नई दिल्ली :– दिल्ली के जंतर मंतर पर आज पंजाब के सीएम सहित विधायकों ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया । साथ ही जंतर मंतर पर विधायकों के साथ सीएम पंजाब ने मोदी के खिलाफ नारेबाजी की ।
आआपको बता दें कि पंजाब और केंद्र सरकार के बीच कृषि कानूनों के बाद बिजली को लेकर घमासान होता दिख रहा है। सीएम अमरिंदर सिंह जंतर-मंतर पर धरना देने के लिए दिल्ली पुहंचे है।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के लगातार विरोध के चलते केंद्र सरकार ने पंजाब में रेल सेवा रोक दी है. पंजाब में रेल सेवा रोके जाने के बाद से ब्लैक आउट का खतरा बढ़ गया है. इस मुद्दे पर धरना देने के लिए सीएम अमरिंदर सिंह , कांग्रेस विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ दिल्ली पहुंचे।
असल में, पंजाब में तीन से चार घंटे तक बिजली की कटौती होने लगी है. खाद की किल्लत होने लगी है. उद्योगों में सामान का स्टॉक बढ़ने लगा है. पंजाब सरकार ने इन सब मसलों को लेकर केंद्र के खिलाफ विरोध जताना शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली में धरना देने के लिए पहुंचे । कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी धरने पर बैठे हैं. धरना पर बैठने से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस सांसदों के साथ राजघाट पहुंचे. कांग्रेस के विधायक भी राजघाट से जंतर मंतर पहुंचे ।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि वह कोई लड़ाई लड़ने नहीं आए हैं। वह अंबानी और अडानी के खिलाफ भी नहीं हैं। वह केवल अपने प्रदेश के 75 फीसद किसानों की आवाज रखने आए हैं, जिनका अपने आढ़तियों से दशकों से पारिवारिक रिश्ता है। जरूरत के समय आधी रात को भी किसान अपने आढ़ती से आर्थिक मदद ले लेता हैं। यह कानून उस रिश्ते को बिगाड़ने जाता है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में कहा कि हमारा बिल राष्ट्रपति तक नहीं पहुंचा है. मैंने एक सप्ताह पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से बात की थी. किसान संगठन साफ कर चुके हैं कि वो रेल सेवाओं को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. मैं स्टेशनों पर पुलिस तैनात करने के लिए तैयार हूं. रेल सेवा बंद होने से राज्य में कोयला की कमी हो गई है. इसकी वजह से बिजली की किल्लत हो गई है. सीएम ने कहा कि हम स्टॉक से खरीद रहे हैं. मार्च से कोई GST का पैसा नहीं मिला है. 10,000 करोड़ रुपये सरकार के पास बकाया है. हमारे साथ सौतेला बर्ताव किया जा रहा है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि अपनी बात गूंगी बहरी सरकार तक बात पहुंचाने चाहिए तो धमाका जरूरी है. मैंने बात नियत की की है. नियत नीति में दिखती है. अगर आप सोचते हो कि यह कानून सरकार किसानों के हक में बना रही है तो बहुत बड़ी गलतफहमी है. यह कानून सिर्फ पूंजीपतियों को रिमोट कंट्रोल देने के लिए बनाए गए हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू ने इसे काला कानून बताते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि यह तानाशाही की सरकार है और यह कानून देश के केवल 2 उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा अंबानी और अडानी के गोदामों को भरने के लिए यह कानून है, इनके गोदाम में पहले से अनाज भरा पड़ा है और गरीब लोग भूखों मर रहे हैं। इस काले कानून से किसानों के सामने भुखमरी की नौबत पैदा हो जाएगी। नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने चुटकुले अंदाज में वह जोरदार तरीके से भाषणबाजी की। इस दौरान यह भी कहा कि यह लड़ाई अभी जारी रहेगी।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि हम जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. गांधी जी 1909 में कहा था कि भारत का मतलब लाखों किसान होता है. हमारा इरादा राष्ट्रपति से मिलने का था. इसमें राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं थी। आज मोदी अंबानी और अडानी को फायदा पहुचाने के लिए ये तीनो काले बिल पास करवाए , इस मामले में विपक्ष ने विरोध भी किया था , आगे भी करता रहेगा।
पिछले महीने संसद द्वारा पारित कृषि बिलों के खिलाफ पूरे पंजाब में किसानों का प्रदर्शन जारी है और इसे पंजाब सरकार भी समर्थन दे रही है। पंजाब में किसानों के धरने की वजह से मालगाड़ियों की आवाजाही प्रभावित है, जिससे राज्य के 5 थर्मल प्लांटों में कोयले की कमी की वजह से बिजली उत्पादन भी रुक गया है। इससे अब बिजली संकट पैदा हो गया है।
बताया जा रहा है कि इन सभी मुद्दों को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर प्रदेश के सभी विधायकों के साथ दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलना चाहते थे, लेकिन मुलाकात के लिए राष्ट्रपति की ओर से समय नहीं दिया गया। इससे नाराज कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी विधायकों के साथ धरने पर बैठने की बात कही है।