कोरोना वायरस जिसे संक्षिप्त रूप में CoV कहते हैं ,एक बड़े वायरस समूह का हिस्सा है , जैसे (MERS-CoV मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) और SARS-CoV (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम).COVID-19 वर्ष 2019 में नावेल कोरोनावायरस से फैलने वाली संक्रमित बीमारी है . सभी प्रकार के कोरोना वायरस “जूनोटिक” यानी जानवरों से मनुष्य में संक्रमण करने वाले वायरस होते हैं.Covid -19 का प्रथम रोगी चीन के हुबेई प्रांत के बुहान शहर में दिसंबर 2019 में प्रकट हुआ. डब्ल्यूएचओ के अनुसार Covid -19 रोग के लक्षण में श्वसन संक्रमण, बुखार, खांसी ,सांसो का छोटा होना और सांस लेने में तकलीफ मुख्य रूप से सम्मिलित है .गंभीर स्थिति में संक्रमण से निमोनिया, श्वसन में अत्यधिक तकलीफ ,किडनी खराब होने का लक्षण मिले हैं .नाको का बहना, नाक में रुकावट ,गले में खराश या डायरिया के भी लक्षण बहुत से रोगियों में मिले हैं .इस रोग के 80% लोग बिना किसी विशेष इलाज के ठीक हो जाते हैं. 6 रोगी में से 01 रोगी की गंभीर होने का खतरा पाया गया है.बुजुर्ग लोगों में खासकर उन्हें जिन्हें ब्लड प्रेशर, हृदय की समस्या या डायबिटीज है ,गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे है .डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वे लोग जिन्हें बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो रही हो ,उन्हें तुरंत चिकित्सीय सुविधा लेनी चाहिए .लगभग 56000 केस में किए गए एक अध्ययन के अनुसार 88% केस में बुखार ,68% केस में सूखी खांसी, 38% केस में भ्रम, 19% केस में सांसो में तकलीफ, 15% केस में शरीर और जोड़ों में दर्द ,14% केस में गले में खराश, 14% केस में सिरदर्द, 11% केस में ठंड के साथ कपकपी, 5% में उल्टी ,5 % में नाको में संक्रमण और 4% में डायरिया पाया गया है .वर्तमान में Covid -19 मनुष्य से मनुष्य में फैलने वाली बीमारी है. Covid -19 से ग्रसित व्यक्ति के नाक या मुंह से खांसी के छीक से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स जिसे छोटी बूंदें भी कह सकते हैं, का संपर्क दूसरे व्यक्ति को होने पर और व्यक्ति द्वारा अपनी आंख ,नाक, मुंह छूने पर संक्रमण होता है .इसलिए सलाह दी गई है कि Covid -19 से ग्रसित व्यक्ति से कम से कम 3 फीट यानी 1 मीटर की दूरी बनाए रखें .बचाव में सबसे बड़ा सुझाव 20 सेकंड तक हैंडवाश या अल्कोहल मिश्रित हैंडरब से हाथ साफ करना तथा अपनी आंख ,मुंह और नाक को न छूना , दिया गया है .बाहर निकलते समय मास्क का पहनना , खासकर उन क्षेत्रों में जंहा इसका फैलाव हो चुका है ,अत्यंत आवश्यक है .घरेलू पालतू जानवर यथा कुत्ते, बिल्ली आदि से Covid -19 फैलने का कोई साक्ष्य अभी तक नहीं मिला है .15 मार्च 2020 तक 157 देशों के 168834 लोग कोरोना पॉजिटिव थे , जिसमें से 6492 लोगों की Covid-19 से मृत्यु हो चुकी है .76598 लोग ईलाज के बाद ठीक हो चुके है , जबकि 85749 सक्रिय केस है, जिसमे 79831 केस कम खतरे में है, जबकि 5913 केस गम्भीर स्तिथि में है.जहां तक आंकड़ों का सवाल है चीन में अब तक 80849 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 3199 लोगों की मृत्यु हुई है.इटली में 24746 लोग प्रभावित हुए हैं जिसमें से 1809 लोगों की मृत्यु हुई है ,ईरान में 13938 लोग प्रभावित हुए हैं ,जिसमें से 724 लोगों की मृत्यु हुई है, साउथ कोरिया में 8162 लोग प्रभावित हुए हैं जिसमें से 75 लोगों की मौत हुई है ,स्पेन में 7798 लोग प्रभावित हुए हैं ,जिसमें से 292 लोगों की मौत हुई है,जर्मनी में 5813 लोगों में से 11 लोगों की मृत्यु हुई है ,फ्रांस में 5423 में से
