दिवाली के बाद फैल रहे प्रदूषण से बढ़ सकते है कोरोना के मामले : AIIMS डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया
Ten News Network
New Delhi: दिवाली के तीन दिन बाद भी दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से कोई राहत नहीं है, पूरा शहर धुंध की चादर से ढका हुआ है। खराब हवा के कारण लगातार लोगों ने सांस लेने और आंखों में खुजली की शिकायत की है। अब इसे लेकर AIIMS के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि प्रदूषण बढ़ने के साथ ही कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
कोरोना के मामलों के साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदूषण का श्वसन स्वास्थ्य पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। खासकर उन लोगों में जिन्हें फेफड़ों की बीमारी और अस्थमा है। न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में गुलेरिया ने कहा कि प्रदूषण फेफड़ों को प्रभावित करता है और इससे बीमारी का स्तर और खराब हो सकता है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि दिल्ली की हवा सिगरेट के धुएं से ज्यादा खतरनाक हो गई है।
उन्होंने कहा की दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा था, लेकिन इसके बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई। शुक्रवार की सुबह दिल्ली में पटाखों से प्रदूषण का स्तर गंभीर हो गया। डॉ गुलेरिया ने आगे कहा कि अक्टूबर और नवंबर के दौरान हवा में कम गति, पराली जलाने और पटाखे फोड़ने के कारण प्रदूषक जमीनी स्तर पर बस जाते हैं और इसलिए प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इस दौरान केवल सांस के रोगियों के लिए समस्या ही चिंता का विषय नहीं है। जिन रोगियों को हृदय संबंधी समस्या है, विशेष रूप से जिन्हें फेफड़े की बीमारी है, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, सीओपीडी या दमा के रोगी को भी सांस लेने में समस्या का सामना करना पड़ता है। इस कारण उन्हें इनहेलर पर निर्भर होना पड़ता है।