संजय सिंह का बयान , किसान अपनी फसल की कीमत मांग रहे और केंद्र उनके साथ आतंकवादियों जैसा कर रही है व्यवहार 

ROHIT SHARMA

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नई दिल्ली :– आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने किसानों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा | उन्होंने प्रेस वार्ता करते हुए कहा की इस वक्त देश का लाखों किसान आंदोलनरत है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश का किसान लाखों की संख्या में दिल्ली की सीमा पर बैठा हुआ है, और इस बात का इंतजार कर रहा है कि केंद्र सरकार उनसे बातचीत करेगी, उनकी समस्याओं का समाधान करेगी। एक काला कानून जो केंद्र सरकार द्वारा जबरन पास किया गया है, उसको वापस लिया जाए।

किसानों का गुनाह यह है कि वह अपनी फसल का डेढ़ गुना दाम मांग रहे हैं, उनका गुनाह यह है कि वह स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू कराना चाहते हैं। किसानों के साथ भाजपा सरकार कैसा व्यवहार कर रही है? भाजपा उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार कर रही है। उनको लाठियों से पीटा जा रहा है। उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। इस कड़ाके की ठंड में उन पर पानी की बौछारें छोड़ी जा रही हैं। बुजुर्ग, महिला और छोटे बच्चों को मारा जा रहा है।

 

संजय सिंह ने आगे कहा कि उस किसान को आतंकवादी कहा जा रहा है जो आंदोलन पर बैठा है, और उसका बेटा सीमा पर भारत माता के लिए शहीद हो जाता है। शहीद सुखबीर सिंह के पिता, जो एक किसान हैं और इस आंदोलन में शामिल हुए, भारतीय जनता पार्टी उन्हें आतंकवादी कहती है। शहीदे आजम भगत सिंह के वंशजों को भाजपा आतंकवादी कह रही है। शहीद उधम सिंह के वंशजों को भाजपा आतंकवादी कह रही है।

आजादी में मर मिटने वाले पंजाब के लोगों को आतंकवादी कह कर अपमानित किया जा रहा है। उनके किसान आंदोलन को अपमानित किया जा रहा है। उनकी भावनाओं को अपने पैरों से कुचलने का काम भाजपा कर रही है। दुश्वारियां झेलने के बाद उनसे ऐसा व्यवहार किया गया जैसे वह दुश्मन देश के नागरिक हों।

 

उन्होंने ने कहा कि इतनी दुश्वारियां झेलने के बाद जब वह लोग दिल्ली की सीमा पर पहुंच गए तो कल हमारे देश के गृहमंत्री अमित शाह जी प्रकट हो गए। प्रकट होना इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि यह लोग उस वक्त गहरी नींद सो रहे थे, जब किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे थे। वह कुंभकरणी नींद सो रहे थे, आंखों पर पट्टी बांध रखी थी। उनको किसानों की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही थी। कल अमित शाह प्रकट हुए और उन्होंने कहा, आप बुराड़ी ग्राउंड में बैठ जाइए, तब हम आपसे बात करेंगे। इतनी असंवेदनशीलता, इतनी शर्तें, इतना अहंकार। जब इन किसान भाइयों से वोट चाहिए होती है, तो आप इनके सामने नाक रगड़ते हो। जब वह किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, तो गृहमंत्री जी उनके सामने शर्त रख रहे हैं। गृहमंत्री कह रहे हैं कि पहले बुराड़ी आओ फिर हम बात करेंगे।

 

संजय सिंह ने आगे कहा, आम आदमी पार्टी, आम आदमी पार्टी के नेता, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और हमारी सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ खड़ी है। उनके आंदोलन में, उनकी मांगों के साथ खड़ी है। हम दिल्ली में उनका स्वागत करते हैं, लेकिन किसान जहां पर आंदोलन करना चाहते हैं, गृहमंत्री अमित शाह जी आपको उनको आंदोलन करने की वहां पर ही जगह देनी चाहिए। यह कोरोना का बहाना मत बनाइए। आपने कोरोना का बहाना बनाकर जो खिलवाड़ किसानों की जिंदगी के साथ किया है, काला कानून लाकर वह मत कीजिए। क्योंकि आपके लिए कोरोना दिल्ली में होता है, लेकिन हैदराबाद में नहीं होता। जहां पर देश के प्रधानमंत्री कोरोना की वैक्सीन देखने जा रहे हैं।