127 लोगों की मृत्यु हुई है ,यूएसए में 3397 में से 63 लोगों की मौत हुई है, जापान डायमंड जहाज सहित 1521 लोग प्रभावित हुए हैं ,जिसमें से 29 लोगों की मृत्यु हुई है ,स्विट्जरलैंड में 2217 में से 14 लोगों की मृत्यु हुई है , यूके के 1372 में से 35 लोगों की मृत्यु हुई है,नार्वे में 1246 में से तीन लोगों की मौत हुई है, स्वीडन में 1049 में से 03 लोगों की मृत्यु हुई है , जबकि नीदरलैंड में में 1135 प्रभावित में से 20 लोगों की मृत्यु हुई है.भारत में 110 लोग Covid -19 से प्रभावित है जिसमे से 02 लोगो की मृत्यु हुई है. पिछले एक दिन में यानी 14 मार्च से 15 मार्च बीच इटली में 3590, ईरान में 1209, स्पेन में 1407, जर्मनी में 1214, फ्रांस में 924, अमेरिका में 434, स्विट्जरलैंड में 842 और यू के में 232 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए है.सार्क देशों की स्तिथियों पर नजर डालने पर आंकड़े बताते है कि भारत में 110,पाकिस्तान में 53,अफगानिस्तान में 16 ,मालदीव में 13, श्रीलंका में 18, बांग्लादेश में 05 ,नेपाल में एक तथा भूटान में एक Covid -19 प्रभावित व्यक्ति पाए गए है . जंहातक मृत्यु दर और उम्र के साथ सहसंबंध की बात है ,72314 केस के अध्ययन के उपरांत जो आंकड़े प्राप्त हुए हैं उसके अनुसार 60 वर्ष से ज्यादे आयु के लोगों में मृत्यु दर अधिक पाई गई हैं. 60 से 69 वर्ष में यह दर 3.6% ,70 से 79 वर्ष में यह दर 8.0% और 80 से ज्यादा उम्र यह 14.08 % है ,जबकि 40 से 49 ,30 से 39 और 20 से 29 आयु वर्ग में यह मात्र 0.2% है शून्य से 9 आयु वर्ग के लोगों में अब तक कोई मृत्यु नहीं हुई है .इस रोग का मुख्य प्रभाव बुजुर्गों में अधिक मात्रा में देखा गया है.
लिंग के आधार पर पुरुषों में मृत्यु दर 4.7% है ,जबकि महिलाओं में यह मात्र 2.8 % है. पहले से रोगी होने पर Covid -19 का प्रभाव ज्यादा दिखाई दिया है .अध्ययन के आंकड़ों के अनुसार हृदय संबंधी रोगी 13.2%, डायबिटीज 9.2% ,श्वास संबंधी रोग 8.0%, हाई ब्लड प्रेशर 7.6 % लोगों की मृत्यु Covid -19 से हुई है .आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान में कोराना वायरस से प्रभावित लोगों में आशातीत वृद्धि हुई है .शून्य से 100000 तक प्रभावित लोगों की संख्या पहुंचने में जहां 97 दिन लगे ,वही एक लाख से डेढ़ लाख पहुंचने में मात्र 8 दिन लगे ,इससे इसके फैलाव एवं व्यापकता का अंदाजा लगाया जा सकता है. ईरान में 19 फरवरी को केवल 2 केस थे ,जो 2 मार्च को बढ़कर 1501 हो गए जबकि वह 14 मार्च को 12729 हो गया. फ्रांस में 23 फरवरी को 12 केस थे जो 2 मार्च को 191 केस हो गया ,जो 14 मार्च को बढ़कर 4499 हो गया . इटली में 15 फरवरी को मात्र 3 केस था ,जो 29 फरवरी को 1128 हो गया, मात्र 14 दिनों में यानी 14 मार्च तक यह आंकड़ा 20,000 से ज्यादा बढ़कर 21157 हो गया .उल्लेखनीय है कि इटली का यह आंकड़ा 10 मार्च को 10149 था ,जो 14 मार्च को बढ़कर 21157 हो गया यानी कि 4 दिनों में 10000 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव पाए गए. चीन का आंकड़ा 22 जनवरी को 571 कोरोना पॉजिटिव था,जो 31 जनवरी को 11791 हो गया, 1 फरवरी से लेकर 29 फरवरी तक यानी पूरे फरवरी माह में यह बढ़कर 79824 हो गया .उल्लेखनीय है कि 1 मार्च से लेकर 14 मार्च तक यानी कि गत 14 दिनों में इसमे मात्र 1020 केसों की वृद्धि हुई है.यानी चीन में उत्पन्न हुआ Covid -19 अब अपना एपीसेंटर चीन से बदलकर यूरोप की तरफ रुख कर चुका है .जहां तक Covid -19 का विश्व के आर्थिक दुश्प्रभाव का प्रश्न है, तो ब्लूमबर्ग ने अपने एक अध्ययन में कहा है कि कोरोना वायरस के प्रभाव से विश्व की जीडीपी जो 3.1 % आंकलित थी, घटकर 2.3 % होने की उम्मीद है ,इससे लगभग 2.7 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है ओईसीडी के आकलन के अनुसार वर्ष 2019 में विश्व का जीडीपी 2.9 % था,जो अब घट कर 2.4% होने की उम्मीद है। यह फिसलकर 1.5 % तक आ सकती है. Covid -19 से टूरिस्ट और ट्रेवल क्षेत्र में सर्वाधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ा है ,जहां पर रोजगार छीनने तथा टूरिज्म आधारित अर्थव्यवस्था वाले देशों में आर्थिक मंदी देखने को मिल रही है।