बढ़ते प्रदूषण को देख पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का बयान , ‘बायो डिकॉम्पोज़र’ के असर को देखने के लिए 15 सदस्यी कमेटी का किया गठन
ROHIT SHARMA
नई दिल्ली :– दिल्ली में प्रदूषण की चादर हर तरफ बिछी हुई है। दिल्ली की हवा बदतर स्थिति में पहुंच गई है। दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण पराली को माना जा रहा है। क्योंकि पड़ोसी राज्यों द्वारा पराली जलाने की संख्या में हर रोज वृद्धि देखी जा रही है और दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलने से उत्पन्न धुंए की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से ज्यादा हो गई है।
इस समस्या को खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार ने पुसा के साथ मिलकर एक घोल तैयार किया है। जो दिल्ली के किसानों ने अपने खेतों में छिड़काव किया और यह परिक्षण सफल रहा है।
इसको लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पराली को खाद में बदलने के लिए पूसा के साथ मिलकर दिल्ली सरकार ने बायो डिकॉम्पोज़र का नि:शुल्क छिड़काव दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में किया है।
अब तक 1800 एकड़ खेतों में बायो डिकॉम्पोज़र का छिड़काव हो चुका है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार बायो डिकॉम्पोज़र के इम्पैक्ट को देखने के लिए 15 सदस्य कमेटी का गठन कर रही है जो इसकी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट को हम सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी रखेंगे।
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है कि पड़ोसी राज्य सरकारें पराली जलाने वाले किसानों पर मुक़दमे कर रहीं हैं और उन्हें गिरफ़्तार कर रहीं हैं। मेरी सभी सरकारों से अपील है कि गरीब किसान को सताया ना जाए।
उन्होंने आगे कहा कि ने एक घोल बनाया है जिसके छिड़कने से 20 दिन में पराली खाद बन जाती है। हमने इस साल सारी दिल्ली के खेतों में फ़्री में इस घोल का छिड़काव किया। बहुत बढ़िया नतीजे आए। घोल बहुत सस्ता है। इस घोल को आप भी अपने सभी किसानों को मुफ़्त दीजिए, वो कभी पराली नहीं जलाएंगे।