 

आप हैदराबाद में जाकर हजारों लोगों की यात्रा कर रहे हैं, जुलूस निकाल रहे हैं, तब कोरोना नहीं होता। देश के गृहमंत्री ऐसे समय में जब देश की राजधानी के इर्द-गिर्द, देश की राजधानी की सीमा पर लाखों किसान इकट्ठा होकर आंदोलन कर रहे हैं, सरकार से गुहार लगा रहे हैं। उनकी पीड़ा को सुने बगैर, उनकी समस्याओं को नजरअंदाज करके, उनको लाठियों से पिटवा कर कैसे कोई गृहमंत्री निगम के चुनाव में हैदराबाद की सैर करने जा सकता है।

 

संजय सिंह ने आगे कहा कि हिंदुस्तान की आजादी के बाद इतना गैर जिम्मेदार, असंवेदनशील और किसानों की समस्या से बेपरवाह गृहमंत्री हिंदुस्तान में पहली बार देखा है। ऐसा गृहमंत्री हमें अमित शाह के रूप में देखने को मिल रहा है। आपको जरा सी भी सभ्यता नहीं है। किसान का बेटा सीमा पर शहीद हो रहा है और किसान आंदोलन में शहीद हो रहा है और आप हैदराबाद की सैर कर रहे हैं। आपके पास किसानों से बातचीत करने के लिए 10 मिनट का भी वक्त नहीं है।

 

उनके संगठनों से बात करने, उनकी समस्याओं को सुनने के लिए आपके पास वक्त नहीं है। इस कानून को काला कानून मैं बार-बार इसलिए कह रहा हूं क्योंकि जब संसद में हमने इस कानून का विरोध किया था, मुझे उस वक्त निलंबित भी किया गया था और आरोप लगाया गया था कि मैंने माइक तोड़ा। मैं गृहमंत्री अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि किसानों की हड्डियां तोड़ी जा रही हैं, अब कौन निलंबित होगा।

 

उन्होंने आगे कहा, आपकी सरकार को कौन निलंबित करेगा? मैंने तो सिर्फ माइक ही तोड़ा था। आप तो किसानों की हड्डियां तुड़वा रहे हैं। किसान को गुंडा और आतंकवादी कह रहे हैं। योगी आदित्यनाथ का मंत्री किसानों का गुंडा कहता है। यह लोग देश के अन्नदाता को आतंकवादी कहते हैं। अपने देश के अन्नदाता को गुंडा कहते हैं। सरदार भगत सिंह और शहीद उधम सिंह के वंशजों को आतंकवादी कहकर संबोधित करते हैं। उन लोगों को आतंकवादी कहते हैं, जिनका बेटा देश की सीमा पर भारत माता की रक्षा के लिए शहीद हो रहा है।

 

इन सब चीजों से बेपरवाह होकर देश के गृहमंत्री अमित शाह निगम के चुनाव का प्रचार कर रहे हैं। निगम के चुनाव इनके लिए इतने महत्वपूर्ण हो गए हैं। इनके लिए किसान की पीड़ा महत्वपूर्ण नहीं, किसान के मुद्दे महत्वपूर्ण नहीं, किसान की समस्याएं महत्वपूर्ण नहीं।

उन्होंने कहा, अमित शाह को अपने सारे कार्यक्रम रद्द करके सबसे पहले किसानों की समस्या का समाधान करना चाहिए। इसके बाद आपने जो नौटंकी कल की है कि किसान बुराड़ी ग्राउंड आएं हम आपकी समस्या सुनने को तैयार हैं। यह सब नाटक से काम नहीं चलेगा।

 

किसान को उसके मुद्दे का समाधान चाहिए और आज जिस तरीके से प्रधानमंत्री ने वक्तव्य दिया और उन्होंने इस बिल की तारीफें की है उससे स्पष्ट है कि भारत सरकार की मंशा, मोदी सरकार की मंशा, गृहमंत्री अमित शाह की मंशा किसानों की समस्याओं का समाधान करने की नहीं है बल्कि उनके साथ खिलवाड़ करने की है। उनकी भावनाओं से खेलने की है, उनको लाठियों से पिटवाने और आंसू गैस के गोले छुड़वाने और पानी की बौछार करवाने की है।

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