कोरोना के कारण एविएशन इंडस्ट्री , वस्तुओ के आयात निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ा है .अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल देखी गई है।उपरोक्त आंकडे हमें कोई न कोई संदेश भी दे रहे है. कोरोना के फैलाव के कारणों का जिक्र ऊपर किया जा चुका हैं .सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात सामाजिकता से दूरी एक प्रमुख बचाव के रूप में उभर कर सामने आया है .यदि हम जब से पहला देश कोरोना से प्रभावित होकर सामने आया है तब से के आंकड़ों को यदि x-अक्ष पर व प्रत्येक दिन पॉज़िटिव आने वाले केस को y-अक्ष पर रखें ,तो हमे दो curve प्राप्त होगा । बिना सामाजिक अवरोध के आंकड़ों में आशातीत वृद्धि होगी और curve का स्वरूप शिखर लिए होगा तथा जबकि सामाजिक अवरोध यानी बचाव के साथ यह संख्या कम होगी और Flatten Curve यानी चपटा curve प्राप्त होगा .
इटली ने कोरोना पॉजिटिव केस की अधिकता के कारण लॉकडाउन घोषित कर लोगों की आवाजाही व व्यापार को रोका है । इसी प्रकार की कड़ी पाबंदी चीन ने भी लगाई थी जहां आश्चर्यजनक रूप से पॉजिटिव केस में कमी आई है। कई देशों ने स्कूलों , कालेजों को बंद कर दिया है तथा लोगों को एकत्रित होने तथा एकत्रित करने वाले कार्यक्रम पर पाबंदी लगा दिया है। भारत के कई राज्यों ने भी स्कूल -कॉलेज माल ,स्विमिंग पूल ,जिम बंद कर सोशल डिस्टेंसिंग करने की कोशिश की है । विदेश से आने वाले यात्रियों को 14 दिनों के इनकमवेशन पीरियड के लिए क्वॉरेंटाइन में रखने की व्यवस्था संक्रमण न फैलने के एक प्रमुख उपाय के रूप में सारे देश अपना रहे है। विदेश न जाने की सलाह भी दी जा रही है. पूरे विश्व में सैकड़ो फ्लाइट रद्द की जा चुकी गई है. कोरोना वायरस से अधिक प्रभावित देशों के लोगो को वीसा देने पर पावंदी लगाई गई है. अब सबसे बड़ा दायित्व उस व्यक्ति का है जिसमें इस रोग का लक्षण है ,उसे बिना लोगों के घुले मिले स्वयं कंट्रोल सेन्टर से संपर्क कर जांच करवानी चाहिए और जरूरत पड़ने पर इनकमवेशन पीरियड के लिए क्वॉरेंटाइन में रहना चाहिए. यह सबसे बड़ी सामाजिकता होगी.इस रोग का वाहक वाहक ड्रापलेटस है, इसके संपर्क से दूर रहना ही इससे वचने का उपाय है. इसे सुनिश्चित करने का सर्वोत्तम बचाव सोशल डिस्टेंस यानी सामाजिकता और सामूहिकता को दूर करने का प्रयास है .आर्थिक हानि को दोबारा प्राप्त किया जा सकता है ,परंतु मनुष्य की हानि दोबारा प्राप्त नही की जा सकती .भारत में भी कोरोना को नोटिफाइड आपदा के श्रेणी में रखकर आपदा फंड का प्रयोग करने का अधिकार राज्यों को दे दिया है .भारत ने सार्क के बैनर तले सामूहिक रूप से दक्षिण एशिया के देशों की लड़ाई लड़ने का नेतृत्व करने का ऐलान किया है. 10 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता और दवाएँ, उपकरण और विशेषज्ञ उपलब्ध कराने की घोषणा की है. अमेरिका ने भी इमरजेंसी घोषित कर इसके लिए कानूनी उपाय किये है और इससे लड़ने के लिए वित्त का प्रबंध किया है .डब्ल्यूएचओ ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे वैश्विक आपदा घोषित कर इसके खतरों से आगाह किया है. सोशल डिस्टेंसिंग यानी अपनी सामाजिकता को प्रतिबंधित करते हुए और मानक स्वच्छता अपना कर इस संक्रामक रोग से लड़ने में हम सरकार ,प्रशासन और समाज को अपना योगदान दे सकते है.
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