सभी गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने यमुना नदी के किनारों पर छठ पूजा की अनुमति नहीं देने पर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्णय पर आपत्ति जताई है। इसके साथ कहा कि वह नियमों को तोड़ते हुए पर्व मनाने के लिए नदी के आसपास के इलाकों में जायेंगे। बता दें कि छठ को लेकर पूजन 8 नवंबर से शुरू होगा और दिवाली के छठे दिन 10 नवंबर को छठ पूजा का आयोजन किया जाएगा।
मनोज तिवारी ने एक बयान में कहा, ‘मैं यह जानकर हैरान हूं कि दिल्ली सरकार ने यमुना के तट पर छठ उत्सव पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है। यह पूर्वांचलियों की धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास है। अरविंद केजरीवाल की हिंदू विरोधी नीति बेनकाब हो रही है। हम पूर्वांचली इसे स्वीकार नहीं करते।