राजस्थान मामले पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का बयान , गढ़ी जा रही लोकतंत्र की नई परिभाषा
Rohit Sharma
नई दिल्ली :– कांग्रेस ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले और विधानसभा सत्र की मांग को लेकर अपने विधायकों के राज भवन में धरना देने के संबंध में आज आरोप लगाया कि मौजूदा समय में लोकतंत्र की नई परिभाषा गढ़ी जा रही है और राज्यपाल प्रजातंत्र के रक्षक होने की भूमिका का निर्वहन नहीं कर रहे हैं।
पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले की पृष्ठभूमि में दावा किया कि इन दिनों उच्च न्यायालयों में उच्चतम न्यायालय के फैसलों का अनुसरण नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने प्रेस वार्ता करते हुए कहा लोकतंत्र की नई परिभाषा गढ़ी जा रही है। अब राज्यपाल लोकतंत्र के रक्षक नहीं रहे, बल्कि वे केंद्र की सत्ता के रक्षक हैं।
हाई कोर्ट के फैसले को लेकर सिब्बल ने कहा, ‘कहना नहीं चाहिए लेकिन कहना पड़ता है कि उच्चतम न्यायालय जो फैसले करता है उसे हाई कोर्ट किनारे कर देते हैं। उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ के फैसले का अनुसरण नहीं किया जा रहा है।’ फैसले पर निराश जताते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत निराश हूं। कोई रोशनी नहीं दिखती।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि सचिन पायलट को बताना चाहिए कि वह क्या चाहते हैं और उन्हें यह समझना चाहिए कि 20-25 विधायकों के साथ वह मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को इतनी छोटी उम्र में जो मिला, शायद ही किसी को इतना मिला हो। अब आप (पायलट) क्या चाहते हैं? अगर भाजपा में शामिल होना चाहते हैं तो बताइए। अगर आप अपनी पार्टी बनाना चाहते हैं तो बताइए। यह बताइए कि क्या कोई डील हुई है? बिन बोले होटल में बैठकर काम नहीं चलेगा।
सिब्बल ने कहा, ‘अगर आपकी कोई और चिंता है तो आप बताइए। आप 20-25 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। कांग्रेस के पास राजस्थान में 100 से अधिक विधायक हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इस तरह से सबके सामने तमाशा नहीं बनाना चाहिए। इसमें पार्टी का नुकसान है, आपका नुकसान है, सभी का नुकसान है।
गौरतलब है कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने सचिन पायलट समेत 19 बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भेजे गए अयोग्यता के नोटिसों पर यथास्थिति बरकरार रखने का आज आदेश दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस पार्टी द्वारा शिकायत दिये जाने के बाद इन विधायकों को 14 जुलाई को नोटिस जारी किया था। कांग्रेस ने शिकायत में कहा था कि विधायकों ने पिछले हफ्ते बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिये जारी व्हिप का उल्लंघन किया।